नई दिल्लीः रूस के राष्ट्रपति पुतिन की भारत यात्रा अमेरिका को एक और बड़ा झटका देने वाली है। ट्रंप के टैरिफ के असर को कम करने के लिए पुतिन भारत और यूरेशियाई आर्थिक संघ(ईएईयू) के बीच एक अहम समझौता करवाने वाले हैं। भारत ईएईयू के साथ इस बाबत पहले दौर की वार्ता एक हफ्ते पहले कर चुका है। अब पुतिन चाहते हैं कि इस समझौते पर जल्द से जल्द हस्ताक्षर हो। यह समझौता होने के बाद भारत के व्यापार को और अधिक रफ्तार मिल जाएगी। इससे अमेरिकी टैरिफ को दूसरा सबसे बड़ा झटका लग सकता है। पीएम मोदी और पुतिन की इस रणनीति से अमेरिका की नींद उड़ी हुई है।
क्या है ईएईयू
ईएईयू यूरेशियाई देशों का आर्थिक संघ है। इसे यूरेशियाई आर्थिक संघ कहते हैं। भारत ईएईयू के साथ जल्द ही तरजीही व्यापार समझौता करने वाला है। इस समझौते के तहत वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी के प्रवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाएंगी। यह समझौता जहां भारत को आर्थिक रफ्तार देगा, वहीं ट्रंप इससे ट्रंप के टैरिफ की हवा निकल जाएगी। ईएईयू में रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान जैसे यूरेशियाई देश शामिल हैं। भारत ने बीते 20 अगस्त को ईएईयू के इन पांचों देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते के लिए नियमों और शर्तों को अंतिम रूप दिया था।
भारत और रूस के बीच 70 अरब डॉलर का व्यापार
भारत और रूस के बीच फिलहाल 70 अरब डॉलर का व्यापार है, जो 2030 से पहले 100 अरब डॉलर को पार करने वाला है। इसके लिए भारत और रूस के कारोबारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। पुतिन ने भारत और ईएईयू के बीच होने वाले इस समझौते पर जल्द हस्ताक्षर की उम्मीद जताई है। इससे वस्तुओं, सेवाओं और पूंजी प्रवाह के क्षेत्र में आने वाली बाधाएं कम हो जाएंगी।
पुतिन ने कहा कि सिर्फ ऊर्जा मुद्दों पर बात करने नहीं आए
रूस के राष्ट्रपति पुतिन भी भारत और ईएईयू के बीच होने वाले इस समझौते को लेकर बहुत उत्साहित हैं। इस समझौते को अमेरिकी टैरिफ के खिलाफ बड़ी काट के तौर पर देखा जा रहा है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम भारत में सिर्फ ऊर्जा समझौता करने नहीं आए हैं, बल्कि तेल और गैस आपूर्ति के अनुबंधों पर हस्ताक्षर होना भी मकसद है। पुतिन ने कहा कि रूसी कंपनियां भारत से उत्पादों की खरीद-फरोख्त को कई गुना बढ़ाने वाली हैं। उन्होंने आगे कहा कि मजबूत द्विपक्षीय निपटारे और विश्वासपरक भुगतान व बीमा व्यवस्था के बिना मुक्त व्यापार समझौते के बारे में सोचना भी असंभव है।
सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं भारत-रूस का रिश्ता
पुतिन ने कहा कि भारत का रिश्ता सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है। हम अपने देशों के बीच औद्योगिक सहयोग भी बढ़ाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हम कृत्रिम मेधा (एआई) में भी भारत का सहयोग करेंगे। क्योंकि इस क्षेत्र में रूस ने पहले ही काफी उन्नति हासिल कर ली है। (इनपुट-भाषा)
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