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महाकुंभ में धन और पारिवारिक खुशियों के लिए डुबकी लगाते समय करें इन मंत्रों का जप

महाकुंभ में अबतक 8 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगा चुके हैं। ऐसे में यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर आप भी महाकुंभ में जाने का प्लान बना रहे हैं तो अपने लिए धन, धान्य और खुशियों की कामना करना न भूलें।

Written By: Shailendra Tiwari @@Shailendra_jour
Published : Jan 21, 2025 14:56 IST, Updated : Jan 21, 2025 14:56 IST
Mahakumbh 2025
Image Source : MAHAKUMBH.GOV.IN महाकुंभ

महाकुंभ में लाखों भक्त रोजाना संगम में डुबकी लगा रहे हैं। दूसरा अमृत स्नान 29 जनवरी को होना है। प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली है। साथ प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि मौनी अमावस्या के दिन 8 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में जो लोग महाकुंभ स्नान के लिए जा रहे हैं वे कुछ मंत्रों के जाप से अपने लिए निरोगी काया, धन और पारिवारिक खुशियों की कामना कर सकते हैं। बता दें मौनी अमावस्या को ही माघी और माघ अमावस्या ही कहते हैं।

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क्या करें अमृत स्नान वाले दिन?

महाकुंभ में संगम स्नान करते वक्त श्रद्धालुओं को भगवान व अपने पितरों को याद करना चाहिए। माना जाता है कि अमृत स्नान में देवता और मौनी अमवस्या में आपके पितृ धरती पर आते हैं। ऐसे में उन्हें याद कर आप उनसे आशीर्वाद ले सकते हैं। इसके अलावा कुछ मंत्रों के जप से भी आप अपने जीवन में सुख, समृद्धि की कामना कर सकते हैं। आइ जानते हैं उन मंत्रों के बार में...

कौन-कौन से हैं मंत्र?

  • अगर आप आरोग्य काया चाहते हैं तो आपको महाकुंभ स्नान के दौरान सूर्य देव की आराधना करें। इससे आपको निरोगी काया प्राप्त होगी। आरोग्य रहने के लिए आपको इस मंत्र का जप करना होगा- ॐ नम: सूर्याय शान्ताय सर्वरोग निवारिणे़
  • वहीं, अगर श्रद्धालु को धन की कामना है तो उन्हें महाकुंभ में डुबकी लगाते समय मां लक्ष्मी की स्तुति करनी चाहिए। इसके लिए एक यहां बताया जा रहा है- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ
  • वहीं, अगर आप के परिवार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है और आपको पारिवारिक सुख की कामना है तो डुबकी लगाते समय आप सभी ग्रह को शांत करने वाला मंत्र पढ़ना चाहिए जो नीचे बताया जा रहा है- ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षॅं शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:। वनस्पतय: शान्तिर्विश्र्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:, सर्वॅंशान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि

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