
Good Friday History and Significance: गुड फ्राइडे का दिन ईसाई धर्म के लोगों के अत्यंत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल गुड फ्राइडे 18 अप्रैल को मनाया जाएगा। बता दें कि गुड फ्राइडे हर साल ईस्टर संडे से पहले आता है। तो आइए जानते हैं कि गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है और इसका महत्व क्या है।
गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है?
यही वो दिन था जब प्रभु यीशु को सूली पर लटकाया गया था, तब उन्हें बहुत ही कष्टों का सामना करना पड़ा था। ऐसे में ईसाईयों के लिए यह शोक का दिन है। गुड फ्राइडे के दिन लोग प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर शोक जताते हैं। इस दिन ईसाई धर्म को मानने वाले लोग चर्च में जाकर विशेष प्रार्थना करते हैं। साथ ही प्रभु से अपने गुनाहों की क्षमा प्रार्थना करते हैं।
प्रभु यीशु को क्यों चढ़ाया गया था सूली पर?
ईसाई धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, प्रभु ईसा मसीह अज्ञानता के अंधकार को दूर करने के लिए लोगों को शिक्षित और जागरूक कर रहे थे। साथ ही वह प्रेम, ज्ञान और अहिंसा का संदेश संसार में फैला रहे थे। उस वक्त यहूदियों के कट्टरपंथी धर्मगुरुओं ने यीशु का पुरजोर विरोध किया। कट्टरपंथियों ने उस समय के रोमन गवर्नर पिलातुस से यीशु की शिकायत कर दी। रोमन हमेशा इस बात से डरते थे कि कहीं यहूदी क्रांति न कर दें। ऐसे में कट्टरपंथियों को खुश करने के लिए पिलातुस ने यीशु को क्रॉस पर लटकाकर जान से मारने का आदेश दे दिया। सूली पर लटकाए जाने और यातनाएं देने के बाद भी प्रभु ईसा मसीह ने अपने आखिरी शब्दों में कहा कि, 'हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं'। कहते हैं कि जिस दिन प्रभु यीशु को लकड़ी से क्रॉस बने हुए सूली पर लटकाया गया था, उस दिन शुक्रवार था।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)
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