Wednesday, April 24, 2024
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'नेपाल की सत्ताधारी पार्टी गहरे संकट में', PM ओली ने कैबिनेट मंत्रियों से कहा

अपने इस्तीफे के लिए लगातार बढ़ती मांग के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी गहरे संकट का सामना कर रही है और संकेत दिए कि पार्टी में जल्द विभाजन हो सकता है।

Bhasha Reported by: Bhasha
Published on: July 05, 2020 19:31 IST
'नेपाल की सत्ताधारी...- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO 'नेपाल की सत्ताधारी पार्टी गहरे संकट में', PM ओली ने कैबिनेट मंत्रियों से कहा

काठमांडू: अपने इस्तीफे के लिए लगातार बढ़ती मांग के बीच नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने कहा कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी गहरे संकट का सामना कर रही है और संकेत दिए कि पार्टी में जल्द विभाजन हो सकता है। मीडिया में आई एक खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई। ‘माई रिपब्लिका’ अखबार ने एक वरिष्ठ नेता के हवाले से कहा कि ओली ने अपने आधिकारिक आवास पर बुलाई गई मंत्रिमंडल की एक आपात बैठक में कैबिनेट मंत्रियों को बताया कि “हमारी पार्टी के कुछ सदस्य राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी को भी पद से हटाने की कोशिश कर रहे हैं।”

प्रधानमंत्री ने शनिवार को कहा, “अब, मुझे प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से हटाने के लिए साजिशें रची जा रही हैं।” उन्होंने कहा कि वह ऐसा होने नहीं देंगे। ओली ने कहा कि सत्ताधारी दल गंभीर संकट का सामना कर रहा है। अखबार काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, ओली की राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की साजिश की टिप्पणी के बाद तीन पूर्व प्रधानमंत्री- पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, माधव नेपाल और झालानाथ खनल- भंडारी से मिलने पहुंचे और स्पष्ट किया कि नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के नेताओं द्वारा उन्हें पद से हटाने की कोशिश करने संबंधी अफवाहें असत्य हैं।

एनसीपी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की अहम बैठक में शनिवार को ओली के राजनीतिक भविष्य के बारे में फैसला लिया जाना था लेकिन इसे सोमवार तक टाल दिया गया जिससे शीर्ष नेतृत्व को उनके काम करने के तरीकों और भारत विरोधी बयानों पर मतभेदों को दूर करने के लिये और समय दिया जा सके। मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान अपने रुख पर अड़े ओली ने कहा कि पार्टी की स्थायी समिति के फैसले को स्वीकार करने के लिये उन्हें बाध्य नहीं किया जा सकता।

उन्होंने मंत्रियों से भी अनुरोध किया कि वे अपनी स्थिति स्पष्ट करें कि वो उनका समर्थन करते हैं या नहीं। ओली ने मंत्रियों से कहा, “पिछले हफ्ते मुझे संसद के बजट सत्र को अचानक खत्म करने का फैसला लेना पड़ा क्योंकि मुझे पता चला कि हमारी पार्टी के कुछ सदस्य संसद में राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग लाने की साजिश रच रहे हैं।” प्रधानमंत्री के मीडिया सहायक सूर्य थापा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को मंत्रियों से साझा करने के लिये उन्हें आमंत्रित किया था।

बैठक से पहले ओली ने राष्ट्रपति भंडारी से उनके महाराजगंज दफ्तर में अकेले में मुलाकात की थी। ओली का यह बयान ऐसे समय आया है जब एनसीपी में आंतरिक कलह चरम पर है और पार्टी की स्थायी समिति के अधिकांश सदस्य तथा सेंट्रल सेक्रेटेरियेट के सदस्य प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष पद से उनके तत्काल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उनका आरोप है कि सरकार लोगों की उम्मीदों पर पूरा करने में नाकाम रही है। उन्होंने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रचंड पर सरकार चलाने में असहयोग का आरोप लगाया जबकि प्रचंड ने ओली पर पार्टी में अधिपत्य स्थापित करने का आरोप लगाया।

प्रधानमंत्री ओली (68) ने पिछले हफ्ते दावा किया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए “दूतावासों और होटलों” में विभिन्न तरह की गतिविधियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार द्वारा तीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों- लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा- को देश के नए राजनीतिक मानचित्र में शामिल किए जाने के बाद कुछ नेपाली नेता भी इस साजिश में शामिल हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि प्रचंड ने पिछले हफ्ते हुई स्थायी समिति की बैठक में कहा था कि प्रधानमंत्री द्वारा भारत और अपनी ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ निराधार आरोप लगाना उचित नहीं है। प्रचंड पहले भी कई बार पार्टी और सरकार के बीच समन्वय की कमी का मुद्दा उठा चुके हैं और वह चाहते हैं कि पार्टी में ‘एक व्यक्ति, एक पद’ का सिद्धांत अपनाया जाए।

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