फाइनेंशियल कंपनी कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग के सीईओ राजीव सिंह का कहना है कि देश में हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर की राह आगे काफी मुश्किल भरी है।
केंद्र सरकार के 20 से 50 हजार वर्ग मीटर की परियोजनाओं से जुड़े हरित नियमों के अनुपालन का अधिकार स्थानीय निकायों को दिए जाने के फैसले से इनकी मंजूरी की प्रक्रिया तेज हो सकेगी।
क्रेडाई ने गुरुवार को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को पत्र लिखकर इस क्षेत्र को कर्ज की कमी के संकट से राहत दिलाने में मदद की मांग की है।
RBI ने त्योहारी सीजन में कर्ज की कमी से बिक्री को प्रभावित होने से बचाने के लिए और उपायों की घोषणा की है।
देश के नौ प्रमुख शहरों में जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान घरों की बिक्री छह प्रतिशत बढ़कर 51,142 इकाई पर पहुंच गई।
न्यूज कॉर्प समर्थित एलारा टेक्नोलॉजीज, जिसके पास रियल्टी पोर्टल्स हाउसिंग डॉट कॉम, प्रोपटाइगर डॉट कॉम और मकान डॉट कॉम का स्वामित्व है, ने सिटी सिंगापुर से कर्ज के रूप में 3.5 करोड़ डॉलर (लगभग 245 करोड़ रुपए) का कर्ज हासिल किया है।
देशभर में 3.3 लाख करोड़ रुपये (47 अरब डॉलर) से अधिक की आवासीय परियोजनायें देरी से चल रही है।
जमीन जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनी अमीला ग्रुप शिमला में आलीशान आवासीय परियोजना विकसित करने के लिये अगले आठ वर्ष में करीब 700 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। पहाड़ी क्षेत्रों में आवासों की बढ़ती मांग को देखते हुये अमीला ग्रुप ने शिमला की उत्तरी भाग (रिज) में 54 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया। जिस पर उसकी योजना 250 विला और 150 स्टूडियो अपार्टमेंट बनाने की है। इसके अलावा वह एक पांच सितारा होटल भी यहां बनायेगी।
ग्रेटर नोएडा वेस्ट के शाहबेरी का मामला अभी ताजा है। यहां एक छह मंजिला निर्माणाधीन मकान दूसरे बिल्डिंग पर गिर पड़ा।जरा सोचिए, अगर आपका मकान भी शाहबेरी के इस प्रोजेक्ट में होता तो?
रियल स्टेट शोध एवं विश्लेषण कंपनी प्रॉपइक्विटी के अनुसार घरों की मांग कम रहने की वजह से डेवलपर्स दाम घटा कर अपने गैर बिके मकानों की बिक्री बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
देश के नौ प्रमुख शहरों में कुल आवासीय बिक्री वर्ष 2018 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में 33 प्रतिशत बढ़कर 80,000 इकाई पर पहुंच गई, जबकि पिछले साल जनवरी-मार्च तिमाही में 59,936 मकान ही बिके थे।
एक रिपोर्ट में जहां कोलकाता जैसे मेट्रो शहर में मकानों की कीमत 12 प्रतिशत घटने की बात कही गई हैं, वहीं दूसरी रिपोर्ट में देश के प्रमुख नौ शहरों में पिछले साल घरों की बिक्री में आई गिरावट का उल्लेख किया गया है।
इनमें से 85 एचआईजी, 403 एमआईजी, 11757 एलआईजी और 372 जनता फ्लैट हैं। कुल फ्लैटों में से तकरीबन 10 हजार 2014 की आवास योजना के हैं जिसका कब्जा नहीं लिया गया था जबकि 2000 खाली पड़े हैं। डीडीए के अधिकारी ने कहा, ‘‘ड्रॉ आज निकाले जाएंगे। हम सब इसके लिये तै
डीडीए की नयी आवास योजना के लिये ड्रॉ आज निकाला जाएगा। इसके लिये डीडीए को 46000 से अधिक आवेदन मिले हैं।
आवासन मंत्री ने कहा है कि प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार इस तरह के सौदों को आधार से जोड़ने पर विचार कर रही है
दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की 2017 आवासीय योजना के तहत इस महीने के अंत तक 12000 फ्लैट्स के लिए ड्रा निकलने जा रहा है।
टाटा ने रियल एस्टेट सेक्टर में भी नई स्कीम से तहलका मचा दिया है। टाटा समूह की रियल्टी फर्म टाटा हाउसिंग ने अब तक की सबसे कम दर हाउसिंग लोन ऑफर किया है।
20 वर्ष के लिए 25 लाख रुपए ऋण देने वाली अन्य कंपनियों की तुलना में ‘हाउसिंग बिल्डिंग एडवांस’ का लाभ उठा कर करीब 11 लाख रुपए बचाए जा सकते हैं।
नोटबंदी की वजह से मकानों की बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई और उनके दाम नीचे आए लेकिन रियल एस्टेट सेक्टर को इसका काफी फायदा भी हुआ है।
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में नौ प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री 18 प्रतिशत घटकर 44,755 इकाई रह गई।
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