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कोविड से 20 गुना ज्यादा खतरनाक है ‘डिसीज एक्स‘, डब्ल्यूएचओ ने क्यों दी चेतावनी?

‘डिसीज एक्स‘ बीमारी दुनिया के लिए एक और खतरे की घंटी बन गई है। इसे लेकर डब्ल्यूएचओ ने भी चेतावनी दी है। साथ ही यह भी कहा है कि यह बीमारी कोविड से भी 20 गुना घातक हो सकती है।

Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Published : Jan 23, 2024 11:36 IST, Updated : Jan 23, 2024 11:43 IST
कोविड से 20 गुना ज्यादा खतरनाक है ‘डिसीज एक्स‘- India TV Hindi
Image Source : FILE कोविड से 20 गुना ज्यादा खतरनाक है ‘डिसीज एक्स‘

WHO on Disease X: कोरोना महामारी के बाद से ही वायरल डिसीज के प्रति डब्ल्यूएचओ बेहद सजग हो गया है। कोरोना महामारी का दंश पूरी दुनिया ने देखा। अब ऐसी ही एक बीमारी ‘डिसीज एक्स‘ ने दुनिया को डरा दिया है। यह डर इसलिए भी है क्योंकि खुद विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने इस बीमारी को लेकर लोगों को आगाह कर दिया है, चेताया है कि यह बीमारी कोरोना महामारी से भी 20 गुना ज्यादा खतरनाक हो सकती है। हम जानते हैं कि कोरोना का कहर पूरी दुनिया पर किस कदर बरपा था।

डब्ल्यूएचओ ने स्पष्ट किया है कि इस बीमारी के प्रति पहले से ही सजग रहा जाए, हाल ही में दावोस सम्मेलन में भी डब्ल्यूएचओ के महासचिव ने यही बात कही थी।

इस बीमारी की घातकता को देखते हुए डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर टेड्रोस घेबियस ने दुनियाभर के देशों से एक साथ आने और घातक बीमारी एक्स से निपटने के लिए एक ‘महामारी संधि‘ पर हस्ताक्षर करने की अपील की है।  डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि इस बीमारी के खतरे को देखते हुए तत्काल वैश्विक तैयारियों की जरूरत है। कहा है ये इस नई बीमारी के खतरे का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि ये कोरोना महामारी से 20 गुना ज्यादा घातक हो सकती है।

दावोस में क्या बोले डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर घेबियस?

दावोस में विश्व आर्थिक मंच में बोलते हुए टेड्रोस घेबियस ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दुनिया इस खतरे को समझेगी और सभी देश इस साझा दुश्मन से लड़ने के लिए मई तक एक समझौते पर पहुंच जाएंगे। उन्होंने कहा, ऐसी चीजें हैं जो अज्ञात हैं और घटित हो सकती हैं। इसलिए हमें उन बीमारियों के लिए एक तैयारी रखने की आवश्यकता है, जिनके बारे में हम नहीं जानते हैं।‘

कोविड महामारी की घातकता पर कही ये बात

घेबियस ने कहा कि कोविड के दौरान हमने बहुत से लोगों को खो दिया क्योंकि हम इस माहामारी के लिए तैयार नहीं थे। अगर पहले से उनका प्रबंधन होता तो उन्हें बचाया जा सकता था। ‘डिसीज एक्स‘ को लेकर हमें फिर से ऐसी को गलती नहीं करनी चाहिए।

जानिए क्या है ये यह बीमारी?

डब्ल्यूएचओ ने औपचारिक रूप से 2018 में इस शब्द ‘डिसीज एक्स‘ का पहली बार उपयोग किया था। यह कोई बड़ी या विशिष्ट बीमारी नहीं है, बल्कि कोविड 19 जैसे ही एक संभावित वायरस का नाम है। यह कोई नया एजेंट, वायरस, बैक्टीरिया या फिर किसी ज्ञात इलाज का फंगस हो सकता है। वैश्विक स्वास्थ्य निकाय ने इस अज्ञात डिसीज को कोविड 19, इबोला, लासा बुखार, निपाह वायरस और जीका वायरस के बीच ही वर्गीकृत किया है, क्योंकि इन बीमारियों से पहले से ही सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। 

नवंबर 2022 को जारी रिपोर्ट में कही ये बात

डब्ल्यूएचओ की नवंबर 2022 की रिपोर्ट में कहा गया  कि ‘डिसीज एक्स‘ को एक अज्ञात रोगजनक को इंगित करने के लिए शामिल किया गया है, जो एक गंभीर अंतरराष्ट्रीय महामारी का कारण बन सकता है। साल 2020 में यूके के वैक्सीन टास्कफोर्स की अध्यक्षता करने वाली केट बिंघम ने एक साक्षात्कार में कहा है कि डिसीज एक्स वायरस 100 साल पहले यानी 1919 और 1920 में फैले स्पेनिश फ्लू जितना घातक और विनाशकारी भी हो सकता है। क्योंकि स्पेनिश फ्लू ने दुनियाभर में 50 मिलियन से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी।

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