Thursday, March 27, 2025
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ट्रंप 2.0 की पॉलिसी से पूरे यूरोप में मची खलबली, जेलेंस्की और शोल्ज तो दिखाने लगे आंखें

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई नीतियों ने यूरोप में हलचल मचा दी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने ‘यूरोप की सशस्त्र सेना’ बनाने का प्रस्ताव दिया, जबकि जर्मन चांसलर शोल्ज ने ट्रंप के चुनाव में दखल की निंदा की।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Feb 15, 2025 23:36 IST, Updated : Feb 15, 2025 23:36 IST
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Image Source : AP डोनाल्ड ट्रंप, ओलाफ शोल्ज और वोलोदिमिर जेलेंस्की।

म्यूनिख: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत वॉशिंगटन की नई नीतियों ने पूरे यूरोप में खलबली मचाकर रख दी है। यही वजह है कि शनिवार को 2 शीर्ष यूरोपीय नेताओं ने अपना रुख कड़ा करते हुए ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में सामने आ रही नीतियों की खुलकर आलोचना की है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने तो ‘यूरोप की सशस्त्र सेना’ के गठन का आग्रह तक कर दिया है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के एक जर्मन दक्षिणपंथी नेता से मिलने के बाद जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज ने अपने चुनाव में दखल देने को लेकर उनकी निंदा की।

ट्रंप के फैसलों की गूंज यूरोप तक सुनाई दे रही है

म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन के दूसरे दिन जेलेंस्की और शोल्ज के तीखे भाषण ट्रंप के फैसलों के नतीजों के रूप में सामने आए। ट्रंप के फैसलों की गूंज अमेरिका के साथ-साथ यूरोप में भी सुनाई दे रही है। रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म करने से जुड़ी उनकी चाहत यूरोप के नेताओं को खलने लगी है। ज्यादा शक्तिशाली और ताकतवर यूरोप की अपनी इच्छा को आगे बढ़ाते हुए जेलेंस्की ने कहा कि हमलावर रूसी सेना के खिलाफ यूक्रेन की 3 साल की लड़ाई ने साबित कर दिया है कि यूरोपीय सेना के निर्माण के लिए एक आधार मौजूद है, जिस पर इस महाद्वीप के कुछ नेताओं के बीच लंबे समय से चर्चा हो रही है।

जेलेंस्की लगातार दे रहे हैं यूरोप को चेतावनी

ट्रंप की नीतियों से बौखलाए दिख रहे जेलेंस्की ने कहा, ‘मुझे वाकई में लगता है कि समय आ गया है कि यूरोप की सशस्त्र सेना का गठन किया जाना चाहिए।’ हालांकि यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि जेलेंस्की का यह विचार यूरोप के नेताओं को पसंद आएगा या नहीं। जेलेंस्की ने पिछले कुछ सालों में लगातार यूरोपीय संघ से ज्यादा से ज्यादा सैन्य और आर्थिक सहायता मांगी है और बार-बार चेतावनी दी है कि यूरोप के बाकी के हिस्से भी रूस की विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं के लिहाज से संवेदनशील हो सकते हैं।

ट्रंप-पुतिन की बातचीत पर भी बोले जेलेंस्की

जेलेंस्की ने इस हफ्ते ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई फोन पर बातचीत का भी जिक्र किया। दरअसल, रूसी राष्ट्रपति से बातचीत के बाद बाद ट्रंप ने कहा कि वह और पुतिन यूक्रेन पर शांति समझौते पर बातचीत करने के लिए जल्द ही मिलेंगे। ट्रंप ने बाद में जेंलेंस्की से कहा कि जंग को खत्म करने के लिए उन्हें भी बातचीत में शामिल होना चाहिए, लेकिन यूक्रेनी नेता ने जोर देकर कहा कि यूरोप को भी बातचीत में शामिल किया जाए। जेलेंस्की ने कहा, ‘यूक्रेन हमारी पीठ पीछे हमारी भागीदारी के बिना किए गए सौदों को कभी स्वीकार नहीं करेगा, और यही नियम पूरे यूरोप पर लागू होना चाहिए।’

शोल्ज ने जेडी वेंस के बयानों पर साधा निशाना

इसके पहले जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज ने कहा कि वह ‘यूक्रेन की संप्रभु स्वतंत्रता को बनाए रखने’ के लिए अमेरिका के साथ साझा प्रतिबद्धता से ‘प्रसन्न’ हैं। उन्होंने कहा कि वह ट्रंप की इस बात से भी सहमत हैं कि रूस-यूक्रेन युद्ध समाप्त होना चाहिए। हालांकि शोल्ज ने वॉशिंगटन के नए राजनीतिक कदम पर भी निशाना साधा। उन्होंने धुर दक्षिणपंथ के खिलाफ अपने कड़े रुख की पुष्टि करते हुए कहा कि उनका देश ऐसे लोगों को स्वीकार नहीं करेगा जो ‘हमारे लोकतंत्र में हस्तक्षेप करते हैं।’ उनका इशारा अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की टिप्पणियों की ओर था, जिन्होंने यूरोपीय नेताओं को लोकतंत्र के प्रति उनके दृष्टिकोण को लेकर फटकार लगाई थी। (भाषा)

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