केंद्रीय मंत्री ने राहुल पर मर्यादा भूल जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अपनी जनसभाओं में उच्चतम न्यायालय के जजों और ऐसे मामले की चर्चा करते हैं जिन पर न्यायालय द्वारा निर्णय लिया जा चुका है।
हाल के वर्षों में माकपा को एक के बाद एक चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है और हाल में वह अपना गढ़ त्रिपुरा भी भाजपा के हाथों गंवा बैठी। इस समय देश में केवल एक राज्य (केरल) में उसकी सरकार है।
विपक्ष की एकता में विश्वास जताते हुए राहुल ने कहा कि भाजपा 2019 के आम चुनावों में जीत से बहुत दूर है और यदि कांग्रेस, सपा और बसपा मिल जाऐं तो संभवत मोदी वाराणसी संसदीय क्षेत्र से भी हार सकते हैं।
पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गुजरात में एक भी सीट नहीं जीत पाई थी हालांकि विधानसभा चुनाव में पार्टी की सीटों में बढ़ोत्तरी हुई है।
2019 आम चुनावों को देखते हुए विपक्षी दलों की एकजुटता की कोशिशें तेज हो रही हैं।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा करने के लिए एक समिति गठित की है और पार्टी 2019 में 50 फीसदी वोट शेयर के लिए लड़ाई लड़ने को तैयार हैं।
2014 आम चुनाव में पार्टी ने इन 25 सीटों में से सिर्फ 8 सीटों पर जीत दर्ज की थी।
कांग्रेस का 84वां अधिवेशन आज से नई दिल्ली में शुरू हो रहा है। इसकी शुरूआत राहुल गांधी के अध्यक्षीय भाषण के साथ हुई है।
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