Monday, April 29, 2024
Advertisement

Abu Dhabi Mandir: आबू धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर BAPS में किसकी होगी पूजा? जानिए यहां कौन-कौन सी हैं देव प्रतिमाएं

दो दिन के दौरे पर यूएई गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आबू धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर BAPS का उद्घाटन कर रहे हैं। आबू धाबी में यह पहला हिंदू मंदिर बनकर तैयार हुआ है, जानिए आखिर इस मंदिर में किसकी पूजा की जाएगी और कौन-कौन सी देव प्रतिमाएं यहां स्थापित की गई हैं।

Aditya Mehrotra Written By: Aditya Mehrotra
Updated on: February 14, 2024 13:41 IST
Abu Dhabi Mandir- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Abu Dhabi Mandir

Abu Dhabi Mandir: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज आबू धाबी में बने भव्य हिंदू मंदिर BAPS का उद्घाटन करेंगे। उद्घाटन आज शाम को 4 बजकर 30 मिनट पर किया जाएगा। बता दें कि इस मंदिर को BAPS द्वारा निर्मित कराया गया है। अबू धाबी में यह पहला हिंदू मंदिर बनाया गया है। BAPS यानी बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामिनारायण संस्था चैरिटी धर्मार्थ संस्था है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ा है। इनके आराध्य स्वामी नारायण महाप्रभु थे, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के छपिया जिले में सन 1486 में हुआ था। आइए जानते हैं इस भव्य मंदिर में किनकी मुख्य रूप से आराधना की जाएगी और कौन-कौन सी देव प्रतिमाएं इस मंदिर में विराजित हैं।

आबू धाबी के BAPS में किसकी होगी पूजा-अर्चना 

आबू धाबी में बने जिस हिंदू मंदिर का आज उद्घाटन होने जा रहा है। यह मंदिर स्वामीनारायण संप्रदाय से संबंधित है और यहां मुख्य तौर पर इस संप्रदाय के आराध्य स्वामी नारायण महाप्रभु की मंदिर के गर्भ गृह में विशाल प्रतिमा विराजमान है। 

हिंदू देवी-देवताओं की अन्य प्रतिमाओं की भी होगी पूजा

आबू धावी के BAPS मंदिर में स्वामी नारायण महाप्रभु के अलावा यहां सीता-राम, लक्ष्मण जी, हनुमान जी, शिव-पार्वती का विग्रह, राधा-कृष्ण, श्री गणेश, जगन्नाथ स्वामी और भगवान अयप्पा समेत इन देव प्रतिमाओं का भी पूजन किया जाएगा।

कौन हैं स्वामी नारायण महाप्रभु

स्वामी नारायण महाप्रभु का जन्म उत्तर प्रदेश के छपिया जिले में हुआ था। इनके बचपन का नाम घनश्याम पांडे था। बाद में इन्हें स्वामी नारायण नाम से जाना जाने लगा और यह स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक बने। छपिया श्री राम नगरी अयोध्या से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। इनको नीलकंठ वर्णी नाम से भी जाना जाता था। बचपन से ही स्वामी नारायण महाप्रभु आध्यात्मिक प्रवृति के थे। इन्होंने भगवान राम की नगरी अयोध्या में रहकर वेद-शास्त्रों का अध्यन कर अपनी शिक्षा प्राप्त की। इनकी दिव्य लीलाओं की गाथा के कारण इन्हें अवतार पुरुष माना जाने लगा।

ये भी पढ़ें-

क्या है राम मंदिर अयोध्या में होने वाली प्रायश्चित पूजा? ये क्यों जरूरी है और कब करनी चाहिए

ISKCON: इस्कॉन मंदिर का इतिहास क्या है? कैसे हुई थी इसकी शुरुआत, जानिए 'हरे कृष्ण' आंदोलन के बारे में

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें धर्म सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement