हमास ने सोमवार देर रात 2 बुजुर्ग इजरायली बंधकों को रिहा किया था। हालांकि, अब भी इजरायल के 200 से अधिक लोग हमास के बंधक बने हुए हैं। ऐसे में इजरायल ने लोगों की वापसी के लिए नई तरकीब निकाली है।
इजराइल और आतंकियों के बीच युद्ध छिड़ा है...इजराइल गाजा में आतंकियों को नेस्तनाबूत करने में जुटा है...तो दूसरी तरफ भारत में मुस्लिम नेता इजराइल को कोस रहे हैं...मुस्लिमों के नाम पर फिलिस्तीन के लिए समर्थन जुटा रहे हैं..
हमास के बंधकों में शामिल 85 साल की योचेवेद लिफ्शिट्ज ने कैद से छूटने के बाद पहली बार चुप्पी तोड़ी और खुफिया एजेंसी शिन बेट के साथ-साथ इजरायली रक्षा बलों पर जमकर बरसीं।
इजरायल ने पिछले 24 घंटों में गाजा पर ताबड़तोड़ हवाई हमले करते हुए कम से कम 400 ठिकानों पर बमबारी की है और हमास के कई कमांडर्स और लड़ाकों को मार गिराने का दावा किया है।
उमर अब्दुल्ला ने इजरायल और हमास के बीच में चल रही जंग को लेकर कहा कि भारत ने खुलकर इजरायल का समर्थन किया और गाजा को मदद भी भेजी, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।
इजरायल के राष्ट्रपति आइज़ैक हर्त्ज़ोर्ग ने कहा है कि हमास के आतंकवादियों के पास अल क़ायदा के मैन्युअल मिले है जिसमें उन्हें रासायनिक हथियार बनाने का तरीका बताया गया है।
इजराइल हमास में जंग के बीच आतंकी संगठन हमास ने दो इजरायली महिलाओं को अपनी कैद से रिहा कर दिया है। रिहा करने के बाद हमास ने कहा कि हमने इंसानियत की वजह से दोनों बुजुर्ग महिलाओं को छोड़ा है।
इजराइल लगातार हमास पर हमले कर रहा है। इसी बीच इजराइल गाजा में जमीनी हमले की तैयारी कर रहा है। हमले की इस आशंका पर पेंटागन ने पश्चिमी एशिया में सलाहकार भेजे हैं। जानिए इसके पीछे कारण क्या है?
युद्ध चल रहा है मिडिल ईस्ट में मौलाना और मुस्लिम नेता माहौल बना रहे हैं भारत में...पहले मोदी सरकार पर फिलिस्तीन विरोधी होने के आरोप लगाए ...जब सरकार ने फिलिस्तीन के लिए राहत रवाना कर दी तो अब कहा जा रहा कि बहुत देर कर दी..
इजराइल के राष्ट्रपति ने बड़ा सनसनीखेज दावा किया है। इस सनसनीखेज दावे में राष्ट्रपति ने हमास और केमिकल हथियारों को लेकर एक सनसनीखेज बात कही है, जो हैरान करने वाली है।
इजरायल की सेना ने हमास के एक और डिप्टी कमांडर को हवाई हमले में मार गिराया है। मारे गए हमास आतंकी का नाम मुहम्मद कटमश है, जो आग और तोपखाना प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालता था। इजरायली एयरफोर्स ने उसे एक हवाई हमले में ढेर कर दिया है।
इजरायली सेना के प्रवक्ता कर्नल जोनाथन कॉनरिकस ने कहा हिजबुल्ला इजरायल और लेबनान के बीच उत्तरी सीमा के पास इजरायली ठिकानों पर हमला कर रहा है। इससे लेबनान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
फिलिस्तीन के आम लोगों के लिए भेजी गई मदद में जीवन रक्षक दवाएं, सर्जिकल सामान, तंबू, स्लीपिंग बैग, तिरपाल, स्वच्छता सुविधाएं, जल शोधन गोलियां समेत अन्य कई आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर के एक स्कूल में हमास और इजराइल के युद्ध पर कहा कि हमारे देश में इस बात को लेकर कभी लड़ाई नहीं हुई, हम ऐसे मुद्दे पर कभी युद्ध नहीं करते इसलिए हम हिंदू हैं।
येरुसलम पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, कभी ड्रग तस्करी के माध्यम से आईएसआईएस सदस्यों के लिए राजस्व का स्रोत रहा कैप्टागन अब सीरिया के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत बन गया है और आतंकी संगठन हिजबुल्लाह भी इसी से अपनी कमाई करता है।
इजरायल हमास युद्ध के अब 14 दिन हो चुके हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज की ओर से एक आंकड़ा जारी कर बताया गया है कि इन 14 दिनों में उसने गाजा में हमास के 12 कमांडरों समेत 1000 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है। वहीं हमास द्वारा गाजा से इजरायल पर इस दौरान 6900 से ज्यादा रॉकेट दागे गए हैं। हमास के हमले में 1400 इजरायली मारे गए।
इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध में अब तक 5 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा में स्थित एक अस्पताल पर हुए हमले में भी सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी। इस हमले के बाद युद्ध का रुख बदल गया है।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2 अमेरिकी बंधकों को हमास द्वारा रिहा किए जाने पर कतर और इजरायल का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि बंधकों की सरकार पूरी मदद करेगी। इसके बाद इजरायल पर हमास के हमले की उन्होंने नई थ्योरी बताई। बाइडेन ने कहा कि इजरायल सऊदी अरब से अपने रिश्ते सामान्य कर रहा था। इसलिए हमास ने हमला कर दिया।
हमास के आतंकियों ने पहली बार बड़ी मानवीयता दिखाने की बात की है। गाजा पट्टी क्षेत्र में हमास आतंकियों ने बंधक बनाए गए 2 अमेरिकी नागरिकों को रिहा कर दिया है। हमास आतंकियों ने इस रिहाई को मानवता का आधार दिया है। हमास का ने कहा कि मानवीयता के आधार पर अमेरिकी बंधकों को छोड़ा जा रहा है।
गाजा पट्टी प्रमुख कच्चे तेल उत्पादन वाला क्षेत्र नहीं है, फिर भी हमास-इजराइल संघर्ष के कारण इसकी उपलब्धता को लेकर कई चिंताएं हैं। इस संघर्ष से दुनिया के कुछ सबसे बड़े तेल भंडारों वाले देश ईरान को लेकर भी चिंताएं हैं।
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़