सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय ने कार मोटरसाइकिल चलाने वालों का 15000 का चालान काटने और 2 साल जेल भुगतने की चेतावनी दी है। दरअसल लॉकडाउन में डील देने के बाद लोग सड़कों पर अपना वाहन लेकर निकल रहे है।
मोटरसाइकिल, कार, स्कूटर, ट्रक और अन्य वाहन चलाने वालों को सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार ने बड़ी चेतावनी दे दी है। मंत्रालय ने इस चेतावनी में क्या कहा है इसकी जानकारी हम आपको देंगे।
सड़क परिवाहन मंत्रालय ने लॉकडाउन में वाहन चालकों के लिए बड़ी चेतावनी जारी कर दी है। अगर आपके पास भी वाहन है तो सावधान हो जाएं नहीं तो आपका बड़ा नुकसान हो सकता है।
यातायात नियमों का पालन नही करने वालों के लिए बहुत बड़ी खबर है। वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन नही करना आपको बहुत भारी पड़ सकता है। आपको 1 साल की जेल हो सकती है और इसके साथ 10 हजार रुपए का भारी जुर्माना भी देना पड़ सकता है।
उम्मीद है कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट 2019 इसी माह से देशभर में लागू हो जाएगा और गलत ड्राइविंग करने वालों को भारी जुर्माना देना पड़ेगा साथ ही जेल जाने की भी नौबत आ सकती है।
जुलाई 2019 से बनने वाली सभी कारों में एयरबैग, सीट बेल्ड रीमाइंडर्स, रिवर्स पार्किंग सेंसर्स, मैनुअल ओवरराइड सिस्टम जैसे फीचर्स देना जरूरी हो जाएगा।
हर साल दिवाली बोनस में अपने कर्मचारियों को फ्लैट, कार, स्कूटर और ज्वैलरी बॉक्स देने के लिए मशहूर सावजी भाई एक नेकदिल इंसान भी हैं।
गडकरी को उम्मीद है कि सड़क सुरक्षा विधेयक संसद के मौजूदा मानसून सत्र में पारित हो जाएगा। इसमें नियमों के उल्लंघन के लिए भारी जुर्माने का प्रावधान है।
सड़क सुरक्षा को भारत में बड़ी समस्या करार देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने कहा कि सड़क सुरक्षा सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
सड़कों की खराब हालत और ऊन पर जगह जगह की रूकावटों के चलते परिवहन में जो देरी और अतिरिक्त ईंधन की बर्बादी से भारत को हर साल 21.3 अरब डॉलर का नुकसान होता है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में प्रत्येक तीसरा ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है और ऐसे फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस की कुल संख्या पांच करोड़ है।
भारत में प्रत्येक चार मिनट में एक आदमी की मौत होती है और इसकी वजह है रोड एक्सीडेंट। यहां हर साल 5 लाख रोड एक्सीडेंट होते हैं।
नितिन गडकरी ने दोषपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को लेकर अधिकारियों को चेतावनी दी। उन्होंने आगाह किया कि संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकता है।
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