चुनाव आयोग ने उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (RLM) को चुनाव चिह्न दे दिया है। आयोग ने राष्ट्रीय लोक मोर्चा को गैस सिलेंडर का चुनाव चिह्न दिया है। कुशवाहा की पार्टी NDA गठबंधन में शामिल है।
कुशवाहा ने बताया कि निर्वाचन आयोग ने हमसे कुछ और विकल्प मांगे थे। हमने पांच विकल्प सुझाये थे, जिसमें ‘राष्ट्रीय लोक मंच’ नाम पर आयोग सहमत हुआ। यानी उनकी पार्टी ‘राष्ट्रीय लोक जनता दल’ को ‘राष्ट्रीय लोक मंच’ के रूप में जाना जाएगा।
नीतीश कुमार के करीबी रहे उपेंद्र कुशवाहा ने आज INDIA TV से बात करते हुए नीतीश कुमार और JDU से जुड़े कई राज खोले हैं। साथ ही उन्होंने ललन सिंह के इस्तीफे को लेकर भी बयान दिया है।
RLJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में किया गया जातीय सर्वेक्षण का डेटा फ़ेक है। वहीं, RLJP प्रेसिडेंट पशुपति पारस ने कहा कि बिहार सरकार ने राजनीतिक फ़ायदे के लिए जातीय सर्वेक्षण कराया है।
उपेंद्र कुशवाहा और अमित शाह की इस मुलाकात को बिहार में तेजी से बदल रहे नए राजनीतिक समीकरण के लिहाज से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। शाह से नई दिल्ली में मुलाकात के बाद पटना पहुंचे कुशवाहा ने सीएम नीतीश पर जमकर निशाना साधा है।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन सरकार की सबसे मजबूत पार्टी वैसे तो आरजेडी है लेकिन भाजपा को इस बात का अहसास हो गया है कि राज्य में पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए या यूं कहे कि भाजपा की जीत का रास्ता नीतीश कुमार के वोट बैंक में ही सेंध लगाने से निकलेगा।
IB की तरफ से ये जानकारी दी गई थी कि उपेंद्र कुशवाहा पर हमले किए जा सकते हैं, जिसके बाद अब केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें Y प्लस सिक्योरिटी दी गई है। वहीं, JDU से अलग होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा को लेकर कई तरह की अटकलें लग रही हैं।
आरा से पूर्व सांसद और भोजपुर की चर्चित नेता मीना सिंह ने जदयू का साथ छोड़ दिया है। जदयू छोड़ने के साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि जनता दल यूनाइटेड को मजबूत करने के लिए हमने हर संभव प्रयास किए। जहां पार्टी को जरूरत पड़ी वहां मौके पर खड़ी रही।
उपेंद्र कुशवाहा ने इस्तीफा देने के बाद अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा- मुख्यमंत्री जी 'त्वदीयं वस्तु तुभ्यमेव समर्पये। आज मैंने विधान परिषद् की सदस्यता से इस्तीफा सौंप दिया। मन अब हल्का है। चक्रव्यूह से बाहर आ जाने की सुखद अनुभूति हो रही है।
राजद के विधायक विजय कुमार मंडल ने दावा किया है कि होली के बाद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की कुर्सी तेजस्वी यादव को सौंप देंगे। वहीं, जेडीयू छोड़ चुके उपेंद्र कुशवाहा लगातार आरोप लगा रहे हैं कि नीतीश कुमार तेजस्वी को अपना उत्तराधिकारी घोषित करके बिहार के साथ गलत कर रहे हैं।
इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू छोड़ने के बाद कहा था कि पार्टी में कुछ भी संगठनात्मक रूप से ठीक नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा कि अब जेडीयू में कुछ भी नहीं है। वह शून्य हो चुकी है। शून्य को तोड़िएगा तो उसमें से क्या निकलेगा।
उपेंद्र कुशवाहा ने जेडीयू नेताओं के तरफ से पहले से ही भाजपा से एलाइनमेंट होने के सवाल पर कहा कि यह सब भी हमने अपने बड़े भाई नीतीश कुमार से सीखा है। जिनको मेरा फैसला ठीक लग रहा है वह मुझसे मिलकर यदि मुझे धन्यवाद दे रहे हैं और मैं उनका आभार प्रकट कर रहा हूं।
कुशवाहा ने कहा विपक्ष में प्रधानमंत्री के दर्जन भर से ज्यादा उम्मीदवार हैं। विपक्ष में अभी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को एकजुट करने का जो प्रयास चल रहा है उसमे तारतम्यता नहीं है उससे नरेंद्र मोदी के सामने अभी कोई चुनौती नहीं दिख रही।
सुशील मोदी ने कहा कि लालू-राबड़ी के पुत्र तेजस्वी यादव परिवार से अलग नहीं हैं। विडम्बना यह कि जिस परिवार के भ्रष्ट राजपाट के विरुद्ध बीजेपी के साथ मिल कर जेडीयू लड़ता रहा, उसी कुनबे के 'राजकुमार' को नीतीश कुमार अपना उत्तराधिकारी बता रहे हैं।
उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू से दिया इस्तीफा, बनाएंगे नई पार्टी। इसका ऐलान करते हुए उन्होंने नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है।
उपेंद्र कुशवाहा की ओर से पार्टी की बैठक बुलाए जाने के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने सोमवार को कहा कि वह सिर्फ एमएलसी हैं, संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष नहीं हैं।
नीतीश कुमार ने कहा कि अगर आप रोज बोलेंगे तो इसका मतलब है कि आपकी राय हमसे अलग है। नीतीश ने कहा कि ऐसी बातों पर ध्यान देने की जरुरत नहीं है।
उपेंद्र कुशवाहा के जेडीयू नेताओं और कार्यकर्ताओं को लिखे आमंत्रिण को ट्वीट करके ललन सिंह ने जवाब दिया है।
जेडीयू के संसदीय दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा अब पार्टी नेतृत्व के साथ दो-दो हाथ करने की तैयारी में लग गए हैं।
जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अनुरोध कर रहा हूं कि पार्टी को बचाने के लिए कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सवाल मेरे पार्टी छोड़ने का नहीं है, बल्कि पार्टी को बचाने का है। कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग हैं, जो उनसे जबरदस्ती काम करवा रहे हैं।
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