Saturday, May 04, 2024
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संसद में गतिरोध समाप्त करने के लिए ऑनलाइन अभियान शुरु

नई दिल्ली: संसद में जारी गतिरोध के खिलाफ जारी ऑनलाइन अभियान में राहुल बजाज, आदि गोदरेज व किरण मजूमदार शॉ सहित अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हो गए हैं। इस ऑनलाइन याचिका अभियान में अब तक

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Updated on: August 13, 2015 13:38 IST
संसद का गतिरोध थामने...- India TV Hindi
संसद का गतिरोध थामने के लिए ऑनलाइन अभियान जारी

नई दिल्ली: संसद में जारी गतिरोध के खिलाफ जारी ऑनलाइन अभियान में राहुल बजाज, आदि गोदरेज व किरण मजूमदार शॉ सहित अनेक प्रमुख उद्योगपति शामिल हो गए हैं। इस ऑनलाइन याचिका अभियान में अब तक कुल मिलाकर 17000 लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं और इसमें सभी राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि संसद में गतिरोध समाप्त किया जाए।

निराश याचिककर्ताओं द्वारा संसद में आर्थिक सुधारों से जुड़े प्रमुख विधेयकों को पारित कराने के लिए सहयोगपूर्ण व परामर्श प्रक्रिया शुरू करने के आह्वान को वित्त मंत्री अरूण जेटली का समर्थन मिला है वहीं जनता दल(यू) के प्रमुख शरद यादव ने इसका इस्तेमाल सरकार पर निशाना साधने में किया।

यादव ने कहा संसद पर पूंजीवादियों के इस हमले से यह आरोप साबित हो गया है कि भाजपा सरकार धन्नासेठों की सरकार है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा पांच दिन पहले शुरू किए गए ऑनलाइन अभियान पर इन्फोसिस के सह-संस्थापक क्रिस गोपालकृष्णन, हीरो ग्रुप के चेयरमैन पवन मुंजाल सहित अनेक प्रमुख उद्योगपतियों ने हस्ताक्षर किए हैं। वेबसाइट चेंज डॉट आर्ग पर 17000 से अधिक लोग पहले ही इस पर हस्ताक्षर कर चुके हैं।

इस याचिका के संबंध में सीआईआई ने कहा कि संसदीय निष्क्रियता से भारत का लोकतंत्र कमजोर हो सकता है। उद्योग मंडल ने कहा है हाल ही का घटनाक्रम निराश करने वाला हैं इसके कारण संसद में लोगों की आस्था कमजोर हो सकती है। इसलिए हम सभी राजनीतिक दलों से आग्रह करते हैं कि वे संसद में सहयोगी और परामर्शक प्रक्रिया अपनाएं और इसे चलने दें।

जेटली ने कहा , भारतीय लोकतंत्र और भारतीय संसद के सुचार संचालन में समाज के हर वर्ग की रुचि है। इस लिए मेरी राय में ऐसी सोच या विचार को खारिज किया जाना चाहिए कि संसद के बाहर का कोई व्यक्ति यह राय नहीं दे सकता कि संसद को सुचार रूप से चलना चाहिए।  

उद्योगपतियों के अलावा आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर पीयूष कुमार सिन्हा और आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला जैसे अकादमीशियनों ने भी इस याचिका पर हस्ताक्षर किए हैं।

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