Iran Israel conflict : अगर ईरान ने होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद किया तो कच्चे तेल और एलएनजी की कीमतें बढ़ सकती हैं।
सरकार ने देश में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार तैयार करने और उसके परिचालन के लिए विशेष इकाई इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लि.(आईएसपीआरएल) का गठन किया है। भारत अपनी 85 प्रतिशत से अधिक कच्चे तेल जरूरतों को आयात के माध्यम से पूरा करता है।
Crude Oil FY24 Review : वित्त वर्ष 2024 में क्रूड ऑयल की कीमतों में 9 फीसदी का उछाल दर्ज हुआ है। इजराइल हमास युद्ध और ओपेक के उत्पादन कटौती के फैसले से कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव आया।
Crude Oil के बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत 86 डॉलर प्रति बैरल के पास पहुंच गई है। मॉर्गन स्टेनली ने भी अनुमान जताया है कि इस वर्ष की तीसरी तिमाही में कच्चे तेल का दाम 86 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है।
क्रूड ऑयल (कच्चा तेल) दो तरह का होता है। जिसमें एक होता है ब्रेंट क्रूड जो कि लंदन में ट्रेड होता है। दूसरा होता है WTI, जो कि अमेरिका में ट्रेड होता है। भारत जिस कच्चे तेल का आयात किया जाता है, वह ब्रेंट क्रूड है।
शापूरजी पालोनजी के फ्लोटिंग प्रोडक्शन और स्टोरेज ऑफलोडिंग आर्मडा स्टर्लिंग वी का उपयोग ओएनजीसी परियोजना से तेल का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। शापूरजी पल्लोनजी ने कहा कि एफपीएसओ ने 27 फरवरी को स्वर्ण सिंधु पर कच्चे तेल की अनलोडिंग की थी।
फिनलैंड स्थित रिसर्च सेंटर ‘सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर’ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत रूस से आयातित कच्चे तेल को रिफाइन कर जी-7 के देशों और यूरोपीय संघ और ऑस्ट्रेलिया को एक्सपोर्ट कर रहा है।
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पूरी ने बताया कि कृष्णा गोदावरी बेसिन में काकीनाडा के तट से 30 किलोमीटर दूर रविवार को पहली बार तेल निकाला गया। इस नए तेल भंडारण की खोज से भारत की अन्य उत्पादक देशों पर निर्भरता कम होगी।
हिंद महासागर में अज्ञात हमलावरों ने एक व्यापारिक जहाज पर बड़ा ड्रोन हमला किया है। यह व्यापारिक जहाज सऊदी अरब के एक बंदरगाह से भारत के मेंगलुरु की ओर कच्चा तेल लेकर जा रहा था। हमले के बाद जहाज में तेज विस्फोट हुआ और उसमें आग लग गई। चालक दलों में 20 भारतीय थे, जो सुरक्षित हैं।
मजबूत आर्थिक वृद्धि और मजबूत औद्योगिक उत्पादन को देखते हुए एशिया में 2024 में पेट्रो रसायन मांग सबसे अधिक भारत में होने का अनुमान है। भारत में रासायनिक जिंस उत्पादों का बाजार 2023 में करीब सात प्रतिशत और 2024 में आठ प्रतिशत की दर से बढ़ने की संभावना है।
अगर क्रूड ऑयल की वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर यह टैक्स लगाया जाता है। यह फैसला विंडफॉल गेन टैक्स की हर 15 दिनों पर होने वाली समीक्षा में लिया गया।
ONGC की ओर से बताया गया है कि कंपनी योजना इस महीने केजी-डीब्ल्यूएन-98/2 ब्लॉक में क्लस्टर-2 में कच्चे तेल उत्पादन शुरू करने और उससे प्रोडक्शन बढ़ाने की है।
इजरायल पर हमास की तरफ से बीते 7 अक्टूबर को हुए हमले के बाद पहली बार ब्रेंट क्रूड वायदा 84 डॉलर प्रति बैरल (Crude oil price) से नीचे।
गाजा पट्टी प्रमुख कच्चे तेल उत्पादन वाला क्षेत्र नहीं है, फिर भी हमास-इजराइल संघर्ष के कारण इसकी उपलब्धता को लेकर कई चिंताएं हैं। इस संघर्ष से दुनिया के कुछ सबसे बड़े तेल भंडारों वाले देश ईरान को लेकर भी चिंताएं हैं।
भारत के साथ इजरायल का कारोबार 10 बिलियन डॉलर से थोड़ा ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023 में इजरायल को निर्यात 8.5 बिलियन डॉलर और आयात 2.3 बिलियन डॉलर है।
तेल कंपनियों- इंडियन ऑयल, बीपीसीएल और एचपीसीएल का बाजार मार्जिन काफी कमजोर हो गया है।
आरबीआई रुपये को सहारा देने के लिए बाजार में डॉलर जारी कर रहा है, लेकिन इससे भारतीय मुद्रा की गिरावट को रोका नहीं जा सका है। इससे सितंबर में देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट आई है। देश अपनी कच्चे तेल की आवश्यकता का लगभग 85 प्रतिशत आयात करता है।
ओएनजीसी और ऑयल इंडिया लिमिटेड जैसी कंपनियों द्वारा उत्पादित घरेलू कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स 10,000 रुपये से बढ़ाकर 12,100 रुपये प्रति टन कर दिया है।
पहले जेपी मॉर्गन ने इसी साल फरवरी में कहा था कि इस साल तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की संभावना नहीं है।
ब्रेंट क्रूड की कीमतें (Crude Oil Price) इस साल 100 डॉलर के लेवल को पार कर सकती हैं। आगे रुपये की चाल पूरी तरह तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा।
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