मोदी सरकार देश के 80 करोड़ लोगों का मुफ्त राशन उपलब करा रही है। कोरोना महामारी के बाद यह सुविधा मोदी सरकार दे रही है। इससे देश के गरीब आबादी को बहुत फायदा मिलेगा। ऐसे में अगर आप एक शहर से दूसरे शहर शिफ्ट होते हैं तो भी आप इस सुविधा का लाभ ले सकते हैं।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सरकार देश के करीब 80 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति, प्रति माह पांच किलो गेहूं और चावल क्रमश: 2-3 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्रदान कर रही है।
शादी के बाद या बच्चे के जन्म से परिवार बढ़ने पर राशन कार्ड में इसकी जानकारी दर्ज कराने के लिये नये या संशोधित आधार की जरूरत होगी।
FCI 64 रेल रैक के जरिए लगभग 1.79 लाख टन खाद्यान्न देश के विभिन्न हिस्सों में भेज चुकी है
देश में जरूरत के मुकाबले करीब 3 गुना अनाज मौजूद
सरकार ने लोगों से अफवाहों से दूर रहने की सलाह दी है
अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी की शुरुआत करते हुए खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि आज एक ऐतिहासिक दिन है।
केन्द्र सरकार ने देश में 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' व्यवस्था लागू करने के लिये राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों को 30 जून 2020 तक का एक साल का समय दिया है।
जून महीने की शुरुआत हो गई, लेकिन अभी तक बिहार के सात जिलों में किसानों से छटांक भर गेहूं की भी अधिप्राप्ति (सरकारी खरीद) नहीं हुई है।
सरकार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के जरिये सस्ती दरों पर 16.3 करोड़ अतिरिक्त परिवारों को एक किलो चीनी उपलब्ध कराने पर विचार कर रही है।
पीठ गुरुवार को पीडीएस के चावल की तस्करी कर उसे बेचने के आरोप में गुंडा कानून के तहत गिरफ्तार एक व्यक्ति द्वारा इसे चुनौती दिए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्यों को PDS और मिड डे मील जैसी योजनाओं के लिए सस्ते में दाल आपूर्ति करने में मदद मिलेगी।
केंद्र सरकार की राशन की दुकानों ( PDS ) व मध्यान्न भोजन जैसी योजनाओं के जरिए मोटे अनाज का वितरण की योजना है
तुअर दाल को PDS में डालने का भी फैसला किया है, इसके तहत गरीबी रेखा के ऊपर वाले राशन कार्ड रखने वाले परिवारों को भी दाल खरीदने का अधिकार होगा
फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक पहली नवंबर तक केंद्रीय पूल में कुल 238.50 लाख टन गेहूं का स्टॉक दर्ज किया गया है,
1 जुलाई से GST ही नहीं बल्कि बहुत सारी व्यवस्थाएं बदल गई हैं। कई काम के लिए आधार अनिवार्य हो गया है, वहीं PPF, और सुकन्या समृद्धि की ब्याज कम हो गया है।
पहली जुलाई से GST ही नहीं बल्कि बहुत सारी व्यवस्थाएं बदल रही हैं। 1 जुलाई से कई आवश्यक कामों के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो जाएगा।
मध्यप्रदेश में प्याज को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत संचालित राशन की दुकानों पर 2 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जाएगा।
राशन के जरिए दो रुपए किलो बिकने वाले गेहूं और तीन रुपए किलो बिकने वाले चावल की आर्थिक लागत पिछले पांच साल के दौरान क्रमश: 26 फीसदी और लगभग 25 फीसदी बढ़ी है।
पासवान ने कहा कि राज्य सरकारों को राशन की दुकानों पर यह दर्शाना चाहिए कि खाद्यान्न पर केंद्र और राज्यों द्वारा कितनी-कितनी सब्सिडी दी जा रही है।
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