आज से 4 दशक पहले राकेश शर्मा अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने थे। ऐसे में अब चार दशक बाद 39 वर्षीय भारतीय वायु सेना के अधिकारी शुभांशु शुक्ला स्पेस की यात्रा करने वाले हैं। इस बीच शुभांशु शुक्ला फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर में अपने प्री लॉन्च क्वारंटीन के अंतिम चरण में हैं। वह रविवार यानी 8 जून को एक ड्रैगन अंतरिक्ष यान का संचालन करेंगे जो तीन अन्य लोगों को धरती से लगभग 400 किमी दूर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) तक ले जाएगा। बता दें कि शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर कदम रखने वाले पहले भारतीय होंगे, जो वहां अलग-अलग प्रयोग और अध्ययन करते हुए 2 सप्ताह आईएसएस पर बिताएंगे।
कब लॉन्च होगा Axiom-4 मिशन?
बता दें कि Axiom-4 यानी AXIOM Mission 4 (Ax-4) एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन है, जो भारत, हंगरी और पोलैंड जैसे देशों के अंतरिक्ष यात्रा में नया अध्याय जोड़ेगा। बता दें कि शुभांशु शुक्ला इस मिशन में पायलट की भूमिका में होंगे। यह मिशन 8 जून 2025 को अमेरिका के कैनेड स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा।

क्या है Axiom-4 या Ax-4 मिशन?
Axiom-4 या Ax-4 मिशन एक स्पेस मिशन है जिसका संचालन एक प्राइवेट स्पेस कंपनी Axiom Space द्वारा किया जा रहा है। यह इस कंपनी का चौथा अंतरिक्ष मिशन है, जो स्पेस एक्स और नासा के साथ मिलकर किया जा रहा है। बता दें कि यह स्पेस मिशन अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाएगा और इसमें शामिल लोग 14 दिनों तक अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर रहेंगे। इस दौरान चालक दल के लोग वहां कई सारे प्रयोग करेंगे और अध्ययन करेंगे। बता दें कि यह स्पेस मिशन भारत, हंगरी और पोलैंड के लिए बेहद खास है क्योंकि 40 साल बाद इन देशों के अंतरिक्ष यात्री इसमें हिस्सा ले रहे हैं।
Axiom-4 या Ax-4 मिशन में कौन-कौन जा रहा है?
- शुभांशु शुक्ला: इस मिशन में शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभाएंगे, जो वर्तमान में भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन हैं। बता दें कि इसरो द्वारा मिशन गगनयान के लिए चुने गए चार यात्रियों में से शुभांशु शुक्ला एक हैं। शुभांशु शुक्ला का जन्म 1985 में उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। शुभांशु के पास 2 हजार घंटे के उड़ान का अनुभव है। Su-30 MKI, MiG 21, MiG 29, जैगुआर, हॉक जैसे विमानों को उड़ाने का अनुभव शुभांशु के पास है। इसके अलावा शुभांशु राकेश शर्मा के बाद स्पेस में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर जाने वाले पहले भारतीय होंगे।
- पेगी व्हिट्सन: पेगी व्हिट्सन अमेरिका के रहने वाली हैं जो इस मिशन की कमांडर हैं। पेगी नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री भी रह चुकी हैं। बता दें कि पेगी अमेरिका की सबसे अनुभवी अंतरिक्ष यात्रियों में से एक हैं, जो अंतरिक्ष में 675 दिन बिता चुकी हैं। यह उनका दूसरी प्राइवेट अंतरिक्ष मिशन है।
- स्लावोस उज्नांस्की-विस्निएव्स्की: स्लावोस पोलैंड के रहने वाले हैं और यूरोपियन स्पेस एजेंसी के प्रोजेक्ट अंतरिक्ष यात्री हैं। बता दें कि साल 1978 के बाद अंतरिक्ष जाने वाले यह दूसरे पोलिश यात्री होंगे। यह पेशे से वैज्ञानिक और इंजीनियर हैं।
- टिबोर कपु: यह हंगरी के रहने वाले हैं और हंगरी स्पेश ऑफिस के प्रतिनिधि हैं। बता दें कि साल 1980 के बाद स्पेस में जाने वाले हंगरी के ये दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे।
- बैकअप अंतरिक्ष यात्री: इसके अलावा भारत से बैकअप पायलट के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन को रखा गया है। इसके अलावा हंगरी से ग्युला सेरेनी बैकअप अंतरिक्ष यात्री हैं।

