विपक्षी दलों की बैंगलुरु में संपन्न हुई बैठक के बाद देश की राजधानी में एनडीए की बैठक हुई। पीएम मोदी ने बैठक में अपने भाषण में विपक्ष की एकजुटता पर निशाना साधा।
देश में राजनीतिक सरगर्मियां तेजी से बढ़ गई हैं। कल यानी 18 जुलाई को देश में दो बड़ी राजनीतिक बैठकें होंगी। एक कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक है, वहीं दूसरी बैठक दिल्ली में 'एनडीए' की होगी।
यह स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद ट्विटर पर कई यूजर्स अपनी राय दे रहे हैं। वहीं, कुछ ने स्क्रीनशॉट के ओरिजनल होने पर ही सवाल उठा दिए। इसके साथ ही कुछ लोगों का मानना है कि किसी निजी मीटिंग को इस तरह से ट्विटर पर शेयर करना बेहद ही गलत है।
सतारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की एक बड़ी बैठक 18 जुलाई को दिल्ली में होने वाली है। इस बैठक में घटक दलों के अलावा कुछ अन्य दल भी शामिल हो सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी की आज एक अहम बैठक सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई जिसमें मानसून सत्र में पार्टी की रणनीति को लेकर चर्चा की गई।
MPC Meeting Details: सरकार ने RBI को खुदरा महंगाई को दो प्रतिशत घटबढ़ के साथ चार प्रतिशत तक सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। केंदीय बैंक उस जिम्मेदारी को निभा रहा है।
2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसी बीच पटना में 23 जून को विपक्षी दलों की बड़ी बैठक होने वाली है। इसमें बीजेपी को कैसे हराया जाए, क्या मुद्दे हों, इस पर चर्चा होगी। हालांकि विपक्ष से पीएम प्रत्याशी कौन होगा। इस पर चर्चा की संभावना अभी नहीं है।
भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा। इसकी वजह है कि चीन भारतीय सीमा पर अतिक्रमण का इरादा रखता है और वह पीछे हटने को तैयार नहीं है।
बैठक के बाद मीडिया को दिए बयान में मोदी ने कहा कि उन्होंने और प्रचंड ने भविष्य में दोनों देशों के बीच साझेदारी को ‘सुपर हिट’ बनाने के लिए कई अहम फैसले लिए हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि यूक्रेन संकट का हल निकालने के लिए भारत हर संभव कोशिश करेगा। वहीं जेलेंस्की ने भी भारत को अपने शांति के फॉर्मूले के बारे में विस्तार से बताया।
दोनों ने पक्षों ने माना कि फरवरी की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी और अब संवाद का एक ‘मानक और सामान्य चैनल फिर से बहाल’ करने पर विचार कर रहे हैं। बाइडन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
चीन को इस बात की मिर्ची लगी कि वन चाइना पॉलिसी के तहत चीन नहीं चाहता है कि ताइवान के साथ कोई देश रिश्ता रखे और उसे देश का दर्जा दे। लेकिन अमेरिका ताइवान को तवज्जो देता है और अमेरिकी भरोसे पर ही ताइवान की राष्ट्रपति ने अमेरिका की यात्रा की है।
पुतिन ने यह भी कहा कि बैठक ने अमेरिका को संदेश दिया है कि दोनों देश उन्हें कमजोर करने के प्रयासों को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि रूस और चीन को भयभीत करने की अमेरिकी नीति लगातार उग्र और अधिक आक्रामक होती जा रही है।
शी जिनपिंग सोमवार 20 मार्च से 22 मार्च तक रूस की यात्रा पर जा रहे हैं। वे वहां अपने रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन के साथ अहम बातचीत करेंगे। इस दौरान वे रूस और यूक्रेन में जंग को खत्म करने के लिए शांति वार्ता की पैरवी कर सकते हैं।
बैठक के लिए सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को न्योता दिया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव करने में देरी और संपत्ति कर लगाने सहित कई कई ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा होगी।
अमेरिका और जर्मनी ने यूक्रेन युद्ध समेत अन्य वैश्विक समस्याओं को सुलझा लेना का दावा किया है। यूक्रेन पर हमले के विरुद्ध रूस पर दबाव बनाये रखने के लिए अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज द्वारा अत्यंत गहनता से और मिलकर काम करने की घोषणा किये जाने के बाद दोनों नेताओं ने बैठक की।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने बैठक के बाद कहा कि भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है। रूस की आक्रामकता का खामियाजा दुनिया भुगत रही है।
भारत में जी-20 की बैठकों का सिलसिला शुरू हो चुका है। देश में वर्ष भर में करीब 200 बैठकों होनी हैं। आगामी 24 फरवरी को होने वाली जी-20 की सबसे महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने वित्त मंत्री सीतारमण बेंगलुरु के लिए रवाना हो गई हैं।
पाकिस्तान की सियासत में शहबाज और इमरान की यह मीटिंग चौंकाने वाली है। वो इमरान जिन्होंने अपने ऊपर जानलेवा हमले के लिए शहबाज शरीफ पर आरोप लगाए थे। वहीं पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ भी मुल्क की बदहाली के लिए पूर्व की इमरान सरकार को जिम्मेदार मानते हैं।
भारत और अमेरिका के बीच पहली बार वाशिंगटन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) स्तर की सबसे बड़ी बैठक ‘इनीशिएटिव फॉर क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी’ (आइसीईटी) हो रही है। इसके तहत भारत और अमेरिका 6 ऐसे बड़े बिंदुओं पर काम करने वाले हैं, जिसका लाभ पूरी दुनिया को मिलेगा।
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