
तेहरानः ईरान के फोर्दो न्यूक्लियर साइट पर अमेरिकी हमले के बाद नुकसान की पहली सैटेलाइट इमेज आई सामने आई है। इस तस्वीर में न्यूक्लियर साइट पर हुई तबाही साफ दिख रही है।
उपग्रह से रविवार को ली गई तस्वीरों का अमेरिकी समाचार एजेंसी द्वारा किये गये विश्लेषण से पता चलता है कि अमेरिका के हवाई हमलों के बाद फोर्दो स्थित ईरान के भूमिगत परमाणु स्थल के प्रवेश द्वारों को नुकसान पहुंचा है। प्लैनेट लैब्स पीबीसी की तस्वीरों में दिख रहा है कि उस पहाड़ को भी नुकसान पहुंचा है जिसके नीचे फोर्दो है। उन प्रवेश सुरंगों को बंद करने का मतलब है कि ईरान को अंदर किसी भी चीज़ तक पहुंचने के लिए खुदाई करनी पड़ेगी।
विस्फोट स्थल पर फैला मलबा
पहले ली गई तस्वीरों की तुलना में पहाड़ का रंग भी बदला-बदला दिख रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि विस्फोट के कारण स्थल के चारों ओर मलबा फैल गया। इससे यह भी संकेत मिलता है कि इस केंद्र पर विशेष अमेरिकी बंकर बस्टर बमों का इस्तेमाल किया गया था। हवा में हल्के ग्रे रंग का धुआं भी छाया हुआ दिख रहा। ईरान ने अब तक घटनास्थल पर हुए नुकसान का आकलन पेश नहीं किया है।
ईरान की इन परमाणु साइटों पर हुए हमले
अमेरिका ने रविवार को ईरान की तीन प्रमुख परमाणु सुविधाओं पर हमला किया। इनमें नतांज़, फोर्दो और इस्फ़हान का नाम शामिल है। इन हमलों का उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमताओं को सीमित करना बताया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की रिपोर्टों और उपग्रह आंकड़ों से इन हमलों की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
नतांज़ परमाणु सुविधा
यह ईरान का मुख्य संवर्धन केंद्र था, जिसको बड़ा झटका लगा है। यह ईरान के केंद्रीय पठार में तेहरान से 220 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। नतांज़ परमाणु सुविधा केंद्र ईरान प्रमुख यूरेनियम संवर्धन केंद्र है। यहां भूमिगत संरचनाओं में सैकड़ों सेंट्रीफ्यूज कैस्केड कार्यरत थे, जो 60% तक यूरेनियम संवर्धन कर सकते थे और जो हथियार-ग्रेड स्तर से थोड़ा ही नीचे है।
फोर्दो परमाणु सुविधा
यह तेहरान से लगभग 100 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है। फोर्दो एक छोटी, लेकिन ईरान का रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण परमाणु सुविधा केंद्र है। 2007 में शुरू हुई इस साइट के बारे में ईरान ने 2009 में IAEA को जानकारी दी थी, जब इसकी पहचान अमेरिकी और पश्चिमी खुफिया एजेंसियों द्वारा की गई। यह साइट पहाड़ के नीचे स्थित है और इसे विशेष रूप से हवाई हमलों से सुरक्षित रखने के लिए बनाया गया है। हालांकि, हालिया अमेरिकी हमलों में कहा जा रहा है कि GBU-57A/B ‘मैसिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर’ बम का इस्तेमाल किया गया। यह बम लगभग 30,000 पाउंड वजनी होता है और कई मीटर गहराई तक घुसकर विस्फोट करने की क्षमता रखता है। इसे B-2 स्पिरिट स्टील्थ बॉम्बर द्वारा छोड़ा गया। इससे फोर्दो को नुकसान पहुंचने की आशंका है।
इस्फ़हान परमाणु सुविधा
इस्फ़हान परमाणु केंद्र तेहरान से 350 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम में यह एक प्रमुख वैज्ञानिक और अनुसंधान केंद्र है। यहां हजारों वैज्ञानिक कार्यरत हैं और इसमें तीन चीनी अनुसंधान रिएक्टर, यूरेनियम रूपांतरण संयंत्र (UCF), और कई प्रयोगशालाएँ शामिल हैं। इज़रायल द्वारा इस स्थान पर हाल ही में हवाई हमला किया गया, जिसमें यूरेनियम रूपांतरण सुविधा को लक्ष्य बनाया गया। अब अमेरिका ने भी इस केंद्र पर हमला किया है।
(एपी)