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Elon Musk की Starlink Satellite इंटरनेट सर्विस ने बढ़ाई Jio, Airtel, Vi की टेंशन?

Elon Musk की सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस जल्द भारत में लॉन्च हो सकती है। मस्क की Starlink सैटेलाइट सर्विस ने निजी टेलीकॉम ऑपरेटर्स Airtel, Jio और Vi की टेंशन बढ़ा दी है।

Written By: Harshit Harsh @HarshitKHarsh
Published : Oct 21, 2024 16:49 IST, Updated : Oct 21, 2024 16:49 IST
Elon Musk Starlink- India TV Hindi
Image Source : FILE Elon Musk Starlink

Elon Musk की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस Starlink भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने की तैयारी में है। Starlink को दूरसंचार विभाग (DoT) और नियामक (TRAI) की तरफ से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। सरकार ने भारत में सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए एडवाइजरी कमिटी गठित कर दी है। आवंटन प्रक्रिया पूरी होने के साथ ही सभी सर्विस प्रोवाइडर भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर देंगे। एलन मस्क की Starlink सैटेलाइट इंटरनेट ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स Jio, Airtel और Vi (Vodafone Idea) की टेंशन बढ़ा दी है।

Jio ने TRAI को लिखा पत्र

हाल ही में Jio ने दूरसंचार नियामक TRAI को सैटेलाइट कम्युनिकेशन के पेपर्स को रिवाइज करने की अपील की है। देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी ने नियामक को लिखे अपने पत्र में सैटेलाइट और टेरेस्टियल सर्विसेस को लेकर फेयर कम्पीटिशन रखने पर जोर दिया है। पिछले महीने 27 सितंबर को सैटेलाइट स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर स्टेकहोल्डर्स की बैठक हुई थी, जिसमें TRAI ने साफ किया था कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन बिना किसी नीलामी के किया जाएगा, जिसका टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने विरोध किया था।

Jio को Airtel का साथ

पिछले दिनों आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2024) में एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने भी Jio द्वारा स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर उठाए गए सवाल का समर्थन किया है। Jio और Airtel दोनों ही कंपनियां भारत में सैटेलाइट नेटवर्क मार्केट में उतरने वाली है। टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने दूरसंचार नियामक (TRAI) को मौजूदा टेरेस्टियल सर्विसेज और सैटेलाइट सर्विसेज के बीच फेयर कम्पीटिशन रखे जाने के लिए स्पेक्ट्रम अलोकेशन को लेकर गुजारिश की है।

एलन मस्क के अलावा Amazon भी अपने प्रोजेक्ट कुइपर (Project Kuiper) सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस को भारत में लाने की तैयारी में है। इन दोनों कंपनियों ने भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के लाइसेंस के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) को आवेदन दिया है। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लॉन्च होने के बाद भारत के टेलीकॉम सेक्टर में आने वाले कुछ साल में अभूतपूर्व बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

Elon Musk Starlink

Image Source : FILE
Elon Musk Starlink

पूरी दुनिया में लोकप्रिय है Starlink

एलन मस्क की स्टारलिंक सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस पूरी दुनिया में काफी लोकप्रिय है। Starlink सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस एलन मस्क के SpaceX कंपनी का हिस्सा है। स्टारलिंक ब्रॉडबैंड नेटवर्क धरती के लोअर ऑर्बिट में घूम रहे सैटेलाइट सिस्टम पर काम करता है। Starlink के जरिए यूजर्स को हाई स्पीड ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा मुहैया कराई जाती है। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के जरिए बिना किसी मोबाइल टावर या तार के हाई स्पीड इंटरनेट पहुंचाई जाती है। सैटेलाइट पर बेस्ड इस सर्विस का सीधा लाभ खास तौर पर उन यूजर्स को होगा, जो बॉर्डर या पहाड़ी एरिया में रहते हैं। इन जगहों पर मोबाइल टावर की संख्यां बेहद कम है और ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाना बेहद जटिल काम है।

खराब मौसम में बंद नहीं होगी सर्विस

Elon Musk की स्टारलिंक सर्विस को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें खराब मौसम जैसे कि बारिश, कोहरे या फिर गर्मी का असर नहीं होगा। खराब मौसम के दौरान भी एलन मस्क की स्टारलिंक सर्विस हाई स्पीड इंटरनेट मुहैया कराने में सक्षम होगी। सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए ऑपरेटर यूजर्स के घरों की छत पर एक डिश एंटीना इंस्टॉल करते हैं। इसके बाद सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सिग्नल रिसीव होता है। इस समय एलन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस दुनिया के 36 देशों में उपलब्ध है। स्टारलिंक भारत में जल्द से जल्द अपनी सर्विस शुरू करने की तैयारी में है।

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