Wednesday, May 08, 2024
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PLA सैनिकों की मौत पर चीन में मचा बवाल! ग्लोबल टाइम्स में साफ झलक रही है खीज

ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया है लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं मगर शी जिनपिंग सरकार ने इस बारे में अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है।

IANS Reported by: IANS
Published on: June 25, 2020 17:43 IST
India China news PLA soldiers death in Ladakh - India TV Hindi
Image Source : AP India China news PLA soldiers death in Ladakh 

नई दिल्ली/बीजिंग। चीन ने लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारतीय सैनिकों के साथ संघर्ष में मारे गए चीनी सैनिकों के पीड़ित परिवारों को बीते बुधवार को शांत करने का प्रयास किया। हालांकि, चीन आधिकारिक रूप से स्वीकार नहीं करता कि झड़प में उसके सैनिकों की मौत हुई थी। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के मुखपत्र द ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन द्वारा लिखा गया है, 'सेना में सर्वोच्च सम्मान के साथ मृतकों के साथ व्यवहार किया गया है और यह जानकारी अंतत: सही समय पर समाज को दी जाएगी, ताकि नायकों को सम्मानित किया जा सके और उन्हें याद किया जा सके।'

चीन में दो दिन पहले ही एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दिखाया गया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के जवानों के परिवार इस बात से नाराज हैं कि भारतीय सैनिकों के विपरीत, उनके शहीदों को कोई सम्मान नहीं मिला। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसके बाद संपादकीय में यह बात कही गई है। हालांकि ग्लोबल टाइम्स ने स्वीकार किया है लद्दाख में हिंसक झड़प में 20 से कम चीनी सैनिक मारे गए हैं मगर शी जिनपिंग सरकार ने इस बारे में अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है।

हू ने 'पीएलए अधिकारियों और सैनिकों को शीर्ष श्रद्धांजलि' देते हुए लिखा, "चीन की सुरक्षा और चीन की शांति उन पर निर्भर करती है। अब तक चीनी सेना ने मृतकों के बारे में कोई सूचना जारी नहीं की है। पूर्व सैनिक और फिलहाल मीडिया पेशेवर के तौर पर मैं समझता हूं कि यह दोनों देशों में, विशेष रूप से भारत में, जनता की राय को उत्तेजित नहीं करने के उद्देश्य से एक आवश्यक कदम है। यह बीजिंग की सद्भावना है।"

भारतीय मीडिया ने दावा किया है कि गलवान घाटी में हुई झड़प में कम से कम 40 चीनी सैनिक मारे गए हैं और भारत ने 16 चीनी सैनिकों के शव सौंपे हैं। ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने अपने लेख में इन बातों को 'बिना चुनौती वाली अफवाहें' करार दिया। लद्दाख के मुद्दे पर हिंसक झड़प पर हू ने अपनी खीझ निकालते हुए लिखा है, पीएलए ने भारतीय पक्ष को एक सबक सिखाया है, जिसने हमेशा चीनी लोगों के दृढ़ संकल्प पर अपनी गलत राय बनाई है। पीएलए ने आवश्यकता पड़ने पर अपनी ताकत और दृढ़ संकल्प का प्रदर्शन किया है, जो कि भारतीय पक्ष, विशेष रूप से उनके अग्रिम पंक्ति के सैनिकों के लिए एक मजबूत निवारक है। पीएलए ने न केवल स्थिति को नियंत्रण में लाने की अपनी क्षमता दिखाई है, बल्कि जमीन पर भारतीय सेना पर मनोवैज्ञानिक लाभ भी प्राप्त किया है।

ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने भारत को धमकी देते हुए कहा, पीएलए के साथ खिलवाड़ मत करो। यह उन लोगों के लिए हमारी कड़ी चेतावनी है, जो चीन के प्रमुख हितों को चुनौती देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में बदलाव का लाभ उठाना चाहते हैं। हू ने यह भी कहा कि सीमा पर घुसपैठियों को कड़ी टक्कर देने के लिए चीन ने सीमा पर एक मजबूत तैनाती की है। उन्होंने कहा कि इस तैनाती का उद्देश्य अधिक संघर्षों की घटना से बचना है।

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