SBI cuts MCLR by 5 bps across tenors
नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समीक्षा के एक दिन बाद सभी परिपक्वता अवधि के ऋण पर सीमांत कोष की लागत आधारित ब्याज दर (एमसीएलआर) में 0.05 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है। बैंक ने कहा कि नई दरें 10 फरवरी से प्रभावी होंगी।
बैंक द्वारा चालू वित्त वर्ष में एमसीएलआर में यह लगातार नौवीं कटौती है। बैंक ने एक बयान में कहा कि इस कटौती के बाद एक साल की परिपक्वता अवधि वाले ऋण का एमसीएलआर कम होकर 7.85 प्रतिशत पर आ गया है। बैंक ने एमसीएलआर में यह कटौती रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक के नतीजों की घोषणा के एक दिन बाद की है।
रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद गुरुवार को रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत बनाए रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने एक लाख करोड़ रुपए तक की राशि के लिए दीर्घकालिक रेपो की घोषणा की। इससे वाणिज्यिक बैंकों के लिए कर्ज जुटाना सस्ता हो गया। एसबीआई ने कहा कि उसने बैंकिंग प्रणाली में तरलता की अधिकता को देखते हुए दो करोड़ रुपए से कम के खुदरा जमा तथा दो करोड़ रुपए से अधिक के थोक जमा की ब्याज दरों में भी संशोधन किया है।
खुदरा जमा के लिए ब्याज दर में 0.1 से 0.5 प्रतिशत तक की तथा थोक जमा में 0.25 प्रतिशत से 0.50 प्रतिशत तक की कटौती की गई है। नई दरें 10 फरवरी से प्रभावी होंगी।






































