पेरिस: फ्रांस में अब 18-19 साल के युवाओं के लिए स्वैच्छिक सैन्य सेवा शुरू की जाएगी। इसके तहत वह करीब 10 महीने तक स्वैच्छा से सेना में शामिल होकर देश सेवा कर सकेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने गुरुवार को 18-19 साल के युवाओं के लिए एक नई स्वैच्छिक राष्ट्रीय सैन्य सेवा की घोषणा की है। यह अगले साल की गर्मियों (2026) से शुरू होगी।
फ्रांस को क्यों पड़ी इसकी जरूरत
फ्रांस को इस योजना की शुरुआत करने की जरूरत के पीछे रूस से यूरोप के लिए बढ़ते खतरे को माना जा रहा है। इसे देखते यह स्वैच्छिक सैन्य सेवा शुरू की जा रही है। इस योजना को 2035 तक हर साल 50 हजार युवाओं तक विस्तार देने का लक्ष्य है। फ्रेंच आल्प्स के वर्सेस सैन्य अड्डे पर सैनिकों को संबोधित करते हुए मैक्रों ने कहा, “एक नई राष्ट्रीय सैन्य सेवा धीरे-धीरे शुरू हो रही है। यह अगली गर्मी से शुरू हो जाएगी। इसके तहत पहले साल 3,000 स्वयंसेवकों के साथ चलेगा, फिर 2030 तक हर साल 10,000 और 2035 तक 50,000 युवाओं तक पहुंच जाएगा।”
फ्रांस न डरेगा न घबराएगा
मैक्रों ने कहा, “इस अनिश्चित दुनिया में जहां ताकत कानून पर हावी हो रही है और युद्ध एक स्थायी हकीकत बन चुका है। ऐसे में फ्रांस को न डरना है, न घबराना है और न ही बंटना है। युवा स्वयंसेवक फ्रांस की मुख्यभूमि और विदेशी क्षेत्रों (ओवरसीज़ टेरिटरीज) में 10 महीने की सैन्य सेवा देंगे।
पहले थी फ्रांस में अनिवार्य सैन्य सेवा
पहले फ्रांस में अनिवार्य सैन्य सेवा थी, लेकिन इसे 1996 में इसको पूरी तरह खत्म कर दिया गया था। अब इस साल की शुरुआत में ही मैक्रों ने युवाओं को स्वेच्छा से सैन्य प्रशिक्षण का विकल्प देने की इच्छा जताई थी। राष्ट्रपति ने यूक्रेन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, “रूस को कमजोरी का कोई संकेत नहीं देना चाहिए। “जिस दिन आपने रूस को कमजोरी दिखाई, वह और आगे बढ़ जाएगा।”
फ्रांस के रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी
मैक्रों ने अगले दो साल में सैन्य खर्च में अतिरिक्त 6.5 अरब यूरो की वृद्धि की घोषणा की। उनका लक्ष्य 2027 तक सालाना रक्षा बजट को 64 अरब यूरो करना है, जो 2017 के मुकाबले दोगुना होगा। साथ ही 2030 तक रिजर्व सैनिकों की संख्या 1,00,000 तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस नई स्वैच्छिक सैन्य सेवा से फ्रांस यूरोप में रूस के सामने सबसे मजबूत सैन्य तैयारियों वाला देश बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। (एपी)