वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन की मौत की खबर से पूरी दुनिया सकते में है। उनकी मौत अप्रत्याशित रूप से हुई है। हालांकि विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से उनकी मौत हुई। वे पुतिन के साथ गद्दारी कर चुके थे। इससे पहले भी पुतिन के दुश्मनों की अचानक मौत की खबर आ चुकी है।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की है। इस तारीफ के कई मायने हैं। देश में पुतिन की कमजोर होती स्थिति और दुनिया में कमजोर पड़ते रूस को अब अपना दोस्त भारत याद आने लगा है। पढ़िए क्या हैं भारत और रूस के वर्तमान समीकरण?
रूस में शनिवार के दिन हुई बगावत अब ठंडी पड़ चुकी है। लेकिन इस बीच ब्रिटिश जनरल ने चेतावनी दी है कि वैगनर ग्रुप बेलारूस की तरफ निकल पड़ी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि वैगनर ग्रुप बेलारूस के जरिए कीव पर हमला कर सकती है।
बीते कल ऐसा लग रहा था कि ये प्राइवेट आर्मी रूस में तख्ता पलट कर सकती है। लेकिन क्या आपको पता है कि येवगेनी प्रिगोझिन के अलावा भी कई ऐसे लोग हुए हैं जिन्होंने व्लादिमीर पुतिन के लिए कभी चुनौती खड़ी की थी।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि बेलारूस भेजे गए परमाणु हथियारों का इस्तेमाल तभी किया जाएगा जब उनके देश पर कोई खतरा होगा।
रूसी कमांडरों को ‘मूर्ख’ की संज्ञा देते हुए प्रिगोझिन ने उन्हें गत सप्ताह ‘आपराधिक आदेशों’ के लिए जिम्मेदार ठहराया और सवाल किया कि क्या सेना रूसी क्षेत्र का बचाव कर सकती है।
पुतिन ने कहा, “आज सभ्यता एक बार फिर निर्णायक मोड़ पर है। हमारी मातृभूमि के खिलाफ एक वास्तविक युद्ध छेड़ा गया है।”
रूसी कमांडर इगोर गिरकिन ने कहा कि ‘आलाकमान की अनुमति के बिना जंग के मोर्चे पर सैनिकों को वापस लेने की अपील एक तरह का सैन्य विद्रोह ही है और कुछ नहीं।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक डिजिटल मसौदा प्रणाली बनाने के लिए एक ऐसे बिल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे कि रूसियों को सेना में शामिल करने में काफी मदद मिलेगी।
रूस में युवा कामगारों की काफी कमी हो गई है। इस संकट से निपटने के लिए उसे अपने दोस्त और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले युवाओं के देश भारत की याद आई है। रूस ने भारत से कहा है कि भारतीय युवा रूस मे आकर काम करें। इसके लिए रूस ने कई तरह के प्रयास भी किए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन हत्या से बचने के लिए प्लेन की बजाय सीक्रेट ट्रेन का इस्तेमाल करते हैं। वहीं खुद खाना खाने से पहले अपने खाने को चैक कराते हैं। बाकायदा एक फूड टेस्ट करने वाला विशेषज्ञ अपने साथ रखते हैं जो खाने को पहले टेस्ट करता है
पिछले दिनों चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस की यात्रा की थी। इसके बाद भी ये कहा जाने लगा था कि चीन के बहकावे में रूस भारत के विरोध में न चला जाए। लेकिन रूस की ओर से भी भारत के साथ दोस्ती को हमेशा तवज्जो दी गई।
पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि यूक्रेन को नाटो देश हथियारों की मदद कर रहे हैं। यह चिंता का कारण है। हालांकि इससे रूस को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। पुतिन ने अमेरिका और नाटो देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि रूस के पास हथियारों का जखीरा जमा है, भरा हुआ है। इसका अभी तक इस्तेमाल ही नहीं किया गया है।
पुतिन ने कहा कि यह योजना यूक्रेन को ‘डिप्लेटेड यूरेनियम’ वाला गोला-बारूद देने की ब्रिटेन की योजना की जवाबी प्रतिक्रिया है। पुतिन ने पहले दावा किया था कि ये गोला-बारूद परमाणु घटक से लैस हैं।
पुतिन के करीबी मेदवदेव ने कहा कि अगर पुतिन को अरेस्ट करने की कोई भी कोशिश की जाती है तो दुनिया में परमाणु प्रलय आ सकता है। उधर, रूसी राष्ट्रपति के आफिस ने कहा है कि कोर्ट का वारंट एक पक्षपातपूर्ण फैसला है और यह हमारे लिए कोई महत्व नहीं रखता है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायालय द्वारा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किए जाने के बाद पहली बार कोई बड़ा राष्ट्राध्यक्ष पुतिन से मुलाकात करने जा रहा है। इस मुलाकात से चीन का हित यह है कि वह अपने सबसे बड़े दुश्मन अमेरिका को कूटनीतिक मात देना चाहता है।
राजधानी मॉस्को के गोस्टिवनी डावर हॉल में अपने भाषण के दौरान पुतिन ने प्रमुखता से भारत का जिक्र करते हुए कहा कि रूस भारत के साथ अपने सहयोग और व्यापार को बढ़ाना जारी रखेगा। उन्होंने एशिया में भारत, चीन आदि देशों से व्यापार को बढ़ावा देने के लिए अंतरराष्ट्रीय नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर (INSTC) के विस्तार की भी घोषणा की।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेहत ठीक नहीं लग रही है। दरअसल उनका एक ताजा वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कांपते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसा एक मीटिंग के दौरान हुआ, जिसमें वह अपने बेलारूस समकक्ष अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठे हुए थे।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन की हत्या की आशंका है। इस बात का दावा रूस के विपक्षी दल के नेता किया है। साथ ही ये दावा भी किया है कि उनकी हत्या इसी साल 7 अक्टूबर के पहले हो जाएगी। जानिए इस बारे में पूरी डिटेल।
रूस और यूक्रेन के बीच जंग आने वाले दिनों में और भी ज्यादा भीषण हो सकती है। रूस ने नए सैन्य कमांडर को जंग में जीत के लिए जिम्मेदारी दी है। रूसी विशेषज्ञ भी यही कह रहे हैं कि खुद चीफ ऑफ स्टाफ का आना अहम है। उधर, यूक्रेनी सैनिक भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।
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