Thursday, May 02, 2024
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नीदरलैंड के नागरिक ने दायर की ऐसी याचिका कि..सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से कर लिया जवाब-तलब, जानें क्या है मामला?

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू की एक जेल में बंद और ‘पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया’ बीमारी से पीड़ित नीदरलैंड के एक नागरिक द्वारा दायर उस याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है, जिसमें एक विशेष अस्पताल में इस बीमारी के लिए उन्हें उचित चिकित्सा प्रदान करने के वास्ते अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।

Dharmendra Kumar Mishra Edited By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Published on: April 22, 2023 18:37 IST
सुप्रीम कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)- India TV Hindi
Image Source : PTI सुप्रीम कोर्ट (प्रतीकात्मक फोटो)

उच्चतम न्यायालय ने जम्मू की एक जेल में बंद और ‘पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया’ बीमारी से पीड़ित नीदरलैंड के एक नागरिक द्वारा दायर उस याचिका पर जम्मू कश्मीर प्रशासन से जवाब मांगा है, जिसमें एक विशेष अस्पताल में इस बीमारी के लिए उन्हें उचित चिकित्सा प्रदान करने के वास्ते अधिकारियों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। ‘पैरानॉयड सिजोफ्रेनिया’ में पीड़ित व्यक्ति में संदेह, जुनून या भ्रम की स्थिति बहुत ज्यादा होती है और ऐसी स्थिति में वह वैसा ही करने लगता है, जो उसे सही लगता है।

याचिकाकर्ता रिचर्ड डे विट (53) को अप्रैल 2013 में हत्या के एक मामले में श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह जम्मू जिला जेल में बंद है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि वह लगभग 10 वर्षों से जेल में है और जेल में इस बीमारी का कोई उचित इलाज उपलब्ध न होने के कारण उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ती जा रही है। न्यायमूर्ति वी.

रामासुब्रमण्यम और न्यायमूर्ति पंकज मित्थल की पीठ के समक्ष शुक्रवार को इस याचिका पर सुनवाई हुई। पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘नोटिस जारी किया जाता है, और दो सप्ताह में इसका जवाब दिया जाना चाहिए।’’ याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता टी.एल.गर्ग और रोहन गर्ग पेश हुए।

जम्मू-कश्मीर में पर्याप्त चिकित्सा उपलब्ध नहीं

याचिकाकर्ता ने उचित इलाज के लिए जिला जेल, जम्मू से नई दिल्ली या नीदरलैंड में एक विशेष चिकित्सा संस्थान में भेजे जाने का अनुरोध किया है। याचिका में कहा गया है कि क्योंकि जम्मू-कश्मीर में बीमारी के लिए पर्याप्त चिकित्सा उपचार उपलब्ध नहीं है, इसलिए याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकार- स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है। याचिका में कहा गया है कि अप्रैल 2013 में श्रीनगर में डल झील पर एक ‘हाउसबोट’ पर यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी, जब एक ब्रिटिश महिला अपने कमरे में मृत पाई गई थी। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता, जो उसी हाउसबोट पर एक अलग कमरे में रह रहा था, पर हत्या का आरोप लगाया गया और उन्हें मामले में फंसाया गया है।

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