- परामर्श शुल्क के तौर मिलने वाला भुगतान अगर सालाना 30,000 रुपए से ज्यादा होता है तो टीडीएस 10 फीसदी की दर पर कटता है।
- अगर बैंक किसी व्यक्ति को ब्याज के भुगतान के तौर पर 10000 रुपए प्रति वर्ष से ज्यादा देता है तो 10 फीसदी की दर से टीडीएस कटता है। हांलाकि अगर वह व्यक्ति किसी अन्य बैंक को ब्याज के रूप में कोई राशि दे रहा है तो यह सीमा 5000 रुपए की होती है।
- अगर किसी चालान की राशि 30,000 से ऊपर या सालाना 75,000 रुपए से ऊपर की बैठती है तो मजदूरी अनुबंध में टीडीएस 2 फीसदी की दर से काटा जाता है।
- विज्ञापन अनुबंध के संदर्भ में टीडीएस कटौती की दर 1 फीसदी होती है।
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