आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
आर्थिक वृद्धि तथा मुद्रास्फीति के मोर्चों पर सकारात्मक उपलब्धियों के बावजूद भारत के समक्ष कमजोर निवेश, नीतिगत फैसलों का लाभ लक्ष्य तक पहुंचने में सुस्ती तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का कम संग्रह समेत कुछ बड़ी चुनौतियां हैं। वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ मिलकर अर्थव्यवस्था की विस्तृत समीक्षा की। दोनों के बीच यह समीक्षा बैठक ऐसे समय हुई है जबकि सरकार को अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से फैल रही नरमी का सामना करना पड़ रहा है। इससे निवेशकों की सम्पत्ति का क्षरण हो रहा है और बेरोजगारी का संकट बढ़ रहा है।
हालांकि, भारत में मंदी का खतरा आसन्न नहीं है, लेकिन सरकार और नीति निर्माता इसकी अनदेखी नहीं कर सकते और उन्हें जरूरी कदम उठाने होंगे।
कुरुक्षेत्र | मोदी 2.0 के पहले आर्थिक सर्वे में क्या है?
सेवानिवृत्ति की आयु में वृद्धि संभवत: अनिवार्य है। इसलिए इस बदलाव के पहले ही संकेत दिए जा सकते हैं ताकि श्रमबल इसके लिए तैयार हो सके।
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि करदाताओं के लिए एक ऐसा विशेष क्लब बनाया जाना चाहिए, जिसकी एक्सक्लूसिव सदस्यता न केवल सोशल स्टेट्स को बढ़ाए बल्कि उनको सम्मानित भी करे।
भारतीय दूरसंचार उद्योग के लिए 5जी प्रौद्योगिकी वैश्विक बाजारों तक पहुंच बढ़ाने का अवसर होगी।
संसद में सोमवार को पेश की गई 2018-19 की आर्थिक समीक्षा में आयात-निर्यात, विनिमय दर और चालू खाते के घाटे (कैड) जैसे बाह्य क्षेत्र के मोर्चों पर देश की अर्थव्यवस्था की मजबूत तस्वीर पेश की गयी है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार बढ़ रहा है और यह 400 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक के स्तर पर बना हुआ है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति में पिछले पांच वर्ष से लगातार गिरावट आ रही है।
देश में विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार बना रहेगा। 14 जून तक विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign exchange reserves) 42,220 करोड़ डॉलर था। विदेशी निवेशकों का भारत पर भरोसा बढ़ा है। 2018-19 में शुद्ध एफडीआई 14.2 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है।
आर्थिक सर्वेक्षण में भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए हमें 2025 तक हर साल 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी।
वित्त वर्ष 2018-19 का लेखा-जोखा आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 आज संसद में पेश होने जा रहा है और संसद में इसके पेश होने से पहले आज शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है।
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19 (Economic Survey 2018-19) बनाया है। जानिए इनके बारे में
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी
संसद में आर्थिक सर्वे पेश कर दिया गया है। सर्वे के मुताबिक, 2019-2020 में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7 फीसदी तक रह सकती है।
देश की अर्थव्यवस्था की सेहत का आईना तथा चुनौतियों को रेखांकित करने वाली आर्थिक समीक्षा बृहस्पतिवार को संसद में पेश की जाएगी।
भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने की कड़ी वकालत की है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे को हर वैश्विक मंच पर जोर-शोर से उठाया है।
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