दिल्ली में एक बार फिर वायु गुणवत्ता खराब होनी शुरू हो गई है। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच पंजाब में किसानों ने पराली जलाना फिर से शुरू कर दिया है।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने कुछ दिन पहले भी बताया था कि फसल अवशेष जलाने के कारण किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे।
किसानों से परली जुटाकर उसे एनर्जी प्रोड्यूसर्स तक पहुंचाने के इकोसिस्टम में मजबूत पुल का काम करने वाले वर्व रिन्यूएबल्स ने 1,50,000 मीट्रिक टन कृषि अपशिष्ट जुटाने का संकल्प लिया है।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में कथित रूप से धान की पराली जलाने के आरोप में दो दिनों के भीतर कम से कम 60 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज कर उनके खिलाफ पुलिस ने निरोधात्मक कार्रवाई की है।
विशेषज्ञों ने कहा कि पंजाब के खेतों में धान की पराली जलाने के कारण पैदा हुए धुंए के 300-400 किलोमीटर दूर पहुंचकर दिल्ली की वायु गुणवत्ता को प्रभावित करना लगभग नामुमकिन है।
पंजाब, हरियाणा में पराली जलने की शुरुआत से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता सोमवार को कई जगहों पर 'खतरनाक' हो गई |
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद में खेतों में पराली जलाने वाले पांच किसानों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
वर्तमान में दिल्ली में वायु गुणवत्ता हालांकि मध्यम श्रेणी में है, लेकिन आने वाले दिनों में राजधानी की हवा और दूषित हो सकती है। इसका कारण पराली जलाने की घटनाओं का बढ़ना है। यह जानकारी सोमवार को सफर ने दी।
जस्टिस अरुण मिश्रा ने पंजाब के चीफ सेक्रेटरी से पूछा कि क्या अभी भी पंजाब में पराली जलाई जा रही है? जिसका उन्होनें 'हां' में उत्तर दिया।
उच्च सदन में प्रश्नकाल के दौरान भाजपा के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डीपी वत्स ने जब पूरक प्रश्न पूछते समय यह बात कही तो सदन में बैठे सदस्यों के चेहरे पर मुस्कान उभर आयी।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं जो स्थिति की भयावहता को बयान कर रही हैं। इस सेटेलाइट मैप में पंजाब और हरियाणा के ऊपर Red Spot दिखाई दिए हैं।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने रविवार को मांग की कि हरियाणा सरकार को पराली नहीं जलाने वाले छोटे एवं सीमांत किसानों को प्रति एकड़ 2,500 रुपये का मुआवजा देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद पराली जलाने की घटनाएं थम नहीं रही है। पिछले दो दिनों में पंजाब के विभिन्न हिस्सों से 1,565 खेतों में पाराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं।
चरखी दादरी जिले के गांव घिकाड़ा के सरपंच ने पर्यावरण बचाने की पहल करते हुए पराली नहीं जलाने वाले किसानों को हवाई सैर कराकर जागरूकता का संदेश दिया है।
केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो ने बुधवार को कहा कि सर्दियों से पहले पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना दिल्लीवासियों के लिए ‘‘मौसमी सौगात’’ है और इसके चलते होने वाले भीषण वायु प्रदूषण के कारण यह उनके लिए ‘‘मृत्युदंड’’ के समान बन गया है।
दिल्ली सहित पूरे उत्तर भारत का दम घोंट रहे पराली के धुंए को लेकर हरियाणा सरकार एक्शन में आ गई है। खेतों में पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ हरियाणा के सिरसा में बड़ा एक्शन हुआ है।
धान की कटाई के बाद बचे डंढल और पत्तियों आदि से बायोगैस बनाने वाला देश का पहला संयंत्र हरियाणा के करनाल जिले में लगाया जा रहा है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फसल काटने के बाद उसके अपशिष्ट (पराली) को खेतों में जलाने वाले किसानों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे किसान सरकार से मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे।
सरकार का कहना है कि पराली के डिस्पोज़ल के लिए मशीनें लगाई गई हैं लेकिन किसान इसके लिए तैयार नहीं है। कुछ जगहों पर विशेष तरह के उपकरण लगाकर पराली जलाने वाली जगहों की पहचान की जा रही है।
कृषि मंत्रालय के राष्ट्रीय जैविक केन्द्र ने वेस्ट डी. कम्पोजर बनाया है। अगर 200 लीटर पानी में दो किलो गुड़ घोलकर उसमें वेस्ट डी. कम्पोजर मिलाकर खेत की सिंचाई कर दी जाए तो 15 दिन के अंदर पराली गलकर खाद बन जाएगी।
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