CBDT ने पहले ही साफ कर दिया है कि उसने किसी अधिकारी को टैक्स दरों पर रिपोर्ट बनाने को नहीं कहा
टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) को लेकर सरकार ने नियमों में बदलाव किया है।सीबीडीटी ने सर्कुलर जारी करते हुए कर्मचारियों को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 206-AA के तहत अपने नियोक्ता को पैन और आधार नंबर देना अनिवार्य कर दिया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकरदाताओं को जुर्माना देकर अपने कर अपराध का निपटान कराने के अवसर की समयसीमा यानी लास्ट डेट 31 जनवरी 2020 तक बढ़ा दी है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने पैन (स्थायी खाता संख्या) को आधार से जोड़ने की अंतिम तिथि को बढ़ाकर मार्च 2020 कर दिया। इससे पहले यह तारीख मंगलवार (31 दिसंबर 2019) थी।
ई-आकलन प्रणाली के तहत भेजे गए आयकर विभाग के नोटिस पर जवाब देने की समय सीमा अगले साल 10 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।
आयकर कानून की धारा 208 के अनुसार, उस प्रत्येक व्यक्ति को, जिसकी एक वित्त वर्ष के लिए अनुमानित टैक्स देनदारी 10,000 रुपए या इससे अधिक है, एडवांस में टैक्स जमा कराना होता है
इन सभी अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के अलावा अन्य संगीन आरोप हैं और ये सभी सीबीआई की जांच के घेरे में हैं।
कर विभाग ने साझा रिपोर्टिंग मानकों के तहत सूचनाओं का स्वत: आदान-प्रदान सहित प्रक्रियाओं की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए वेब पोर्टल शुरू किया है।
मोदी ने कहा कि करदाताओं को टैक्स रिफंड की वापसी सुगमता से की जा रही है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने गुरुवार को नव-निर्मित केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में सभी प्रकार के आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा को बढ़ाकर 30 नवंबर कर दिया।
नए नियम के मुताबिक, 1 नवंबर 2019 से कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट लेना अनिवार्य है। इसके अलावा ग्राहक या मर्चेंट्स से डिजिटल पेमेंट के लिए कोई भी शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) नहीं वसूला जाएगा।
सीबीडीटी के मुताबिक, आयकर विभाग ने 11 अक्टूबर को नामक्कल, तमिलनाडु में स्थित एक व्यापार समूह के मामले में खोज अभियान चलाया।
आकलन वर्ष 2018-19 में करोड़पति करदाताओं की संख्या 20 प्रतिशत बढ़कर 97,689 पर पहुंच गई है। राजस्व विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी कर रिटर्न आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।
भ्रष्टाचार और अवैध गतिविधियों में संलिप्त अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाने के अभियान के चौथे चक्र में सरकार ने 15 और कर अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत कर दिया।
सरकार ने आठ अक्टूबर से कर रिटर्न का चेहरा रहित और नाम रहित ऑनलाइन आकलन करने की सुविधा शुरू करने की घोषणा की है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आडिट रिपोर्ट की आवश्यकता वाले विशेष मामलों के लिये आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा करने की अंतिम तिथि 31 अक्ट्रबर तक बढ़ा दी है। पहले यह समयसीमा 30 सितंबर रखी गई थी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत दी है। आयकर अपराधों को आपसी समझौते के जरिये निपटाने को लेकर सरकार ने सुविधा शुरू की है। करदाता 31 दिसंबर 2019 तक एक बार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के ताजा निर्देश में यह कहा गया है।
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने चालू वित्त वर्ष के शुरुआती पांच माह में कराधान मामले के 26 अग्रिम मूल्यांकन समझौते (एपीए) किये हैं। सीबीडीटी की यहां जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई है।
कोई व्यक्ति आधार का उपयोग कर रिटर्न दाखिल करता है और उसके पास पैन संख्या नहीं है तो यह मान लिया जाएगा कि उसने पैन जारी करने के लिए आवेदन कर दिया है।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने स्टार्टअप कंपनियों से जुड़ी शिकायतों के निवारण के लिए एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया है। इस संबंध में शुक्रवार को अधिसूचना जारी कर दी गई। पांच सदस्यीय यह प्रकोष्ठ एंजल कर एवं अन्य कर से जुड़ी समस्यों को देखेगा।
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