Wednesday, May 15, 2024
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भारत के साथ सैन्य साझेदारी को और मजबूत करेगा रूस, चीन को लग रहा बुरा

यूक्रेन युद्ध को लंबा खिंचता देख रूस को भारत से सैन्य साझेदारी और मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है। यू्क्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर भारत अभी तक रूस से कच्चा तेल खरीदता आ रहा है और अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं करके उम्दा विदेश नीति का परिचय दिया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: April 28, 2023 22:01 IST
भारत और रूस के रक्षामंत्री- India TV Hindi
Image Source : PTI भारत और रूस के रक्षामंत्री

यूक्रेन युद्ध को लंबा खिंचता देख रूस को भारत से सैन्य साझेदारी और मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है। यू्क्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों के दबाव को दरकिनार कर भारत अभी तक रूस से कच्चा तेल खरीदता आ रहा है और अभी तक यूक्रेन पर रूसी हमले की निंदा नहीं करके उम्दा विदेश नीति का परिचय दिया है। उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी पीएम मोदी ने कई बार फोन पर वार्ता करके संबंधों को मजबूत बनाए रखा है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू ने शुक्रवार को भारत-रूस सैन्य साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प लिया और रिश्तों में निरंतर विश्वास और आपसी सम्मान पर संतोष व्यक्त किया।

शांति और सुरक्षा पर फोकस

राजनाथ सिंह और शोइगू ने यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के इतर व्यापक मुद्दों पर बातचीत की जिनमें क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और औद्योगिक साझेदारी समेत द्विपक्षीय रक्षा रिश्तों के अहम पहलू शामिल थे। भारत की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, दोनों मंत्रियों ने 'मेक इन इंडिया' पहल में रूस के रक्षा उद्योग की भागीदारी तथा इसे और गति प्रदान करने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया। बयान में कहा गया है कि दोनों मंत्रियों ने क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा से जुड़े विभिन्न मामलों पर भी चर्चा की। रक्षा मंत्रालय ने बताया, “उन्होंने भारत और रूस के बीच विशेष रूप से रक्षा क्षेत्र में निरंतर विश्वास और आपसी सम्मान पर संतोष व्यक्त किया और आपसी साझेदारी को सुदृढ़ करने की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।” बयान में कहा गया है, “ उन्होंने भारत और रूस के बीच अद्वितीय, दीर्घकालिक और वक्त की कसौटी पर खरे उतरे रिश्तों को स्वीकार किया।”

द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा

मंत्रालय ने कहा कि सिंह और शोइगू ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि दोनों मंत्रियों ने सेनाओं के बीच संबंधों के साथ-साथ औद्योगिक साझेदारी सहित द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के व्यापक मुद्दों पर चर्चा की। सिंह ने एक ट्वीट में बैठक को 'बहुत बढ़िया’ बताया। रूस के उपप्रधानमंत्री डेनिस मंटुरोव की यात्रा के कुछ दिनों बाद ही शोइगू की भारत यात्रा हो रही है। अपनी भारत यात्रा के दौरान मंटुरोव ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ व्यापक बातचीत की। सिंह ने उज्बेकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बखोदिर कुर्बानोव और कज़ाकिस्तान के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल बेकबोलोटोव बी असांकेलिवीच के साथ भी द्विपक्षीय बैठकें कीं। उन्होंने बेलारूस के रक्षा मंत्री लेफ्टिनेंट जनरल विक्टर ख्रेनिन के साथ भी बातचीत की।

रक्षा मंत्रालय ने कहा, “ बैठकों के दौरान तीनों देशों के साथ रक्षा सहयोग के समग्र कार्यक्षेत्र की समीक्षा की गई, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए लाभकारी अवसरों की पहचान करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।” बयान के मुताबिक, परस्पर हित के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सिंह ने एससीओ के महासचिव झांग मिंग से भी मुलाकात की और भारत की एससीओ की अध्यक्षता के दौरान उसके द्वारा शुरू की गई विभिन्न गतिविधियों की चर्चा मिंग के साथ की। सिंह ने महासचिव को सूचित किया कि भारत एससीओ के अधिदेश के कार्यान्वयन में रचनात्मक रूप से योगदान देने के लिए प्रतिबद्ध है।

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