
सरकारी कर्मचारियों द्वारा एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के तहत विकल्प चुनने की अंतिम तिथि को सरकार ने सोमवार को अगले तीन महीने के लिए बढ़ा दिया है। अब एकीकृत पेंशन योजना के तहत कर्मचारी विकल्प 30 सितंबर 2025 तक चुन सकेंगे। वित्त मंत्रालय की तरफ से इस बात की घोषणा की गई। पीटीआई की खबर के मुताबिक, इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी। उन्हें चुनाव करने के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा।
विभिन्न हितधारकों से मिले अनुरोध के बाद फैसला
खबर के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे पहले, पात्र कर्मचारियों, जिनमें मौजूदा कर्मचारी, रिटायर कर्मचारी और मृतक सेवानिवृत्त कर्मचारियों के जीवनसाथी शामिल हैं, को योजना के तहत अपना विकल्प चुनने के लिए 30 जून तक तीन महीने का समय दिया गया था। विभिन्न हितधारकों से विस्तार का अनुरोध करने वाले प्राप्त अभ्यावेदनों को देखते हुए, केंद्र ने यूपीएस के लिए विकल्प चुनने की आखिरी तारीख को तीन महीने बढ़ाकर सितंबर 2025 तक करने का फैसला किया है।
किन कर्मचारियों पर लागूह होता है यूपीएस
यूपीएस उन केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों पर लागू होता है जो राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत आते हैं और जो 1 जनवरी, 2004 को लागू हुए एनपीएस के तहत इस विकल्प को चुनते हैं। यूपीएस और एनपीएस के बीच चयन करने के लिए 23 लाख सरकारी कर्मचारियों द्वारा विकल्प का प्रयोग किया जा सकता है। 24 अगस्त, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यूपीएस को मंजूरी दी। पुरानी पेंशन योजना के तहत, जो जनवरी 2004 में खत्म हो गई थी, कर्मचारियों को उनके अंतिम आहरित मूल वेतन का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में मिलता था।
इस तारीख से लागू होगी यूपीएस
UPS के संचालन की प्रभावी तारीख 1 अप्रैल, 2025 होगी। पुरानी पेंशन प्रणाली के विपरीत, UPS प्रकृति में अंशदायी है, जिसमें कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता (केंद्र सरकार) का योगदान 18. 5 प्रतिशत होगा। हालांकि, अंतिम भुगतान उस फंड पर बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी लोन में निवेश किया जाता है।