Saturday, April 27, 2024
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घर में ताईवान और बाहर जापान, फिलीपींस से बच भी गया चीन...तो सामने खड़ा है हिंदुस्तान

India Vs China : चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति और खोटी नीयत के चलते सिर्फ भारत के साथ ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों के साथ भी रिश्तों को बेहद तनावपूर्ण बना रखा है। इसमें भारत के अलावा ताईवान से लेकर फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, जापान, नेपाल, भूटान, लाओस, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मकाऊ जैसे 20 देशों के साथ चीन विवाद है।

Dharmendra Kumar Mishra Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: December 18, 2022 16:32 IST
पीएम मोदी- India TV Hindi
Image Source : AP पीएम मोदी

India Vs China : चीन ने अपनी विस्तारवादी नीति और खोटी नीयत के चलते सिर्फ भारत के साथ ही नहीं, बल्कि कई अन्य देशों के साथ भी रिश्तों को बेहद तनावपूर्ण बना रखा है। इसमें भारत के अलावा ताईवान से लेकर फिलीपींस, मलेशिया, वियतनाम, जापान, नेपाल, भूटान, लाओस, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, मकाऊ जैसे 20 देशों के साथ चीन विवाद है। चीन की सीमा भारत समेत करीब 25 देशों से लगती है। भारत के कब्जे वाले तिब्बत और आक्साई चिन को हथियाने के बाद अब चीन की नजर अरुणाचल, लद्दाख और सिक्किम पर टिकी है। इसीलिए चीन कभी डोक्लाम में कभी, गलवान में तो कभी तवांग में भारतीय सेना के साथ झड़प करता रहता है। चीन भारत के इन इलाकों पर स्थाई कब्जा जमाना चाहता है। मगर अब राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुरे फंसने वाले हैं।

जापान और चीन की पुरानी दुश्मनी है। फिलीपींस, मलेशिया और दक्षिण कोरिया के साथ भी चीन का गहरा विवाद है। ताईवान पर भी चीन कब्जा जमाना चाहता है। वह अमेरिका से भी दुश्मनी पाले हुए है। दरअसल चीन साउथ ईस्ट एशिया समेत पश्चिमी देशों पर भी धाक जमाना चाहता है। इसीलिए वह पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना हक जमाता है। इसके अलावा हिंद और प्रशांत महासागर के भी ज्यादातर हिस्सों पर अपना आधिपत्य जमा रहा है। चीन की इन हरकतों से भारत समेत जापान, ताईवान और फिलीपींस जैसे देश सबसे ज्यादा परेशान हैं। लिहाजा अब सभी देशों ने चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की रणनीति बनाने में जुट गए हैं। ऐसे में चीन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।

जापान चीन को सिखाएगा सबक

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान दुनिया का सबसे ताकतर देश था, उसकी सेना तब चीन तक घुस आई थी। मगर जब अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागाशाकी पर परमाणु बम गिरा दिया तो उसे सरेंडर करना पड़ गया। इसके बाद जापान की सेना  चीन समेत अन्य देशों से भी वापस लौट गई थी। अन्यथा दुनिया के एक दर्जन से अधिक देश जापान के कब्जे में आ चुके थे। इसके बाद जापान के एक बड़े समुद्री इलाके को चीन ने हथिया लिया था। इस द्वीप को लेकर अक्सर चीन और जापान के बीच तनातनी रहती है। इधर चीन अमेरिका को भी पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सुपर पॉवर बनना चाहता है। इसलिए चीन ने उत्तर कोरिया से भी दोस्ती कर रखी है। यूक्रेन युद्ध के आगाज से ही दुनिया पर तीसरे विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। हावी होते चीन की चाल को अब जापान ने परख लिया है। चीन के कई समुद्री युद्धपोत जापान की समुद्री सीमा से लगे क्षेत्रों में चक्कर काट रहे हैं। लिहाजा जापान ने भी अब अपने कई युद्ध पोतों को चीन को जवाब देने के लिए समुद्र में उतार दिया है। इससे चीन और जापान के बीच तनाव बढ़ने लगा है।

दूसरे विश्व युद्ध के बाद फिर से ताकत बढ़ा रहा जापान
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ऐसा पहली बार हुआ है, जब जापान तीसरे विश्व युद्ध की आशंका और चीन की बढ़ती महत्वाकांक्षा का सामना करने और उसका जवाब देने के लिए अपनी ताकत बढ़ा रहा है। इस दौरान जापान ने अपने रक्षा बजट को मौजूदा बजट से कई गुना बढ़ा दिया है। यह संकेत है कि जापान भी अब खुद को सामरिक दृष्टि से मजबूत कर लेना चाह रहा है। चीन की हरकतों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध की आशंका को बढ़ा दिया है। ऐसे में जापान ने चीन को जवाब देने की ठान ली है।

जापान ने कहा कि अपनी सुरक्षा के लिए रक्षा बजट बढ़ाना जरूरी
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा है कि यूक्रेन में हम देख रहे हैं कि वहां क्या हो रहा है और दुनिया किस ओर जा रही है। इसलिए अपनी सुरक्षा की दृष्टि से रक्षा बजट बढ़ाना अब जरूरी हो गया है। इसलिए जापान अपनी राष्ट्रीय रक्षा नीति को बदल रहा है। जल्द ही वह अमेरिका से टॉमहॉक मिसाइलों का सौदा भी करेगा।

ताईवान पर कब्जा चाहता है चीन
चीन अपनी विस्तारवादी नीति के चलते ताईवान और हांगकांग पर भी कब्जा करना चाहता है। हालांकि ताईवान चीन का सामना करने में सक्षम नहीं है, मगर उसे अमेरिका की मदद मिल रही है। यही हाल हांगकांग का भी है। अपने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए यह दोनों देश भी अब चीन से जरूरत पड़ने पर दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। इस बीच इन देशों को भारत और जापान का भी साथ मिल सकता है।

फिलीपींस के साथ भी चीन का है विवाद
चीन ने फिलीपींस के साथ भी सीमा विवाद है। फिलीपींस और चीन की समुद्री सीमा में भी काफी विवाद है। चीन फिलीपींस वाले समुद्री इलाके में अपने युद्धपोतों को भेजकर उकसावे की कार्रवाई से बाज नहीं आता। वह फिलीपींस के कई इलाकों को अपना बताता है। इसलिए दोनों देशों के बीच तनाव व्याप्त रहता है। इसी तरह चीन नेपाल और भूटान के भी कुछ हिस्सों को अपना बताता है और अवैध रूप से कब्जा भी किए है। वह दक्षिण कोरिया, लाओस, मलेशिया और वियतनाम के भी कई क्षेत्रों में अवैध घुसपैठ और कब्जा करने को प्रयासरत है। इसी तरह चीन भारत के लद्दाख, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में अतिक्रमण कर रहा है। ऐसे में अब सभी देश सतर्क हो चुके हैं। ऐसे में यह सभी देश एकजुट हो गए तो चीन की चिंता बढ़ सकती है।

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