Saturday, April 20, 2024
Advertisement

S JaiShankar: रूस से संबंध और चीन से तनाव पर हुआ सवाल, विदेश मंत्री जयशंकर ने यूरोप-अमेरिका की खोलकर रख दी पोल

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्या रूस से गैस खरीदना युद्ध के लिए पैसे देना है। एस जयशंकर ने पूछा कि क्या यह केवल भारतीय पैसा है जो युद्ध को फंड कर रहा है, यूरोप को आ रही गैस युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रही?

Swayam Prakash Edited by: Swayam Prakash @swayamniranjan_
Updated on: June 03, 2022 18:14 IST
S Jaishankar's strict reply to Europe and USA- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV S Jaishankar's strict reply to Europe and USA

Highlights

  • यूरोप के दौरे पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर
  • रूस से तेल लेने और गेहूं निर्यात बैन पर बोले मंत्री
  • भारत के दुष्‍प्रचार पर यूरोप को दिया करारा जवाब

S JaiShankar: रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर यूरोप के दौरे पर स्‍लोवाकिया पहुंचे। यहां एक वार्ता के दौरान एस जयशंकर ने रूस से तेल लेने और गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने को लेकर हो रहे भारत के दुष्‍प्रचार पर यूरोप को करारा जवाब दिया है। एक सावल के जवाब में जयशंकर ने रूस से गैस का आयात कर रहे यूरोपीय देशों की पोल खोल कर रख दी। 

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्‍या रूस से गैस खरीदना युद्ध के लिए पैसे देना है। एस जयशंकर ने पूछा कि क्या यह केवल भारतीय पैसा है जो युद्ध को फंड कर रहा है, यूरोप को आ रही गैस युद्ध को बढ़ावा नहीं दे रही? इतना ही नहीं विदेश मंत्री ने ये भी कहा कि भारत के चीन के साथ बहुत तनावपूर्ण रिश्‍ते हैं लेकिन यूरोप इस पर कुछ नहीं बोलता।

अमेरिका और यूरोप की खोल दी पोल

गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध को लेकर फैलाए जा रहे प्रोपगेंडा पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि भारत ने इस साल अब तक 23 देशों को गेहूं का निर्यात किया है। जयशंकर ने इस दौरान उल्टा अमेरिका और यूरोप से ही सवाल कर दिया और पूछा कि क्‍यों अमेरिका, यूरोपीय देश ईरान के तेल को बाजार में नहीं आने दे रहे हैं, वे क्‍यों वेनेजुएला को बाजार में अपना तेल नहीं बेचने दे रहे हैं?

किसी धुरी में शामिल नहीं होगा भारत

एक सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा कि यह मत सोचो कि भारत के लिए किसी भी धुरी में शामिल होना जरूरी है। भारत अपनी पसंद बनाने का हकदार है जो उसके मूल्यों और हितों का संतुलन के हिसाब से होगी। अमेरिका के नेतृत्व वाली धुरी और चीन को दुनिया में एक और संभावित धुरी के रूप में पूछे जाने पर विदेश मंत्री ने ये करारा जवाब दिया।

भारत-चीन तनाव पर यूरोप को सुनाई खरी-खरी

स्‍लोवाकिया में विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि यूरोप एशिया की समस्‍याओं पर शांत बैठा है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के संबंध तनावपूर्ण दौर में हैं और ये यूक्रेन युद्द से कई साल पहले से चले आ रहे हैं। लेकिन यूरोप इसपर कुछ नहीं बोला। जयशंकर ने एक सवाल का तीखे लहजे में जवाब देते हुए कहा कि यूरोप को इस मानसिकता से बाहर निकलना होगा कि उसकी समस्याएं दुनिया की समस्याएं हैं, लेकिन दुनिया की समस्याएं यूरोप की समस्याएं नहीं हैं। आज चीन और भारत के बीच के संबंध को देखा जा रहा है और यूक्रेन में क्या हो रहा है? 

जयशंकर ने कहा कि चीन और भारत के बीच का विवाद यूक्रेन से बहुत पहले चला रहा है। उन्‍होंने कहा कि यूरोप के बाहर बहुत सी चीजें हो रही हैं। दुनिया बदल रही है और नए खिलाड़ी आ रहे हैं। दुनिया यूरो केंद्र‍ीत नहीं रह सकती है। जयशंकर ने कहा कि हमारे चीन के साथ संबंध बुरे दौर में हैं लेकिन हम इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं।

भारत के खिलाफ दुष्‍प्रचार पर तीखा जवाब 

भारतीय विदेश मंत्री ने रूस से तेल खरीदने को लेकर पश्चिमी देशों भारत के खिलाफ हो रहे दुष्‍प्रचार पर भी जवाब दिया है। पश्चिमी मीडिया में यह दिखाने की कोशिश हो रही है कि रूस से तेल खरीदकर भारत पुतिन की यूक्रेन युद्ध में आर्थिक मदद कर रहा है। रूस की युद्ध में आर्थिक मदद करने के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि इसका कोई आधार नहीं है। अमेरिका बहुत चिंतित है तो वह ईरान और वेनेजुएला के तेल को बाजार में आने दे। विदेश मंत्री ने कहा कि हम लोगों को रूसी तेल खरीदने के लिए नहीं भेजते हैं। हम उन्‍हें तेल खरीदने के लिए भेजते हैं। आप बाजार में सबसे अच्‍छा तेल खरीदो, हम यह कहते हैं। 

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement