Monday, March 18, 2024
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Charlie Hebdo के कार्टून में पीछे से महिला का बुर्का उठाते दिखे 'अधनंगे' एर्दोगन, बुरी तरह भड़का तुर्की

फ्रांस की साप्ताहिक मैगजीन Charlie Hebdo एक बार फिर विवादों में है। वजह है तुर्की के राष्ट्रपति का कार्टून। हाल ही में मैगजीन ने अपने पहले पन्ने पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन का कार्टून बनाया था जिससे बवाल खड़ा हो गया है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 28, 2020 18:55 IST
Charlie Hebdo sparks fury with cartoon of Turkey’s President Erdogan in underpants- India TV Hindi
Image Source : FILE Charlie Hebdo sparks fury with cartoon of Turkey’s President Erdogan in underpants

पेरिस: फ्रांस की साप्ताहिक मैगजीन Charlie Hebdo एक बार फिर विवादों में है। वजह है तुर्की के राष्ट्रपति का कार्टून। हाल ही में मैगजीन ने अपने पहले पन्ने पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन का कार्टून बनाया था जिससे बवाल खड़ा हो गया है। तुर्की ने Charlie Hebdo के खिलाफ 'सांस्कृतिक नस्लभेद' करने का आरोप लगाया है। बता दें कि पांच साल पहले पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के बाद इस मैगजीन के ऑफिस पर आतंकी हमला हुआ था।

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इस कार्टून में तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन को महिला की नंगी पीठ देखने के लिए बुर्का उठाते दिखाया गया है। कार्टून में एर्दोगन को टीशर्ट और अंडरपैंट में दिखाया गया है। इसमें लिखा था 'एर्दोगान: प्राइवेट में वह काफी फनी हैं।' इस कार्टून पर प्रतिक्रिया देते हुए एर्दोगन के सलाहकार फहरेतिन अल्तुन ने ट्वीट किया कि पत्रिका की ओर से सांस्कृतिक नस्लवाद और नफरत दिखाने वाला यह सबसे बुरा प्रकाशन है।

फहरेतिन अल्तुन ने ट्वीट किया, "हम इस प्रकाशन के द्वारा सांस्कृति नस्लभेद और नफरत फैलाने की बेहद घिनौनी कोशिश की निंदा करते हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैन्युअल मैक्रों के मुस्लिम-विरोधी एजेंडे का नतीजा दिख रहा है। Charlie Hebdo ने तथाकथित कार्टूनों की श्रृंखला छापी है जिसमें हमारे राष्ट्रपति के दिखने वाले घृणित कार्टून दिख रहे हैं।"

बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के कार्टून दिखाने की वजह से टीचर की हत्या के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रीडम ऑफ स्पीच का समर्थन किया था। इसके जरिए Charlie Hebdo को भी पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने की आजादी मिलती है जिससे यह बवाल शुरू हुआ था। इसके बाद से बांग्लादेश, तुर्की समेत कई मुस्लिम देश फ्रांस के खिलाफ हो गए हैं।

इस बीच तुर्की के बॉयकॉट के आह्वान के बाद भी फ्रांस ने टीचर सैमुअल पैटी की गला काटकर हत्‍या किए जाने के बाद इस्‍लामिक कट्टरपंथियों के खिलाफ जोरदार ऐक्‍शन जारी रखा है। फ्रांस ने राजधानी पेरिस के उत्‍तर-पूर्वी इलाके में स्थित कट्टरपंथियों को निशाना बनाया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने 'इस्‍लामिक आंदोलन में शामिल होने' के आरोप में इस मस्जिद को बंद कर दिया है।

अधिकारियों ने मस्जिद से जुड़े लोगों पर टीचर सैमुअल पैटी को निशाना बनाकर वीडियो सोशल मीडिया में शेयर करने का भी आरोप लगाया है। फ्रांसीसी अधिकारियों ने सैमुअल की हत्‍या के बाद बहुत तेजी से और जोरदार ऐक्‍शन लिया है। इसके तहत बड़ी संख्‍या में लोगों से पूछताछ की जा रही है और भविष्‍य की कार्रवाई के लिए प्‍लान बनाया जा रहा है।

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