रोहिंग्या विद्रोहियों ने रविवार को दावा किया कि उन्होंने म्यांमार के उत्तरी रखाइन प्रांत में सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया जिसमें कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे...
म्यांमार में लोकतंत्र बहाली के लिए लंबा संघर्ष करने वाली सू की नोबेल शांति पुरस्कार सहित 120 अंतर्राष्ट्रीय सम्मान अपने नाम कर चुकी हैं...
म्यांमार सेना का कहना है कि वह उत्तरी रखाइन प्रांत में मिली सामूहिक कब्रों की जांच कर रही है। संयुक्त राष्ट्र ने सैनिकों पर इस क्षेत्र में रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया था।
डॉक्टर्स विदआउथ बॉर्डर्स (एमएसएफ) ने आज बताया कि म्यांमार के रखाइन राज्य में विद्रोहियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के पहले ही महीने में कम से कम 6,700 रोहिंग्या मुसलमान मारे गए थे।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बांग्लादेश से सटे देश के सीमवर्ती राज्यों से आग्रह किया कि वे रोहिंग्या और अवैध प्रवासियों की घुसपैठ को लेकर चौकसी बनाए रखें।
अमेरिका के हाउस ऑफ रीप्रेजेंटेटिव्स ने बौद्ध बहुल राष्ट्र म्यांमार की सरकार की कटु आलोचना करते हुए रोहिंग्या मुसलमानों के “नस्लीय सफाए” की निंदा की और वहां के नेताओं से उत्तरी रखाइन राज्य में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को खत्म करने की मांग की।
बांग्लादेश की यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस के रोहिंग्याओं का उल्लेख करने पर म्यांमार में सोशल मीडिया पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है...
एजेंट रोहिंग्याओं को भारत में अच्छे रोजगार का लालच देते हैं और उन्हें इस बात के लिए उत्साहित करते हैं कि वे जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे कुछ राज्यों में अपने मुसलमान भाइयों के साथ ही काम करेंगे...
फ्रांसिस ने राजधानी में म्यांमार की नेता आंग सान सू की और अन्य अधिकारियों तथा राजनयिकों की मौजूदगी में अपने भाषण में सैन्य अभियान का जिक्र नहीं किया...
म्यांमार की ‘स्टेट काउंसलर’ आंग सान सू की की रोहिंग्या शरणार्थी मुद्दे से निपटने में निष्क्रियता को लेकर और देश में हुई हिंसा की तरफ से आंखें मूंदने के लिए उनसे ‘फ्रीडम ऑफ ऑक्सफोर्ड’ सम्मान वापस ले लिया गया है...
बौद्ध बहुल देश म्यांमार की संवेदनशील यात्रा की शुरुआत करते हुए पोप फ्रांसिस ने देश के शक्तिशाली सेना प्रमुख से मुलाकात की।
हजारों विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानों को बांग्लादेश सीमा से वापस भेजने के लिए म्यांमार के साथ हुए एक समझौते के बाद भी रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में दाखिल हो रहे हैं...
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों पर किए गए अत्याचारों की खबर देने वाले 95 पर्सेंट से भी ज्यादा रिपोर्टर्स गायब हो गए हैं...
संघर्ष के दौरान यौन हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र की राजदूत का कहना है कि रोहिंग्या मुस्लिम महिलाओं एवं लड़कियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर हुए अत्याचारों की बाकायदा योजना तैयार की गई और इसे म्यांमार सेना ने अंजाम दिया था।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने रोहिंग्या संकट की मुख्य वजह की जांच करनेवाली एक रिपोर्ट में कहा है कि म्यांमार रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ नस्लभेदी व्यवहार कर रहा है।
महिलाओं ने बलात्कार से पहले अपनी आंखों के सामने अपने बच्चों, पति और माता-पिता की हत्या होती देखी। एचआरडब्ल्यू ने सामूहिक बलात्कार के छह मामले बताए हैं जिसमें सैनिकों ने महिलाओं को समूहों में इकट्ठा किया और फिर उनसे मारपीट तथा दुष्कर्म किया। रिपोर्ट म
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार की नेता आंग सान सू की से अनुरोध किया कि वह बांग्लादेश में रह रहे रोहिंग्या शरणार्थियों को देश वापस लौटने की अनुमति दें।
13 साल के नबी हुसैन ने जिंदा रहने की अपनी सबसे बड़ी जंग एक पीले रंग के प्लास्टिक के ड्रम के सहारे जीती...
एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी का कहना है कि बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थी बड़ी संख्या में मौजूद हैं और मेजबान देश का रूख उदार भी है लेकिन हालात के मद्देनजर अभी और काम करने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने आज म्यांमार से रखाइन प्रांत में अपनी सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने और हिंसा के कारण बेघर हुए लाखों रोहिंग्या मुसलमानों को घर वापस लौटने की अनुमति देने का आह्वान किया।
संपादक की पसंद