सरकार के द्वारा प्याज के निर्यात पर लगी रोक हटाने के बाद दो दिनों में कीमत में लगभग 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह, राष्ट्रीय राजधानी में प्याज की खुदरा कीमत में भी 25-42 प्रतिशत तक की वृद्धि देखने को मिली है।
सरकार ने सोमवार को प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर लगाई गई रोक को अगले साल एक जनवरी से हटाने का फैसला किया है।
सरकार ने सभी तरह के प्याज के निर्यात पर लगी रोक को हटा लिय़ा है। कीमतों में तेज उछाल को देखते हुए सरकार ने सितंबर में प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी
कृषि मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक बयान में कहा कि बाजार में प्याज की ऊंची कीमतों को लेकर आम लोगों में चिंता है। इसको देखते हुए प्याज आयात के नियमों में दी गयी ढील को 31 जनवरी, 2021 तक बढ़ाया जा रहा है। हालांकि, यह छूट कुछ शर्तों के साथ दी गई है।
इस साल जब प्याज की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई थी तो सरकार को अफगानिस्तान से प्याज का आयात करना पड़ा था।
देश की राजधानी दिल्ली में सोमवार को प्याज का खुदरा भाव 50 से 70 रुपये प्रति किलो चल रहा है जबकि थोक भाव 47 रुपये प्रति किलो तक था जो कि दिवाली से पहले 42 रुपये प्रति किलो तक गिर गया था। कारोबारियों की मानें तो दिसंबर से पहले महंगे प्याज से राहत मिलने के आसार कम है।
देश में प्याज का उत्पादन फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) में पिछले साल से 17 फीसदी ज्यादा होने पर भी घरेलू आपूर्ति का टोटा हो गया है और प्याज घरेलू खपत के मुकाबले आपूर्ति की कमी दूर कर इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए भारत को विदेशों से प्याज मंगाना पड़ रहा है।
नाफेड ने कहा कि इस बार उसने प्याज की गुणवत्ता और आकार पर खासतौर से जोर दिया है, जो भारतीय उपभोक्ताओं की पसंद से मेल खाता हो।
राजस्थान के उदयपुर और पश्चिम बंगाल में बीरभूम जिले के रामपुरहाट में प्याज की कीमत सबसे कम 35 रुपये किलो है। राष्ट्रीय राजधानी में प्याज का खुदरा मूल्य 65 रुपये किलो, कोलकाता में 70 रुपये किलो और चेन्नई में 72 रुपये किलो रहा है।
भारत इस समय ईरान, मिस्र, तुर्की और हॉलैंड के साथ-साथ अफगानिस्तान से प्याज आयात कर रहा है।
आलू और प्याज के दाम आज आम लोगों की पहुंच से दूर हो रहे हैं। इस समय एक-एक किलो आलू और प्याज खरीदने के लिए 150 रुपये भी पर्याप्त नहीं हैं।
बोली जमा करने की अंतिम तारीख 4 नवंबर है और प्राप्त होने वाली बोलियों को उसी दिन खोला जाएगा।
आलू की आपूर्ति में सुधार के बारे में मंत्री ने कहा कि हम कीमतों को काबू में लाने के लिए करीब 10 लाख टन आलू का आयात करने जा रहे हैं और यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि ग्राहकों को त्योहारों के दौरान सब्जी सस्ते दाम पर मिले।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अगस्त के दौरान 5.7 लाख डॉलर के प्याज बीज का निर्यात हुआ है। वहीं 2019-20 के पूरे वित्त वर्ष में प्याज बीज का निर्यात 35 लाख डॉलर रहा था। डीजीएफटी कीमतों पर अंकुश के लिए प्याज के निर्यात पर पहले ही रोक लगा चुका है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में प्याज उत्पादकों और व्यापारियों से बातचीत करते हुए पवार ने बुधवार को कहा कि निर्यात प्रतिबंध और व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा को हटाने के लिए एक वृहद नीति की जरूरत है।
सरकार ने प्याज की ऊंची कीमतों से निपटने के लिए 1 लाख टन प्याज का आयात करने का फैसला लिया है। ये प्याज अफगानिस्तान से खरीदा जाएगा। योजना के मुताबिक हर दिन देश में 4000 टन प्याज आएगा।
दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्याज की दैनिक आवक बढ़ कर 530 टन से अधिक हो गयी है। मुंबई में आवक 885 टन से बढ़कर 1,560 टन हो गयी है। चेन्नई में प्याज की आवक 1,120 टन से बढ़ कर 1,400 टन और बेंगलुरु में 2,500 टन से बढ़कर 3,000 टन तक पहुंच गयी है।
सरकार के पास प्याज का महज 25 हजार टन का सुरक्षित भंडार (बफर स्टॉक) बचा हुआ है। यह स्टॉक नवंबर के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जायेगा। नाफेड के प्रबंध निदेशक संजीव कुमार चड्ढा ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
पहले 60 रुपए किलो मिलने वाली प्याज की कीमत 80 से लेकर 100 रुपए किलो तक पहुंच गई है।
भारी बारिश के कारण उत्पादक क्षेत्रों में खड़ी प्याज की फसल को नुकसान और नई फसल के बाजार में पहुंचने में अभी कुछ समय बाकी रहने से प्याज की कीमतों में तेज उछाल देखने को मिल रहा है। देश की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत मूल्य 10 महीने का उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है।
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