क्या है Axiom-4 या Ax-4 मिशन का उद्देश्य?
इस मिशन के मुख्य तीन उद्देश्य हैं, जिसमें पहला है वैज्ञानिक प्रयोग, दूसरा है तकनीकी प्रदर्शन और तीसरा है जागरुकता और शिक्षा। बता दें कि इस यात्रा के दौरान चालक दल 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिनमें से 7 प्रयोग भारत के हैं। इन प्रयोगों में कंप्यूटर स्क्रीन के दिमाग पर प्रभाव सायनोबैक्टीरिया और माइक्रोएल्गी की वृद्धि का अध्ययन, माइक्रोग्रैविटी में मेथी और मूंग जैसे बीजों के अंकुरण का अध्ययन, मांसपेशियों के कमजोर होने की जांच और उनके उपाय का अध्ययन किया जाएगा। इन प्रयोगों में 31 देश शामिल हैं।
इसके अलावा इस मिशन के जरिए नए उपकरण और तकनीकों का परीक्षण किया जाएगा, जैसे पहनने योग्य डिवाइस, और आईफोन सॉफ्टवेयर। इसके अलावा अंतरिक्ष मिशन पर जा रहा चालक दल बच्चों और शिक्षकों से आईएसएस से रेडियो के माध्यम से बात करेगा। बता दें कि नाइजीरिया और ब्राजील के स्कूल के बच्चों ने कुछ प्रयोग डिजाइन किए हैं जैसे अंतरिक्ष में गेंदों की टक्कर और पेंडुलम का अध्ययन, उसपर जागरूक करने का और शिक्षा देने का काम चालक दल करेगा।

Axiom-4 या Ax-4 सबंधित कुछ अहम बातें?
- मिशन कहां से होगा लॉन्च: नासा का कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा।
- मिशन कब होगा लॉन्च: 8 जून 2025 की शाम 6.41 बजे।
- अंतरिक्ष यान: स्पेस एक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान। इसे फॉल्कन 9 रॉकेट लॉन्च करेगा।
- अवधि: चालक दल आईएसएस पर 14 दिन तक रहेगा।
- कुल खर्च: 548 करोड़ रुपये
- अहमियत: यह मिशन गगनयान मिशन के लिए अनुभव देगा, जो भारत द्वारा साल 2026 में लॉन्च किया जाने वाला पहला स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन होगा।
Axiom-4 या Ax-4 भारत के लिए क्यों है खास?
यह मिशन भारत के लिए कई अलग-अलग मायनों में बेहद खास है। इसके जरिए भारत इतिहास रचने जा रहा है। दरअसल शुभांशु शुक्ला साल 1984 के बाद अंतरिक्ष जाने वाले पहले भारतीय यात्री होंगे। वहीं साल 2026 में भारत जो मिशन गगनयान लॉन्च करने वाला है। इस मिशन के जरिए हमें काफी कुछ सीखने को मिलेगा। इसके अलावा भारत के 7 प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में अनुसंधान को बढ़ावा देंगे। वहीं यह मिशन नासा, ईएसए और स्पेस एक्स के साथ भारत के बढ़ते सहयोग को दर्शाता है। साथ ही शुभांशु शुक्ला की कहानी सालों तक भारत के हर युवा को और आने वाली नई पीढ़ियों के लिए मिसाल बनेगी।