पीएम नरेंद्र मोदी ने फ्रांस दौरे पर फ्रांस के राष्ट्रपति और उनकी पत्नी से मुलाकात की। इसके अलावा अमेरिका के उपराष्ट्रपति और उनके परिवार से उन्होंने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कई खास उपहार भी दिए।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट आए थे। उन्होंने पीएम मोदी को गले लगाकर विदा किया।
PM Modi in France: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फ्रांस दौरे के खास पल...इसे नहीं देखा तो कुछ नहीं देखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने द्विपक्षीय वार्ता के दौरान दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत-फ्रांस ने हाल ही में संबंधों की नई ऊंचाई हासिल की है।
मार्से में पीएम मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने एक ही विमान से यात्रा की। इसके बाद मार्से में भारत के नए कांसुलेट का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के मार्से में द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने वीडी सावरकर की सराहना की। साथ में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मौजूद रहे।
फ्रांस के पेरिस में आयोजित AI एक्शन समिट में पीएम मोदी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के हमारे जीवन में होने वाले पॉजीटिव बदलावों के बारे में बात की है। उन्होंने इस समिट में और क्या कहा, आइए जानते हैं...
PM मोदी का यह सातवां फ्रांस दौरा है। वे आज AI समिट में शामिल होंगे और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय बातचीत करेंगे। पीएम 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस में रहेंगे जिसके बाद दौरे के दूसरे चरण पर अमेरिका रवाना होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस यात्रा पर रवाना हो गए हैं। उन्होंने पेरिस यात्रा से पहले कहा कि भारत-फ्रांस और भारत अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूत करने का संकल्प दोहराया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस की राजधानी पेरिस में आयोजित होने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिखर सम्मेलन की सह अध्यक्षता करेंगे। पीएम मोदी 10 से 12 फरवरी तक फ्रांस के दौरे पर रहेंगे।
फ्रांस के मार्सिले शहर में भारत भारतीय वाणिज्य दूतावास खोलेगा। इस दूतावास का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों करेंगे। रणनीतिक रूप से मार्सिले बेहद अहम शहर है। दूतावास खुलने से लोगों को आसानी होगी।
प्रधनामंत्री नरेंद्र मोदी फरवरी में फ्रांस के दौरे पर जाने वाले हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की ओर से यह जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा है कि पीएम मोदी 11-12 फरवरी को फ्रांस के एआई शिखर सम्मेलन में शिरकत करेंगे।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 73 वर्षीय फ्रांस्वा बायरू को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जो देश के राजनीतिक संकट को सुलझाने के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं।
इजरायल हमास के समर्थन में जंग कर रहे हिजबुल्लाह के लगभग सभी टॉप कमांडरों को मौत के घाट उतार चुका है। हिजबुल्लाह के पूरे नेटवर्क को खत्म करने के लिए रोजाना बेरूत पर बम बरसा रहा है। इससे लेबनान के आम लोगों की जिंदगी संकट में है। भारत के बाद अब फ्रांस भी लेबनान की मदद को आगे आया है।
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि फ्रांस ने भारत से एक प्रिय मित्र खो दिया है। टाटा को हमेशा सम्मान के साथ याद किया जाएगा।
गाजा में इजरायल की ओर से किए जा रहे हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान करने वाले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अन्य पश्चिमी नेताओं को नेतन्याहू के कड़े तेवर के बाद बैकफुट पर आना पड़ गया है। अब मैक्रों ने इजरायल के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता दोहराई है।
भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल फ्रांस के यात्रा पर गए हुए हैं। इस दौरान उनकी मुलाकात फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से हुई, जहां कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। फ्रांस के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी की दुनिया में शांति लाने की प्रयास की प्रशंसा भी की।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भारतवासियों को 78वें स्वतंत्रता दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उम्मीद जताई कि अगर दोनों देश साथ मिलकर चलेंगे तो इसके अच्छे परिणाम निकलेंगे।
ब्रिटेन और ईरान में नई सरकार चुनी जाने के बाद अब फ्रांस में भी संसदीय चुनाव जारी हैं। विभिन्न सर्वे में फ्रांस के मौजूदा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हालत खस्ता बताई जा रही है। सर्वे के अनुसार मैक्रों की पार्टी चुनाव हार सकती है। ब्रिटेन और ईरान में भी मौजूदा सरकार चुनाव हार चुकी है। जनता ने नई पार्टियों को मौका दिया।
फ्रांस के संसदीय चुनाव में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की हार और उनकी विदाई अब तय मानी जा रही है। पहले दौर के मतदान के बाद नेशनल रैली की नेता धुर-दक्षिणपंथी ले पेन की पार्टी को धमाकेदार जीत हासिल हुई है। ऐसे में नाजी युग के बाद पहली बार धुर-दक्षिणपंथियों के हाथ में सत्ता जाती हुई दिख रही है।
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