पार्ट टाइम जॉब करते हैं तो भी ले सकते हैं पर्सनल लोन। कई बैंक आसानी से लोन मुहैया करा रहे हैं।
रीयल एस्टेट सेक्टर का मानना है कि बीते 10 सालों में सरकार की नई नीतिगत सुधारों का मजबूत सपोर्ट मिला है। इस दौरान घरों की डिमांड और कीमतों में भी शानदार ग्रोथ देखने को मिली। इससे नौकरियों के मौके तेजी से बढ़े।
भारत में रोजगार की गाथा सिर्फ वेतन तक सीमित नहीं है। लचीलापन, कामकाज का तरीका और पेशेवर वृद्धि के अवसर नौकरी बदलने में महत्वपूर्ण हो रहे हैं, जो एक परिपक्व तथा समग्र रोजगार परिवेश को दर्शाते हैं।
मार्च, 2023 से मार्च, 2024 तक के भर्ती आंकड़ों के विश्लेषण से तैयार रिपोर्ट से पता चलता है कि ग्राहकों को अस्थायी रूप से सेवाएं देने वाले पेशेवरों या फ्रीलांस काम में एक साल पहले की तुलना में 184 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
कई कर्मचारी बेल के साथ लंबे समय से जुड़े थे। कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संघ यूनिफ़ोर ने कंपनी के इस फैसले को शर्मनाक से भी परे बताया है। बेल ने पहले फरवरी में 4,800 पदों को खत्म करने की योजना की घोषणा की थी।
जोड़े गए नए सदस्यों में 18-25 साल की आयु वर्ग के अधिकांश सदस्य हैं। इनकी संख्या जनवरी 2024 में जोड़े गए कुल नए सदस्यों का 56.41 प्रतिशत है।
चन्द्रशेखरन ने कहा कि इन संयंत्रों के लगने से बड़ी संख्या में नौकरियां पैदा होंगी। उन्होंने कहा कि यह केवल शुरुआत है। आगे चलकर इसका विस्तार होगा। हम यहां 50,000 नौकरियां और असम के संयंत्र में 20,000-22,000 नौकरियां तलाश रहे हैं। लेकिन इसमें समय लगेगा।
श्रमबल जनसंख्या का वह समूह है जो वस्तुओं एवं सेवाओं के उत्पादन के लिए आर्थिक गतिविधियां तेज करने को श्रम की आपूर्ति करता है या आपूर्ति करने की पेशकश करता है।
सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि एविएशन इंडस्ट्री भी बड़े पैमाने पर प्रदेश में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने जा रही है। इस सेक्टर में सबसे बड़ा निवेश एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्रा. लि. द्वारा किया जा रहा है।
ऑटो,बैंकिंग, उद्योग-इंजीनियरिंग और तमाम क्षेत्रों में कंपनियां आने वाले दिनों में जॉब कटौती करेगी। कंपनियों ने पहले ही अनाउंस कर दिया है कि कितने कर्मचारियों को नौकरी से हटाया जाएगा।
नौकरियों पर एआई के असर को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। खासकर 250 अरब डॉलर से ज्यादा के भारतीय प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए यह बात कही जा रही है, जो देश के कुल जीडीपी में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर सिद्धार्थ निगम ने कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण महज लाभ की उम्मीदों पर आधारित नहीं है। लगभग 83 प्रतिशत भारतीय मिड-मार्केट कंपनियों को आने वाले वर्ष में राजस्व में वृद्धि की उम्मीद है, क्योंकि देश का विशाल घरेलू बाजार आकर्षक अवसर प्रदान करता है।
नई नियुक्तियों के लिए तैयार टॉप इंडस्ट्रीज में 88 प्रतिशत पर इलेक्ट्रिक वाहन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र है। उद्योग का रुख देखा जाए तो मेडिकल और दवा क्षेत्र की 86 प्रतिशत कंपनियां अपने कार्यबल में विस्तार के लिए तैयार हैं।
टीसीएस के सीईओ के. कृतिवासन का यह बयान उस रिपोर्ट के बीच आया है जिसमें कहा गया है कि सॉफ्टवेयर उद्योग अपने प्रमुख बाजारों से मांग कम होने के कारण नियुक्तियों में नरमी बरत रहा है और उनमें से कुछ तो कैंपस में छात्रों को किए गए ऑफर से भी पीछे हट रहे हैं।
जोड़े गए कुल नए सदस्यों में 18-25 आयु वर्ग की हिस्सेदारी 57.18 प्रतिशत है। इससे पता चलता है कि देश के संगठित क्षेत्र के कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश सदस्य युवा हैं।
टेस्ला पावर इंडिया के भर्ती अभियान में इंजीनियरिंग, परिचालन, बिक्री, विपणन एवं समर्थन कार्यों से जुड़े पद शामिल होंगे। इससे युवाओं के लिए नौकरी के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे।
डॉयचे बैंक (Deutsche Bank) बड़े पैमाने पर छंटनी करने जा रहा है। बैंक की तरफ से कहा गया है कि वह अपने 3500 कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगा।
इस साल नौकरियों में कटौती जारी रहेगी, क्योंकि कंपनियां कार्यभार को हल्का करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) सॉफ्टवेयर और ऑटोमेशन को अपनाने पर विचार कर रही हैं।
यूनियन का कहना है कि कंपनी के लिए कर्मचारियों को निकालना जारी रखना अस्वीकार्य है जबकि वह हर तिमाही में अरबों कमाती है। हम तब तक लड़ते रहेंगे जब तक हमारी नौकरियां सुरक्षित नहीं हो जातीं!
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