Sunday, April 28, 2024
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पश्चिमी देशों से खफा हैं एर्दोआन? अमेरिकी राजदूत समेत 10 राजदूतों को हटाने का आदेश दिया

बयान को ‘धृष्टता’ करार देते हुए एर्दोआन ने कहा कि उन्होंने राजदूतों को अवांछित घोषित करने का आदेश दिया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 23, 2021 23:34 IST
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Image Source : AP तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने 10 विदेशी राजदूतों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करने का आदेश दिया।

अंकारा: तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने शनिवार को कहा कि उन्होंने 10 विदेशी राजदूतों को ‘अवांछित व्यक्ति’ घोषित करने का आदेश दिया जिन्होंने जेल में बंद एक परोपकारी कारोबारी की रिहाई की मांग की है। अंकारा में अमेरिका, फ्रांस और जर्मनी समेत 10 देशों के राजदूतों ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक बयान जारी कर कारोबारी और परोपकारी उस्मान कवाला के मामले के निस्तारण की मांग की है जो एक अपराध के मामले में दोषी करार नहीं दिए जाने के बाद भी 2017 से जेल में हैं।

बयान को ‘धृष्टता’ करार देते हुए एर्दोआन ने कहा कि उन्होंने राजदूतों को अवांछित घोषित करने का आदेश दिया है। उन्होंने एक रैली में कहा, ‘मैंने अपने विदेश मंत्री को निर्देश दिया और कहा कि आप इन 10 राजदूतों को अवांछित व्यक्ति घोषित करने के विषय को तत्काल संभालें।’ राजदूतों में नीदरलैंड, कनाडा, डेनमार्क, स्वीडन, फिनलैंड, नॉर्वे और न्यूजीलैंड के राजनयिक भी शामिल हैं। उन्हें मंगलवार को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था। किसी राजनयिक को ‘पर्सोन नॉन ग्रेटा’ (अवांछित व्यक्ति) घोषित करने का आशय सामान्य रूप से होता है कि व्यक्ति के उसके मेजबान देश में आगे बने रहने पर प्रतिबंध होता है।

इससे पहले तुर्की के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को अमेरिका और 9 अन्य देशों के राजनयिकों को उनके द्वारा जारी बयान के विरोध में तलब किया था। बयान से सरकारी अधिकारी क्षुब्ध हो गए जिन्होंने इन देशों पर तुर्की की न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। कवाला (64) को चार वर्षों से जेल में बंद रखा गया है जिन पर 2013 के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के माध्यम से तुर्की की सरकार को हटाने का प्रयास करने के आरोप लगे हैं। उन पर जासूसी करने और 2016 में सैन्य विद्रोह के माध्यम से सरकार को अपदस्थ करने के भी आरोप लगे हैं।

कवाला को 2013 में राष्ट्रव्यापी सरकार विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े आरोपों में पिछले साल बरी कर दिया गया था, लेकिन फैसले को बदल दिया गया और इसमें 2016 के सत्तापलट के प्रयासों से जुड़े आरोपों को शामिल कर दिया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि राजदूतों से कहा गया है कि ‘स्वतंत्र न्यायपालिका द्वारा चल रही कानूनी कार्यवाही के बारे में सोशल मीडिया के माध्यम से बयान जारी करना अस्वीकार्य है।’ इसने कहा कि तुर्की ‘न्यायिक कार्यवाही के राजनीतिकरण और तुर्की की न्यायपालिका पर दबाव बनाने के प्रयास को खारिज करता है।’

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