राजस्थान के अनेक इलाकों में हल्के से मध्यम दर्जे की बारिश हुई जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा है। जयपुर मौसम केंद्र के अनुसार पिछले 24 घंटे में राज्य के कुछ भागों में हल्के से मध्यम दर्जे की बरिश हुई।
कुछ माह से प्लांट के अदंर से काला, गंदा और ऑयल युक्त पानी निकलकर खेतों तक जा रहा है, जिससे खड़ी धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
जब भारत अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा था और भारत में अनाज का संकट और भूखमरी जैसे हालत बन रहे थे, उस दौरान एमएस स्वामीनाथन ने कृषि क्षेत्र में सुधार लाने का काम किया। एमएस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक भी कहा जाता है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने कोरोनावायरस (कोविड-19) के बढ़ते प्रकोप मद्देनजर किसानों को अनजान श्रमिकों से काम नहीं लेने की सलाह दी है।
देश के विभिन्न इलाकों खासतौर से उत्तर भारत में हो रही बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और चना जैसी रबी फसलों को नुकसान हो सकता है।
कम बारिश के चलते खरीफ मौसम की सभी फसलों की बुवाई में गिरावट आयी है। कृषि मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक खरीफ के मौसम में धान का रकबा 223.5 लाख हेक्टेयर और दलहन का रकबा 105.14 लाख हेक्टेयर रहा है।
देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई चालू सीजन में पिछले साल से तकरीबन 9 फीसदी पिछड़ी हुई है।
चालू वित्त वर्ष में खरीफ सत्र के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि पिछले साल से अधिक है, लेकिन इसके बावजूद यह काफी कम है।
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