ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया है लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं मगर शी जिनपिंग सरकार ने इस बारे में अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है।
लद्दाख के गलवान घाटी में खूनी संघर्ष के बाद भारत-चीन में तनातनी जारी है। इस बीच एलएसी पर चीन को सबक सिखाने के लिए भारतीय सेना ने फुलप्रुफ प्लान बना लिया है।
गलवान वैली की सैटेलाइट तस्वीरों पर सबसे बड़ा खुलासा हुआ है। तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स चीन के नहीं बल्कि भारत के हैं। पहले तस्वीरों में दिख रहे स्ट्रक्चर्स को चीन का बताया जा रहा था लेकिन इंडिया टीवी की जानकारी के मुताबिक ये स्ट्रक्चर भारत के हैं।
चीन को साफ-साफ कहा गया कि वह अपने सैनिकों को अप्रैल 2020 की पोजिशन में वापस ले, जिसे चीनी सेना ने मान लिया। जो लोग चीनी सेना के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, उनका मानना है कि चीन को सख्त तेवर दिखाने की जरूरत है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट हो जाता है कि चीन इस हमले के जरिए भारत को अपनी ताकत का संदेश देना चाहता था। हालांकि चीन की यह योजना उल्टी पड़ गई और इस हिंसक झड़प में उसके 40 से ज्यादा सैनिक हताहत हो गए।
कमांडर्स लेवल की बातचीत के बाद चीन झुक गया है। कल की बातचीत में दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर सहमति बनी है और जिन प्वाइंट को लेकर टेंशन है, उनसे दोनों सेनाएं पीछे हटेंगी।
भारतीय सेना और चीनी की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच आज एक बार फिर से बातचीत हो रही है। ये बातचीत भारतीय सेना और चीनी पीएलए के सैन्य अधिकारियों के बीच हो रही है।
एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई झड़प के संदर्भ में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा करने के इरादे से झड़प शुरू की।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प वाले स्थान के पास भारत और चीन की सेनाओं के डिविजनल कमांडरों के बीच बैठक बेनतीजा रही। मेजर जनरल स्तरीय बातचीत में गलवान घाटी से सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को लागू करने पर चर्चा हुई।
चीन और भारत के सैनिकों के लद्दाख की गलवान वैली में बीच हुई हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हुए हैं। वहीं चीन ने उसकी तरफ हुए नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।
लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन की सेनाओं का आक्रामक रुख बरकरार है और आने वाले कुछ दिनों में इस गतिरोध को खत्म करने का समाधान तलाशने के लिये बातचीत के कई दौर होंगे। इसी मुद्दे पर दोनों पक्ष आज एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं।
इससे पहले भारतीय सेना की तरफ से इस बैठक को लेकर आधिकारिक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत-चीन बॉर्डर पर मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए भारत और चीन के अधिकारी स्थापित सेना और डिप्लोमैटिक रास्तों के जरिए बात करते रहेंगे
चीन ने भारत के ख़िलाफ़ अपने पश्चिमी थियेटर कमांड के प्रमुख को बदल दिया है, पहले इसके कमांडर जनरल झाओ ज़ोंगकी थे जो 2016 से इस कमांड को लीड कर रहे थे, और अब इस फ्रंट के लिये शू किलिंग को नियुक्त किया गया है।
लद्दाख में चल रहे तनाव के बीच 6 जून यानी शनिवार को भारत और चीन के बीच डेलिगेशन लेवल की होने वाली बातचीत पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। इंडिया टीवी को मिली जानकारी के मुताबिक पहली बार लेफ्टिनेंट जनरल रैंक ऑफिसर की मीटिंग इस बार भारतीय सेना और चाइनीज PLA के बीच हो रही है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) की वास्तविक नियंत्रण रेखा(एलएएसी) के भीतर घुसपैठ के चलते पूर्वी लद्दाख में फिलहाल तनाव की स्थिति जारी है।
भारतीय सैनिक सीमा पर डटे हुए हैं और यह साफ कर दिया है कि चीन के सैनिकों के वापस जाए बिना वे अपनी पोस्ट से नहीं हिलेंगे।
एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है, तो दूसरी तरफ चीन अपने पड़ोसियों के खिलाफ लगातार आक्रामक कार्रवाई कर रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दुनिया की सबसे बड़ी अपनी सेना के प्रशिक्षण के लिये चीन का पहला आदेश जारी किया है।
अमेरिका के एक शीर्ष खुफिया अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि चीन तेजी से अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है ताकि दुनिया पर अपना वर्चस्व बना सके।
चीन की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने युद्ध की तैयारियों में सुधार लाने के तहत एक बड़ा कदम उठाया है।
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