चीन ने अपने 3 एस्ट्रोनॉट्स को 4 चूहों के साथ में अंतरिक्ष की यात्रा करने भेजा है। चीन इनके माध्यम से वहां होने वाले प्राथमिक प्रभावों का अध्ययन भी करेगा।
टाइफून रगासा ने हांगकांग, दक्षिणी चीन, ताइवान और फिलीपींस में भारी तबाही मचाई है। इस शक्तिशाली तूफान ने कई लोगों की जान ले ली है और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रगासा तूफान की तस्वीरें क्लिक की गई हैं।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला रविवार को भारत लौट रहे हैं। इस दौरान वे पीएम नरेंद्र मोदी से दिल्ली मुलाकात करेंगे। बता दें कि शुक्ला पिछले एक साल से अमेरिका में हैं और आईएसएस के लिए एक्सिओम 4 मिशन की ट्रेनिंग ले रहे थे।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर 18 दिन बिताने के बाद भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज धरती पर लौट आए हैं। इन 18 दिनों में उन्होंने वहां क्या क्या किया और वहां से क्या लेकर लौटे हैं? जानें इस एक्सप्लेनर में...
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर आ गए हैं। हालांकि, अंतरिक्ष से वापसी के बाद भी शुभांशु शुक्ला की राह आसान नहीं होगी। उन्हें कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष यात्रा से वापस धरती पर लौट आए। इस दौरान उन्होंने और उनकी टीम ने किस तरह धरती पर लैंडिंग की और इस दौरान क्या प्रक्रिया रही? आइये जानते हैं हर एक जानकारी।
शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा हैं और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। वह और उनकी टीम के तीन अन्य सदस्य आज ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अपनी वापसी यात्रा पर निकलने वाले हैं और मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे उनके कैलिफोर्निया के तट पर उतरने की उम्मीद है।
एक्सियम-4 मिशन के तहत भारत के शुभांशु शुक्ला 25 जून को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन 9 रॉकेट से ISS के लिए निकले थे। शुभांशु ड्रैगन अंतरिक्ष यान से 28 घंटे की यात्रा के बाद स्पेस 26 जून को ISS पहुंचे थे। अब शुंभाशु और उनके साथ कल कैलिफॉर्निया के समंदर में स्प्लेशडाउन करेंगे।
शुभांशु शुक्ला ने आईएसएस में अपने प्रवास का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘यह मुझे जादुई सा लगता है। यह मेरे लिए एक शानदार यात्रा रही है।’
नासा के एक्सिओम-4 मिशन में शामिल भारत के शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के वापस पृथ्वी पर आने की तारीख के बारे में खुलासा कर दिया गया है। आइए जानते हैं इस बारे में।
रूस ने अंतरराष्ट्रीय स्टेशन के लिए अपना विशालकाय 2.1 ए सोयुज रॉकेट प्रक्षेपित किया है। यह आगामी 50 घंटे में आईएसएस पहुंच जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन पहुंच गए हैं और उन्होंने वहां से बात भी की है। वो वहां गाजर का हलवा और आमरस लेकर गए हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि उस स्पेस स्टेशन की जिंदगी जल्द ही खत्म होने वाली है। जानें उससे जुड़ी खास बातें...
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने ISS में गाजर का हलवा, मूंग दाल हलवा और आम रस जैसे भारतीय व्यंजन खिलाए। उन्होंने PM मोदी से 18 मिनट बात की और अंतरिक्ष में हो रहे वैज्ञानिक प्रयोगों की जानकारी दी।
पीएम मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बातचीत की। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस बात की जानकारी दी गई है।
Axiom 4 Mission के तहत भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यान आईएसएस में सफलतापूर्वक डॉकिंग की। इसके बाद उनके साथ मौजूद अन्य तीन अंतरिक्ष यात्रियों को आईएसएस में पहले से मौजूद एस्ट्रोनॉट्स ने गले लगा कर स्वागत किया।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री और एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचते ही अब एक नया इतिहास रच दिया है। उनका अंतरिक्ष अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में डॉकिंग कर चुका है।
भारत के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ऐक्सिओम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा पर निकल गए हैं, जब पृथ्वी से अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन की दूरी 400 किलोमीटर ही है तो इस यात्रा में शुभांशु शुक्ला को 28 घंटे क्यों लगेंगे?
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 11 जून को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से जुड़ेंगे। नासा के Ax-4 मिशन के तहत शुभांशु और उनकी टीम की लॉन्चिंग 10 जून को होनी है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री और वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला आगामी 10 जून को अमेरिका से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए उड़ान भरेंगे। वह ड्रैगन कैप्सूल से अंतरिक्ष जाएंगे। यह समस्त भारत के लिए गर्व का पल होगा।
Axiom-4 स्पेस मिशन कई मायनों में भारत के लिए बेहद खास होने वाला है, जिसमें भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभाने वाले हैं। चलिए बताते हैं कि यह स्पेस मिशन आखिर है क्या?
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