Friday, May 03, 2024
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Tulsi Vivah 2022: कब है तुलसी विवाह, जानें तिथि, पूजा विधि, मुहूर्त और महत्व

Tulsi Vivah 2022: कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन तुलसी विवाह का पर्व मनाया जाता है। इस दिन तुलसी और शालीग्राम के विवाह कराने का महत्व है। तुलसी विवाह के दिन पूजा-व्रत करने से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

Ritu Tripathi Edited By: Ritu Tripathi @ritu_vishwanath
Published on: October 28, 2022 15:10 IST
तुलसी विवाह 2022- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV तुलसी विवाह 2022

Tulsi Vivah 2022 Date Puja Vidhi Muhurat: हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को पवित्र माना जाता है। यही कारण है कि प्रत्येक घर में तुलसी पूजन करने का महत्व है। तुलसी को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। हर साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को तुलसी विवाह के रूप में मनाया जाता है। इस दिन तुलसी जी का विवाह भगवान विष्णु के स्वरूप शालीग्राम के साथ कराया जाता है। इस साल तुलसी विवाह 05 नवंबर 2022 को है। जानते हैं तुलसी विवाह की पूजन विधि, मुहूर्त और महत्व के बारे में।

तुलसी विवाह तिथि व शुभ मुहूर्त (Tulsi Vivah 2022 Date and shubh muhurat)

इस साल तुलसी विवाह का पर्व शनिवार 05 नवंबर 2022 को मनाया जाएगा। पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक माह शुक्ल एकादशी यानी देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु पूरे चार माह बाद योगनिद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु के जागृत होने के बाद उनके शीलाग्राम अवतार के साथ तुलसी जी का विवाह कराए जाने की परंपरा है। सही विधि और शुभ मुहूर्त में तुलसी विवाह का पूजन करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है।

तुलसी विवाह तिथि- शनिवार, 05 नवंबर 2022

कार्तिक द्वादशी तिथि आरंभ- शनिवार 05 नवंबर 2022 संध्या 06:08 से

कार्तिक द्वादशी तिथि समाप्त- रविवार 06 नवंबर 2022 संध्या 05:06 तक

तुलसी विवाह पर इस विधि से करें पूजन

इस दिन सुबह उठकर स्नानादि कर साफ कपड़े पहनें। तुलसी विवाह पूजन संध्या में की जाती है। इसके लिए एक चौकी में कपड़ा बिछाएं और उसमें तुलसी का पौधा और शालिग्राम को स्थापित करें। तुलसी जी और शालीग्राम में गंगाजल छिड़कें। चौकी के पास एक कलश में जल भरकर रखें और घी का दीप जलाएं। तुलसी और शालीग्राम को रोली व चंदन का तिलक लगाएं। तुलसी पौधे के गमले में गन्ने का मंडप बनाएं। तुलसी पौधे की पत्तियों में सिंदूर लगाएं, लाल चुनरी चढ़ाएं और श्रृंगार का सामान सिंदूर, चूड़ी, बिंदी आदि चढ़ाएं। हाथ में शालीग्राम रखकर तुलसी जी की परिक्रमा करें और इसके बाद आरती भी करें। पूजा संपन्न होने के बाद हाथ जोड़कर तुलसी माता और भगवान शालीग्राम से सुखी वैवाहिक जीवन की प्रार्थना करें।

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तुलसी विवाह का महत्व

हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का विशेष महत्व होता है। विशेषकर सुहागिन स्त्री को इस दिन पूजा और व्रत जरूर करना चाहिए। इससे वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है और पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है। तुलसी विवाह के दिन तुलसी जी और शालीग्राम का विवाह कराने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती है। तुलसी विवाह के बाद से ही शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त भी शुरू हो जाते हैं।

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