Friday, April 26, 2024
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भारत के आसमान में दहाड़े एफ-16 लड़ाकू विमान, जानिए क्या है पूरा मामला?

भारत में पश्चिम बंगाल के आसमान में एफ 16 विमानों ने दो साल के ब्रेक के बाद उड़ान भरी है। ये एफ 16 विमान सिंगापुर वायुसेना यानी आरएसएएफ के हैं। सिंगापुर के ये लड़ाकू विमान संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण के 11 सीजन के लिए भारत में आई हैं और कलाईकुंडा वायुसेना स्टेशन पहुंचे हैं।

Deepak Vyas Edited By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published on: November 07, 2022 20:26 IST
F-16 Fighter jet- India TV Hindi
Image Source : FILE F-16 Fighter jet

पश्चिम बंगाल के आसमान में एफ-16 लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी है। लेकिन ये विमान पाकिस्तान के नहीं, बल्कि सिंगापुर वायुसेना के हैं, जो भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण के तहत वायुसेना स्टेशन कलाईकुंडा पहुंचे हैं। एफ-16 लड़ाकू विमान लगभग दो साल के अंतराल के बाद एक बार फिर पश्चिम बंगाल के ऊपर आसमान में उड़ान भर रहे हैं। ये एफ-16 सिंगापुर वायु सेना गणराज्य (आरएसएएफ) के हैं, जो इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) के साथ संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण (जेएमटी) के 11वें सीजन के लिए राज्य के वायुसेना स्टेशन कलाईकुंडा पहुंचे हैं। 

सिंगापुर और भारत के विमान ले रहे हिस्सा

जहां सिंगापुर एयरफोर्स यानी आरएसएएफ ने अपने एफ-16 जेट भेजे हैं, सू-30 एमके, जगुआर, मिग-29 और एलसीए तेजस के साथ भाग ले रहा है। फिलहाल दोनों वायुसेनाएं अलग-अलग काम कर रही हैं। द्विपक्षीय चरण बुधवार से शुरू होगा, जब दोनों पक्षों के विमान उन्नत वायु युद्ध सिमुलेशन में शामिल होंगे जहां द्विपक्षीय चरण 18 नवंबर तक चलेगा।

सिंगापुर के वायुसेना अधिकारियों ने दिखाई भारत के 'तेजस' में दिलचस्पी

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जेएमटी का यह संस्करण छह सप्ताह तक चलेगा। सिंगापुर के अधिकारियों के लिए तेजस को करीब से देखने का यह एक और अवसर होगा। सिंगापुर उन देशों में से एक है जिसने तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। आरएसएएफ के पायलट कलाईकुंडा के पास फायरिंग और बमबारी रेंज का पूरा मौका उठा रहे हैं।"

इसलिए सिंगापुर हमारे देश में कर रहा है अभ्यास

कलाईकुंडा जैसा हवाई अड्डा सिंगापुर जैसे देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जहां अभ्यास के लिए जगह की कमी है। एएफएस कलाईकुंडा बंगाल की खाड़ी के ऊपर हवा से हवा में फायरिंग रेंज और दूधकुंडी में ग्राउंड रेंज प्रदान करता है। आईएएफ और आरएसएएफ दोनों विमान हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रॉकेटों और तोपों को समुद्र के ऊपर नकली ठिकानों पर दागेंगे।

इन देशों की वायुसेना भी कर चुकी है कलाईकुंडा में अभ्यास

आरएसएएफ के अलावा, एएफएस कलाईकुंडा ने संयुक्त राज्य वायुसेना, रॉयल वायुसेना और फ्रांसीसी वायु सेना की मेजबानी की है। महामारी के कारण मित्र देशों की वायु सेना के साथ दो साल तक कलाईकुंडा में संयुक्त अभ्यास संभव नहीं था।

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