इस हादसे पर उत्तराखंड के डीजीपी का भी बयान सामने आ गया है। उन्होंने भी कहा है कि टनल के अंदर मजदूरों के फसे होने के आशंका है। वहीं, पीटीआई का दावा है कि टनल के अंदर 40 मजदूर फंसे हुए है।
मंगलवार 3 अक्टूबर को दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इस भूकंप का केंद्र नेपाल था, जहां इसकी वजह से कुछ घर भी गिर गए थे। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.2 मापी गई थी।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बीते कुछ समय से लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। ये किसी बड़े खतरे की ओर भी इशारा कर रहे हैं। अब सोमवार को भी जिले में भूकंप आया जिससे लोगों में दहशत फैल गई।
उत्तरकाशी जिले के यमुना घाटी क्षेत्र में यमुनोत्री हाईवे NH-94 से सटे राजतर और उससे एक किलोमीटर दूर गंगनानी में आधी रात को बादल फट गए। इसके बाद गंगनानी और राजतर कस्बे में बारिश से हुई तबाही का मंजर हर ओर दिख रहा है।
पुरोला में एक हिंदू नाबालिग की किडनैपिंग की नाकाम कोशिश में एक अल्पसंख्यक का नाम सामने आने के बाद से ही भारी बवाल मचा हुआ है।
जोशीमठ में पल-पल बदलते हालात पर हमारी नजर बनी हुई है, ऐसे में शहर पर आए संकट से जुड़े हर जरूरी अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें:
22 वर्षीय आयुष मंदिर गया था तब रात भर उच्च वर्ग के कुछ लोगों ने मंदिर में उसके साथ मारपीट की, उसे बांध दिया और जलती लकड़ियों से उसकी पिटाई की।
दरारें पड़ने से दरक रहे उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में मौसम का मिजाज बिगड़ने से कड़ाके की ठंड ने पीड़ितों की चिंता पहले ही बढ़ा दी थी, और अब उत्तरकाशी में भूकंप की खबरें लोगों को और परेशान कर रही होंगी।
आपदा की दृष्टि से उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है। यहां कभी भूकंप से तबाही मचती है, तो कभी जलप्रलय से इस बार भगवान बदरीनाथ धाम के प्रवेशद्वार जोशीमठ से आपदा की आहट आ रही है। यहां घरों पर दरारें पड़ गई हैं, जमीन के नीचे पानी की हलचल साफ सुनाई दे रही है।
Earthquake In Uttarakhand- उत्तराखंड में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार के उत्तरकाशी में बुधवार तड़के 3.1 तीव्रता का भूकंप आया है।
Uttarkashi News: नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (एनआईएम) के 29 पर्वतारोही चढ़ाई के बाद लौटते समय चार अक्टूबर को 17 हजार फुट की ऊंचाई पर द्रौपदी का डांडा-द्वितीय चोटी पर हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 5 हजार फीट की एक ऊंची चोटी पर फंसे 29 पर्वतारोहियों को बचाने का रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ गया है, क्योंकि उस पहाड़ पर फिलहाल तेज बर्फबारी हो रही है।
उत्तराखंड में शनिवार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह भूकंप सुबह 5 बजकर 03 मिनट पर उत्तरकाशी में 39 किलोमीटर पूर्व में आया। इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 4.1 दर्ज की गई।
दीक्षित ने कहा कि शव शुक्रवार को ही दिख गए थे और शनिवार को बचाव अभियान फिर शुरू होने पर उन्हें बरामद किया जा सका।
जानकारी के अनुसार, दिल्ली का एक और पश्चिम बंगाल के सात ट्रैकर तीन रसोइयों और छह पोर्टरों के साथ 11 अक्टूबर को उत्तरकाशी के हर्षिल से लमखागा दर्रे के रास्ते हिमाचल प्रदेश के चितकुल के लिए रवाना हुए थे।
अमेरिकी एजेंसी यूएसजीएस के अनुसार इंडोनेशिया में देर रात भूकंप के बड़े झटके महसूस हुए। वहीं सिंगापुर में भी भूकंप के तगड़े झटके आए हैं।
ज़िले के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ.डीपी जोशी ने बताया कि सोमवार देर शाम एम्स ऋषिकेश से एक नये मामले में कोरोना की पुष्टि होने की सूचना मिलते ही तत्काल स्टेट सर्विलांस ऑफिसर को मरीज का पता करने को कहा गया।
मौसम विभाग ने शनिवार को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारी बारिश और बर्फबारी की आशंका जताई है, जिसके बाद सरकार द्वारा कल उत्तरकाशी के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद रखने का फैसला लिया है।
राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के सूत्रों ने बताया कि निजी कंपनी का यह हेलीकॉप्टर राहत सामग्री लेकर प्रभावित मोरी क्षेत्र के चीवा गांव जा रहा था जब कुछ तकनीकी गड़बड़ी के चलते उसे आपात स्थिति में उतरना पड़ा।
डीएम ने सभी 133 गांवों को रेड जोन में शामिल कर लिया है। यहां गिरते लिंगानुपात पर गहरी चिंता जताई जा रही है। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं की ओर से भेजी गई रिपोर्ट नियमित रूप से मदर चाइल्ड ट्रैकिंग सिस्टम पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए।
संपादक की पसंद