Saturday, April 27, 2024
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इस मामले में साथ आए अमेरिका और रूस, खास मिशन पर रवाना हुए दोनों देशों के एस्ट्रोनॉट

एक ओर जहां रूस और यूक्रेन की जंग के कारण अमेरिका और रूस के बीच तनाव बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर अमेरिका और रूस की स्पेस एजेंसियां एकसाथ मिलकर काम कर रही हैं। दोनों देशों के अंतरिक्ष यात्री मिलकर एक खास मिशन पर गए हैं।

Deepak Vyas Written By: Deepak Vyas @deepakvyas9826
Updated on: September 16, 2023 6:22 IST
इस मामले में साथ आए अमेरिका और रूस, खास मिशन पर रवाना हुए दोनों देशों के एस्ट्रोनॉट- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA इस मामले में साथ आए अमेरिका और रूस, खास मिशन पर रवाना हुए दोनों देशों के एस्ट्रोनॉट

Russia: अंतरिक्ष में अपना वर्चस्व कायम रखने की होड़ अमेरिका और रूस के बीच बहुत पुरानी है। चाहे वो चंद्रमा पर इंसान को भेजने की हो या चंद्रमा के नए हिस्सों पर उतरकर अपना नाम करने की बात हो। लेकिन एक खास मिशन के लिए अमेरिका और रूस दोनों एकसाथ आ गए हैं। जानकारी के अनुसार इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए एक अमेरिकी, दो रूसी अंतरिक्ष यात्रियों ने उड़ान भरी है। 

अंतरिक्ष चालक दल के सदस्य एक अमेरिकी और दो रूसी शुक्रवार को कजाकिस्तान के बैकोनूर कोस्मोड्रोम से एक रूसी अंतरिक्ष यान में सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के मिशन पर रवाना हुए। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ'हारा तथा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोनोनेंको और निकोलाई चूब ने रात 8:44 बजे रोस्कोस्मोस सोयुज एमएस-24 अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी।

6 महीने से लेकर सालभर तक का समय बिताएंगे अंतरिक्ष यात्री

ओ'हारा अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह महीने बिताएंगी जबकि कोनोनेंको और चूब वहां एक साल बिताएंगे। न तो ओ'हारा और न ही चूब ने पहले कभी अंतरिक्ष में उड़ान भरी है, लेकिन वे अनुभवी अंतरिक्ष यात्री कोनोनेंको के साथ उड़ान भर रहे हैं, जो पहले ही चार बार यात्रा कर चुके हैं। लगभग तीन घंटे की उड़ान के बाद तीनों के अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने की उम्मीद है। 

रूस ने हाल ही में चंद्रमा पर भेजा था लूना 25, हो गया था क्रैश

जहां एक ओर रूस और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री एकसाथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के मिशन पर जा रहे हैं। इससे पहले रूस ने अपने महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन को लेकर लूना 25 चंद्रयान मून मिशन के लिए भेजा था। बिना किसी पूर्व सूचना के 11 अगस्त को तेज गति से रूस का यह अं​तरिक्ष यान चंद्रमा की ओर रवाना हुआ। लेकिन चंद्रमा पर लैंडिंग के दौरान यह क्रैश हो गया था। वहीं दूसरी ओर भारत का चंद्रयान धीमी गति से चंद्रमा की ओर पहुंचा और चंद्रयान 3 सुरक्षित तरीके से चंद्रमा की सतह पर उतर गया था। हालांकि सबसे पहले जो अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष में पहुंचा था। वो यूरी गागरिन था, जो कि रूस यानी तब के सोवियत संघ का ही अं​तरिक्ष यात्री था। 

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