हिमाचल प्रदेश की देहरा सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज कर इतिहास रच दिया है। यहां से सीएम की पत्नी कमलेश ठाकुर ने बड़ी जीत दर्ज की है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के दो करीबी लोगों पर ईडी ने शिकंजा कस दिया है। ईडी ने इनके खिलाफ ने PMLA के तहत जांच शुरू की है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर की राजनीति में एंट्री हो गई है और उ्न्हें देहरा विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने टिकट दिया है।
कांग्रेस ने हिमाचल प्रदेश में देहरा और पश्चिम बंगाल की दो सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी की।
इंडिया टीवी के चुनाव मंच में हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी हिस्सा लिया है। उन्होंने कार्यक्रम में लोकसभा चुनाव, कांग्रेस की रणनीति और हाल ही में हिमाचल कांग्रेस में संकट के मुद्दे पर बयान दिया है।
कांग्रेस के 6 बागियों में शामिल रहे सुधीर शर्मा ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को मानहानि का नोटिस भेजकर 5 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की है।
कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल प्रदेश की सरकार और प्रदेश संगठन में बेहतर तालमेल बनाने के लिए समन्वय समिति के सदस्यों के नामों का ऐलान कर दिया है। इसमें सीएम और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत 6 नेताओं को जगह दी गई है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बागी विधायक सुधीर शर्मा पर कार्रवाई की है। खरगे ने तत्काल प्रभाव से सुधीर शर्मा को AICC सचिव के पद से हटा दिया है।
हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने की घोषणा की है।
हिमाचल में मचा सियासी घमासान अभी भी जारी है। इस सियास घमासान के बीच सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के लिए एक अच्छी खबर है। सूत्रों की मानें कांग्रेस हिमाचल में सीएम नहीं बदलने वाली है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ही हिमाचल के सीएम रहेंगे। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। हिमाचल में मुख्य
राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले कांग्रेस के बागी विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि पार्टी के कम से कम 9 और विधायक उनके संपर्क में हैं।
धर्मपुर की जनसभा में सीएम सुक्खू ने कांग्रेस के बागी विधायकों को काला नाग बताया था। इसके बाद उन्होंने एक बार फिर यही बात दोहराई और कहा कि पार्टी को जो लोग धोखा देते हैं, वह काला नाग होते हैं।
कांग्रेस आलाकमान ने हिमाचल में डैमेज कंट्रोल का दावा किया था। लेकिन विक्रमादित्य सिंह के एक और कदम उठाया है जिसके बाद एक बार फिर से हिमाचल की राजनीति में नए उठापटक को लेकर कयास शुरू हो गए हैं।
पिछले दिनों विक्रमादित्य सिंह ने अपने इस्तीफे के वक्त मीडिया से कहा था कि सरकार सभी के योगदान से बनी है, लेकिन विधायकों की अनदेखी की गई और उनकी आवाज दबाने की कोशिश की गई।
अगर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को नहीं बदला तो विक्रमादित्य सिंह का गुट फिर नाराज हो जाएगा। अगर मुख्यमंत्री बदल दिया तो सुक्खू के समर्थक विधायक आंखें दिखाएंगे।
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पर संकट बताया जा रहा था। इसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने डीके शिवकुमार और भूपिंदर सिंह हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था। अब माना जा रहा है कि संकट के बदल फ़िलहाल छट गए हैं।
हिमचाल कांग्रेस में घमासान जारी है। इस बीच सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक लोकसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री सुक्खू की कुर्सी बची रह सकती है।
विक्रमादित्य सिंह ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सीएम की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज थे और अब हालात सही नहीं थे।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस्तीफे की खबरों को प्रोपेगेंडा बताते हुए कहा कि मैं योद्धा हूं और संघर्ष करना जानता हूं। हमारी सरकार 5 साल चलेगी।
हिमाचल प्रदेश में जबरदस्त राजनीतिक हलचल हो रही है। विक्रमादित्य सिंह के इस्तीफा देने के बाद अब कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस्तीफा मांग लिया है।
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