नई दिल्ली। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) म्युचूअल फंड द्वारा लिये जाने वाले अतिरिक्त खर्च में 0.15 प्रतिशत की कटौती पर विचार कर रहा है। निवेशकों के बीच म्युचूअल फंड को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह प्रस्ताव म्युचूअल फंड के बारे में सेबी द्वारा किये गये आंतरिक अध्ययन पर आधारित है। इस प्रस्ताव पर सेबी के निदेशक मंडल की इस सप्ताह होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा।
अधिकारियों ने कहा कि प्रस्ताव के अनुसार हर तरह की म्युचूअल फंड योजनाओं का अतिरिक्त शुल्क 0.20 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत किया जाएगा। इसकी हर दो साल में समीक्षा की जाएगी। सेबी ने म्युचूअल फंड को संपत्ति प्रबंधन पर 0.20 प्रतिशत की दर से अतिरिक्त शुल्क लगाने की स्वीकृति 2012 में दी थी। सेबी म्युचूअल फंड से संबंधित दी जाने वाली जानकारियों का निवेशकों के लिए सहज इलेक्ट्रॉनिक रूप में भी उपलब्ध कराने के लिए नियामकीय रूपरेखा में बदलाव पर विचार कर रहा है।
इसके तहत म्युचूअल फंड को अपनी वेबसाइट पर सभी योजनाओं में उपभोक्ताओं से वसूले गये कुल खर्च शुल्क की जानकारी रोजाना देनी होगी। इसके अलावा उन्हें शुद्ध संपत्ति मूल्य की जानकारी निवेशकों को एसएमएस के माध्यम से भी देनी होगी। फिलहाल 42 म्युचूअल फंड कंपनियां 22 लाख करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति का प्रबंधन कर रही हैं।