कृषि जिंस एक्सचेंज NCDEX ने दलहन विशेषरूप से चना, तुअर और उड़द का वायदा कारोबार फिर शुरू करने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड से अनुमति मांगी है।
पिछले एक साल के दौरान दालों की कीमतों में अच्छी गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान दालें करीब 30 फीसदी सस्ती हो गई हैं।
भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान को उम्मीद है कि इस वर्ष देश में दालों का उत्पादन करीब 221 लाख टन होगा। इससे सस्ते दामों पर दालें बाजार में उपलब्ध होंगी।
जापान की कंपनी पैनासोनिक ने भारतीय बाजार में एलुगा सीरीज के तहत अपने दो स्मार्टफोन उतारे हैं। इसमें पहला है एलुगा पल्स, जिसकी कीमत 9,690 रुपए रखी गई है।
पीएम मोदी ने 'मन की बात' के अपने 29वें संबोधन में डिजिटल पेमेंट और किसानों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि लोग डिजिटल पेमेंट की तरफ आगे बढ़ रहे हैं।
सरकार ने खाद्यान्न उत्पादन को लेकर अपना दूसरा अग्रीम अनुमान जारी कर दिया है। 2016-17 के दौरान देश में रिकॉर्ड 27.198 करोड़ टन खाद्यान्न उत्पादन होगा।
पिछले वर्ष दाल की खुदरा कीमतों में अनाप- शनाप उछाल ने आम आदमी की रसोई का बजट बिगाड़ दिया था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। देश में अच्छी पैदावार की उम्मीद है।
BSNL ने अपने ग्राहकों को झटका दिया है। कंपनी ने एक ही नेटवर्क पर लैंडलाइन से लैंडलाइन पर किए जाने वाले लोकल कॉल की अवधि (पल्स रेट) घटा कर 1 मिनट कर दी है
बेहतर मानसून और अधिक समर्थन मूल्य के प्रोत्साहन से चालू रबी फसल में गेहूं बुवाई का रकबा आठ प्रतिशत बढ़कर 292.39 लाख हेक्टेयर हो गया।
तुअर दाल की दरें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम होने के कारण नाफेड ने खरीदारी शुरु कर दी है। कीमतें 5050 रुपए प्रति क्विंटल नीचे आ गई हैं।
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर (डब्ल्यूपीआई) लगातार तीसरे महीने गिरकर 3.15 फीसदी पर आ गई है। अक्टूबर में थोक महंगाई दर 3.39 फीसदी थी।
कंपनी कानून के तहत कंपनियों द्वारा कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय को दी जाने वाली सालाना रिटर्न और वित्तीय जानकारियों के लिए समयसीमा को एक माह बढ़ा दिया गया है।
महंगाई पर अंकुश लगाने के इरादे से सरकार ने माप पद्धति नियमों में बदलाव किया है। असाधारण परिस्थितियों में वह आवश्यक जिंसों का रिटेल दाम तय कर सकेगी।
भारत अपनी दालों की आवश्यकता पूरी करने और कीमतों में वृद्धि पर लगाम कसने के लिए दक्षिण अफ्रीका से दलहन आयात समझौता करने की दिशा में काम कर रहा है।
जमाखोरी और महंगाई पर अंकुश लगाए रखने के लिए सरकार ने व्यापारियों पर दाल-दलहनों, तेल-लिहन के स्टॉक लिमिट संबंधी आदेश की मियाद एक वर्ष के लिए और बढ़ा दी है।
केंद्र सरकार ने 2016 की खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्यों (एमएसपी) की घोषणा की है। ये समर्थन मूल्य इस साल एक सितंबर से लागू होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में दालों के बफर स्टॉक को 8 लाख टन से बढ़ाकर 20 लाख टन करने का फैसला किया है।
सरकार के लगातार उठाए जा रहे कदमों का कुछ असर दाल की कीमतों पर दिखा है, लेकिन बाजार में भाव गिरने का पूरा फायदा आम आदमी को नहीं मिला है।
चालू वर्ष में अधिक दलहन उत्पादन का अनुमान कर रही सरकार कुछ दलहनों विशेषकर मूंग की कीमत में गिरावट को लेकर चिंतित है।
घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और बढ़ती कीमतों को नियंत्रित रखने के उद्देश्य से सरकार ने मसूर और तुअर जैसी दालों का 90,000 टन अतिरिक्त आयात करने का निर्णय किया है।
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