सीबीडीटी प्रमुख ने कहा कि यह लक्ष्य हमें काफी उम्मीद देता है कि हम दिए गए लक्ष्य के अनुसार 17.5 प्रतिशत वृद्धि हासिल करने में कामयाब होंगे।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) योग्य आयकर विभाग अधिकारियों का एक राष्ट्रीय समूह तैयार करेगा।
प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य से कम रहने और इसके साथ ही माल एवं सेवाकर (जीएसटी) वसूली भी कम होने का राजकोषीय घाटे की लक्ष्य प्राप्ति पर असर पड़ सकता है।
बजट में कर संग्रह का लक्ष्य12,00,000 करोड़ रुपए रखा गया था लेकिन 23 मार्च तक 10,21,251 करोड़ रुपए ही एकत्र किए गए हैं। यह बजट लक्ष्य का 85.1 प्रतिशत है।
चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-दिसंबर की अवधि में प्रत्यक्ष कर संग्रह 14.10 प्रतिशत बढ़कर 8.74 लाख करोड़ रुपये रहा।
वित्त मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अप्रैल से नवंबर तक ग्रॉस डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 15.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि 2014 से 2019 के नरेंद्र मोदी सरकार के कार्यकाल में भारत के करदाताओं की संख्या डबल से भी अधिक हो जाएगी।
चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह 16.7% बढ़कर 5.47 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने सोमवार को चालू वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह लक्ष्य से अधिक रहने का भरोसा जताया है।
नोटबंदी पर नेशनल काउंसिल आफ एप्लाइड इकनॉमिक रिसर्च (NCAER) के सीनियर फेलो डॉ. कन्हैया सिंह से पूछे गए पांच सवाल और उनके जवाब
बीते वित्त वर्ष में देश में 10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा प्रत्यक्ष कर संग्रह किया गया जोकि उससे पिछले साल के मुकाबले 18 फीसदी ज्यादा है। यह जानकारी सरकार की ओर से दी गई है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि 31 मार्च को समाप्त पिछले वित्त वर्ष में प्रत्यक्ष कर संग्रह 18 प्रतिशत बढ़कर 10.02 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच गया।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद गर्ग ने ट्वीट किया कि सभी राजस्व और व्यय को लेने के बाद मैं इस बात की पुष्टि कर सकता हूं कि राजकोषीय घाटा और राजस्व घाटा 2017-18 के संशाधित अनुमान से कम रहेगा।
वित्त वर्ष 2017-18 के लिए प्रत्यक्ष कर संग्रह निर्धारित लक्ष्यों को पार कर गया है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि इस दौरान रिकॉर्ड 6.84 करोड़ आयकर रिटर्न दाखिल किए गए।
अर्थव्यवस्था में हाल में दिखे बढ़त के मद्देनजर देश का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन चालू वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में 7.44 लाख करोड़ रुपए रहा है, जोकि वित्त वर्ष 2016-17 की समान अवधि की तुलना में 19.5 फीसदी अधिक है।
15वां वित्त आयोग केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले उपकर और अधिभार पर कानूनी अध्ययन कराएगा। केंद्र द्वारा वसूल किए जाने वाले उपकर में से राज्यों को हिस्सा नहीं दिया जाता।
चालू वित्त वर्ष के पहले दस महीने यानि अप्रैल से लेकर जनवरी के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में 19.3 प्रतिशत का उछाल दर्ज किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के पहले साढ़े नौ महीने में सरकार का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 18.7 प्रतिशत बढ़ा है, जो राहत देने वाली बात है।
आयकर वसूली के मोर्चे पर सरकार को बड़ी राहत मिली है। चालू वित्त वर्ष के शुरुआती नौ माह में प्रत्यक्ष कर वसूली 18.2 प्रतिशत बढ़कर 6.56 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।
आयकर विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 के दौरान महाराष्ट्र से 3.14 लाख करोड़ रुपए का टैक्स आया है
संपादक की पसंद