निजी क्षेत्र के कोटक महिंद्रा बैंक ने बृहस्पतिवार को निश्चित परिपक्वता अवधि वाली सावधि जमा (एफडी) पर ब्याज दर में 0.25 (चौथाई) प्रतिशत तक की वृद्धि की घोषणा की।
आयकर के नियमों के अनुसार आपकी FD पर ब्याज 40,000 रुपये से अधिक होता है तो बैंक इस पर मिलने वाले ब्याज पर TDS काटते हैं। यदि आप सीनियर सिटिजन हैं तो आपको 10000 की छूट मिलती है, यानि 50,000 रुपये के बाद TDS काटा जाता है।
आपको बता दें कि अप्रैल 2022 से रेपो रेट 2.5 प्रतिशत बढ़कर 4 प्रतिशत से 6.5 प्रतिशत हो गया है। इसके चलते बैंकों ने एफडी पर दी जाने वाल दरों में बढ़ोतरी की है।
आरबीआई द्वारा रेपो रेट में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए बैंकिंग विशेषज्ञों ने कहा कि फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों के लिए यह एक अच्छी खबर है क्योंकि बैंक डिपॉजिट दरें बढ़ाएंगे।
FD Investment: भारतीयों के बीच एफडी की लोकप्रियता के पीछे के कारणों को समझने के लिए लगभग 16 लाख निवेशकों का सर्वेक्षण किया गया। सेबी ने भी अलग से एक रिपोर्ट तैयार की दोनों में एक ही बात सामने आई।
गौरतलब है कि महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई रेपो दर में बढ़ोतरी कर रहा है। मई से लेकर अब तक आरबीआई 2.25% की दर में वृद्धि कर चुका है।
रिजर्व बैंक द्वारा रेपो रेट बढ़ाने के बाद बैंकों में ब्याज दरें बढ़ाने की होड़ लगी हुई है। सरकारी बैंक से लेकर स्मॉल फाइनेंस बैंक और एनबीएफसी तक फिक्स डिपॉजिट पर अच्छा ब्याज दे रहे हैं।
FD के जरिए निवेश करने की सोच रहे निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर आई है। इस बैंक ने 9.36 फीसदी का ब्याज देने का ऐलान किया है।
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि अगर पुरानी एफडी को मैच्योर होने से 6 से 9 महीने का समय बचा है तो उसे तोड़कर नई एफडी करना फायदे का सौदा नहीं होगा।
यदि कोई सीनियर सिटीजंस इस बैंक में FD करवाता है तो उसे 50 बेसिस पॉइंट अधिक यानि 8.25 फीसदी ब्याज मिलेगा।
यस बैंक में आप रेपो रेट में हालिया बढ़ोतरी के बाद, 18 महीने और उससे अधिक की अवधि वाली एफडी पर 7.85% की ब्याज दर प्राप्त कर सकते हैं।
FD के बारे में लोगों के मन में जो सबसे पहला ख्याल आता है वो ये है कि अगर तय समय से पहले FD तोड़ते हैं तो बैंक के तरफ से सिर्फ जमाकर्ता की मुलधन वापस की जाती है, लेकिन अब ये बदल गया है। ये बैंक ब्याज भी दे रहा है।
बैंक में FD कराना तो आसान है लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि अगर किसी कारणवश आपको Maturity Date से पहले FD तोड़ने की जरूरत पड़ गई तो आप क्या करेंगे? इस खबर में ऐसे ही सवालों के जवाब जानिए।
अगर आप एक बेहतर FD रेट की तलाश में है ताकि आपको अधिक से अधिक रिटर्न मिल सके तो फिलहाल के लिए रूक जाइए और इंडिया टीवी की इस खबर को पढ़िए, जिससे की आपको ये पता चल सके कि FD निवेश के पांच बड़े नुकसान क्या होते हैं।
अगर आप Fixed Deposits और Debt Mutual Funds में से किसी एक में निवेश करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए है। अगर आप असमंजस की स्थिति में हैं कि किसमें पैसा लगाने से मोटा मुनाफा होगा तो आप इसमें हमारे द्वारा बताए गए पांच बातों पर नजर डाल सकते हैं।
अगर आप एफडी पर अधिक ब्याज चाहते हैं तो auto-renewal विकल्प से बचें। बैंक आमतौर पर फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश करने वाले ग्राहकों को ऑटो-रिन्यूअल का विकल्प देते हैं।
बैंकों ने एफडी निवेशकों को अभी तक पूरी रेट हाइक का लाभ नहीं दिया है, इसलिए आने वाले महीनों में एफडी पर ब्याज दर में और वृद्धि होने की संभावना है। आपको एक खास स्ट्रैटेजी के साथ निवेश करना होगा।
भारत में बढ़ती महंगाई के बीच बैंको के तरफ से FD पर दिए जाने वाले इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी की जा रही है। RBI के तरफ से रेपो रेट दर में वृद्धि करने का फैसला इसके पीछे की वजह बना है।
उम्मीद है कि जल्द ही एफडी पर ब्याज दर 8 फीसदी के करीब पहुंच जाएगी। छोटे बैंक ब्याज दरें बढ़ाने में काफी आगे रहेंगे।
Fixed Deposit की ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने के बाद से सुरक्षित और अच्छे रिटर्न की तलाश करने वाले निवेशकों के पास बैंक FD में निवेश करना एक बेहतर विकल्प बन गया है। हालांकि, बॉन्ड (Bond) में निवेश भी बेहतर रिटर्न के ऑप्शन के रूप में अपनी जरूरतों के आधार पर पूरा खरा उतरता है।
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